उदयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
आखिर भाजपा की तरफ से लगातार अपने खिलाफ निचले स्तर की भाषा का असर राहुल गांधी पर भी हो गया और और जवाबी हमले को तीखा करने के चक्कर में उन्हौने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पनौती कहा है। उन्होंने कहा- 'पीएम मतलब-पनौती मोदी।' शायद राहुल ने यह बात भारत की क्रिकेट टीम के वर्ल्ड कप फाइनल हारने के बाद सोशल मीडिया पर चल रहे मीम्स से उठाकर बोली।राहुल ने कहा कि अच्छा खासा लड़के वर्ल्ड कप जीत रहे थे, यह अलग बात है हरवा दिया। राहुल ने मंगलवार 21 नवंबर को बाड़मेर के बायतु और उदयपुर के वल्लभनगर में जनसभा को संबोधित किया।
उन्होंने कहा मोदी का काम आपके ध्यान को इधर-उधर करने का है। अडाणी का काम आपकी जेब काटना है। दोनों आते हैं, एक टीवी पर आता हैं। आपसे कहेगा हिंदू-मुस्लिम, कभी क्रिकेट मैच में चला जाएगा।
राहुल ने कहा- एक साल पहले कन्याकुमारी से कश्मीर तक हमने यात्रा की। 4500 किलोमीटर लाखों लोगों के साथ कश्मीर तक चले। बारिश, तूफान, बर्फ में पैदल चले। इसका मकसद था, भारत को जोड़ना। हमें लगा भाजपा देश में नफरत फैला रही है। हिंसा फैला रही है। एक जाति को दूसरी से और एक धर्म के लोगों को दूसरे धर्म के लोगों से लड़ा रही है। इसलिए हमने भारत जोड़ो यात्रा शुरू की।
ये नफरत और हिंसा क्यों फैलाते हैं और इनको क्या फायदा होता है। मैं आज ये समझाने आया हूं। जब दो जेबकतरे किसी की जेब काटना चाहते हैं तो क्या करते हैं? ध्यान हटाने का काम करते हैं। एक आता है आपसे बात करता है और पीछे से दूसरा आता है, आपकी जेब काटकर ले जाता है। हिंदुस्तान में सबसे बड़ा मुद्दा कौनसा है। बेरोजगारी, गरीबी और महंगाई। कभी टीवी पर आपने बेरोजगार युवा को देखा है, नहीं देखा होगा।
राहुल गांधी की सभा की 11 बातें....
1. भाजपा के नेताओं के बच्चे इंग्लिश मीडियम में पढ़ते हैं, आपको मना करते हैं
अमित शाह, राजनाथ सिंह जैसे भाजपा नेताओं के बच्चे अच्छे इंग्लिश स्कूलों में पढ़ते हैं। वहीं, वे आदिवासी बच्चों को नहीं पढ़ना देना चाहते। मैं चाहता हूं कि आदिवासी युवा अगर पायलट बनना चाहता है, अमेरिका जाना चाहता है उसका हक बनता है। आप असली मालिक हो इस जमीन के हक बनता है।
कांग्रेस पार्टी ट्राइबल बिल, मनरेगा लाई आपको अधिकार देने के लिए। बीजेपी ने जमीन अधिग्रहण बिल रद्द कर दिया और आप पर पेशाब करके कहते हैं आप आदिवासी हो। पहले नरेंद्र मोदी हर भाषण में कहता था कि आप वनवासी हो। जैसे ही मैंने ये बात बोली कि वनवासी और आदिवासी में फर्क है और नरेंद्र मोदी खबरदार आपने वनवासी शब्द का प्रयोग किया। उसके बाद नरेंद्र मोदी ने इस शब्द का प्रयोग बंद कर दिया। जब तक कांग्रेस पार्टी है आपको सारे अधिकार दिलवाएं जाएंगे।
2. गरीब-आदिवासियों को अधिकार देने के लिए जातिगत जनगणना जरूरी
इन लोगों को अधिकार और भागीदारी देने के लिए मैंने पार्लियामेंट में बात की। इनको ये अधिकार देना जरूरी और हिंदुस्तान का धन कितना आदिवासियों और दलितों के पास है ये पता लगाना पड़ेगा। इसके बिना भागीदारी की बात करना बिल्कुल खोखला है। मैंने पार्लियामेंट में कहा कि पहला कदम देश का एक्स-रे करना है।
देश में आदिवासियों-दलितों का दर्द दूर करने के लिए जाति जनगणना जरूरी है। मैंने पार्लियामेंट में नरेंद्र मोदी जी को बोला कि यूपीए के समय हमने ये आंकड़े निकाले थे आप जारी करो। जिस दिन मैंने ये बात की उस दिन से उनके भाषण बदल गए।
पहले कहते थे मैं ओबीसी हूं अब कहते हैं कि हिंदुस्तान में केवल एक ही जात है वो है गरीब। हालांकि, उन्होंने दूसरी बात नहीं कही कि एक जात अगर एक जात है गरीब है तो दूसरी जात अरबपतियों की है। अडाणी-अंबानी की अलग जात है।
3. देश को 90 अफसर चला रहे हैं
देश में किसको कितना पैसा मिलेगा ये केवल देश के 90 अफसर तय करते हैं। इनमें से केवल 3 अफसर पिछले वर्ग से आते हैं। अगर हिंदुस्तान की सरकार 100 रुपए खर्च करती है तो ये तीन अफसर केवल 10 पैसे पर निर्णय लेते हैं।
नरेंद्र मोदी की स्कीम की बात करता हूं फसल बीमा योजना। इस योजना का पैसा आता है जीएसटी से। आदिवासी-पिछड़े या सामान्य वर्ग के लोग एक लीटर पेट्रोल खरीदते हैं तो जीएसटी देते हैं और अडाणी भी उतनी ही जीएसटी दे रहा है, जितनी आप देते हो।
वो अरबपति है, लेकिन जीएसटी एक ही है। जीएसटी में जो पैसा आता है उसमें 50 प्रतिशत पिछड़ों का, करीब 15 प्रतिशत दलितों और करीब 12 प्रतिशत आदिवासियों का। फसल बीमा योजना में 35 हजार करोड़ लगता है।
इसमें 20 हजार करोड़ दिल्ली सरकार देती है, 10 हजार करोड़ स्टेट की सरकार देती है जीएसटी से और 5 हजार करोड़ किसान देता है। अब नरेंद्र मोदी की सरकार ये पूरा 35 हजार करोड़ 16 कंपनियों को दे देती है। इनमें एक दलित या आदिवासी नहीं है।
4. कंपनियां किसानों को पैसे देने से मना कर देती हैं
जब किसानों को नुकसान होता है तो ये 16 कंपनियां पैसा नहीं देती हैं। जबकि पैसा किसानों का ही है। कभी आपने किसी किसान या मजदूर को टीवी पर देखा है, नहीं दिखेगा। शाहरुख, ऐश्वर्या या क्रिकेट मैच दिख जाएगा, लेकिन किसान नहीं दिखेगा।
उधर उत्तराखंड में मजदूर फंसे हुए जमीन के नीचे, लेकिन टीवी पर केवल क्रिकेट दिख रहा है, थोड़ा उन मजदूरों को भी दिखा दो। मीडिया में नरेंद्र मोदी का 24 घंटे चेहरा आता है, क्योंकि मोदीजी अडाणी-अंबानी का काम करते हैं। ये अच्छा सौदा है, अडाणी-अंबानी इनका चेहरा दिखाते हैं, ये सारा जीएसटी का पैसा उधर भेजते हैं।
5. जो जेबकतरा करता है, वो ये लोग कर रहे हैं
इतना पैसा जा रहा है आपके जेब से आपको भी पता नहीं लग रहा। कितना पैसा अडाणी की जेब में जा रहा है, आप सोच नहीं सकते। आपको दर्द हो रहा है, आप बेरोजगार हो रहे हैं, लेकिन आप समझ नहीं पा रहे हो।
ये सारा पैसा अडाणी की जेब में जा रहा है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि 15 लाख रुपए आपकी जेब में आएगा, लेकिन नहीं आया। नरेंद्र मोदी ने कोविड में सब को नचाया, थाली बजवाई। इन्होंने कोरोना को फैलाया। मतलब ये एक ड्रामा है।
आपका ध्यान कभी इधर जाएगा कभी उधर। जेबकतरा जो करता है, वहीं आपके साथ हो रहा है। नरेंद्र मोदी का काम आपका ध्यान इधर-उधर करने का है, पीछे से अडाणी जेब काट लेता है।
ये एक टीम है। आपको कहा जाता है हिंदू-मुस्लिम। आप इसमें लगे रहते हो, पीछे से अडाणी ने जेब काट ली। आपको कहते हैं, देखो शाहरुख डांस कर रहा है, पीछे से आपकी जेब कट जाती है।
6. अडाणी मजदूरी करेगा तो बेहोश हो जाएगा
राजस्थान की किसी स्कीम में अडाणी को एक पैसा नहीं मिल रहा है। अगर वो मजदूरी करेगा तो उसे मनरेगा में पैसा मिलेगा, मजदूरी वो करने वाला नहीं है। मजदूरी करेगा तो वो बेहोश हो जाएगा, जमीन में लेट जाएगा, उसे पानी पिलाना पड़ेगा। कांग्रेस की सारी स्कीम गरीब-पिछड़ों के लिए है। भाजपा की सारी स्कीम अडाणी वाली स्कीम है।
मोदी की गारंटी मतलब अडाणी की गारंटी। मोदी की गारंटी है कि आपका ध्यान भटका दूंगा। पीछे से अडाणी जेब काट लेगा। ये पूरा देश जानता है। हमारी राजस्थान में 7 गारंटी हैं। सबसे पहले महिलाओं को हर साल 10 हजार रुपए मिलेंगे। इसमें से एक रुपया अडाणी को नहीं जाएगा। सिलेंडर यहां 400 रुपए का हो जाएगा, एक रुपया अडाणी को नहीं। चिरंजीवी योजना में चुनाव के बाद 50 लाख तक का इलाज हो जाएगा।
7. राजस्थान में सभी के लिए इंग्लिश मीडियम स्कूल
राजस्थान में हर बच्चे के लिए फ्री इंग्लिश मीडियम स्कूल खुल रहे हैं। यहां अंग्रेजी स्कूलों का जाल फैला दिया। भाजपा कहती है कि हिंदी सीखो, अंग्रेजी नहीं। हम कहते हैं हिंदी और अंग्रेजी दोनों सीखो। हिंदी में राजस्थान में बात करो। अगर कोई विदेशी राजस्थान आता है तो उससे अंग्रेजी में बात करो। हमें दो हिंदुस्तान नहीं चाहिए। यहां फ्री में गवर्नमेंट कॉलेज में लैपटॉप मिलेंगे। नरेंद्र मोदी जी ने सरकार कर्मचारियों का ओपीएस बंद कर दिया। हमने फिर से लागू कर दिया। उसमें एक रुपया अडाणी को नहीं जाता।
8. अग्निवीर योजना अडानी के लिए लाई गई
अडाणी को जितने हथियार बेचने हों, वो सही है। पूरा का पूरा डिफेंस सेक्टर अडाणी के हाथ में, वो सही है। लेकिन जो दलित-पिछड़े युवा देश की रक्षा करना चाहते हैं, वो नहीं है। नरेंद्र मोदी जी अग्निवीर का फायदा बताते हैं, क्या फायदा है। इसमें तो सिर्फ नुकसान है। हर स्कीम में वो अरबपतियों की मदद करते हैं।
हम हर स्कीम में गरीबों की, किसानों की मदद करते हैं। हमने जो भी किया है वो अगर भाजपा की सरकार आई तो सब गायब हो जाएगा और सारा फायदा केवल दो-तीन लोगों को जाएगा। इसलिए गरीब-आदिवासियों, पिछड़े और छोटे दुकानदारों की सरकार बनाइए।
9. जातिगत जनगणना की बात करते ही कहते हैं-कोई जात नहीं
पहले मोदी जी जहां भी जाते थे, भाषण में कहते थे मैं ओबीसी हूं। मैंने पॉर्लियामेंट में जातिगत जनगणना का मुद्दा उठाया। मैंने पीएम से कहा- अगर आप पिछड़ी जाति से है तो आप पिछड़ों के लिए कुछ कर दीजिए। जिस दिन मैंने जातिगत जनगणना की बात की, उस दिन से मोदी ने कहना शुरू कर दिया देश में कोई जात ही नहीं है।
10. 9 साल में मोदी ने 14 लाख करोड़ रुपए अरबपतियों का कर्ज माफ किया
मोदी कभी आपको इधर ले जाएगा, कभी उधर ले जाएगा। कभी आगे-पीछे और पूरा का पूरा फायदा उद्योगपतियों को। पिछले 9 साल में मोदी ने 14 लाख करोड़ रुपए हिंदुस्तान के अरबपतियों का कर्ज माफ किया। मैं इनसे पूछना चाहता हूं कि जो पैसा आपने इन लोगों को दिया, इनमें से दलित, किसान, आदिवासी, पिछड़ा कौन हैं?
11. भाजपा नफरत क्यों फैलाती है?
राहुल बोले- भाजपा नफरत क्यों फैलाना चाहती है? इसका कारण है बेरोजगारी और महंगाई से ध्यान हटाना है। भाजपा और आरएसएस चाहते हैं कि दलित-गरीबों को धन न मिल जाए। ये चाहते हैं कि पूरा का पूरा धन अरबपतियों के हाथ में रहे। आदिवासी-पिछड़े लोग इसके बारे में सवाल न उठाएं। हम आपको आदिवासी कहते हैं और वो आपको वनवासी कहते हैं।
आदिवासी वो लोग हैं जो इस भारत माता के पहले मालिक थे। जबकि वनवासी का मतलब वो लोग जो जंगल में रहते हैं। वनवासी के कोई अधिकार नहीं हैं। ये लोग तो जानवर जैसे होते हैं क्योंकि इनका किसी पर कोई अधिकारी नहीं होता। भाजपा के नेता को कभी आपने किसी जानवर पर पेशाब करते देखा है, नहीं देखा होगा। लेकिन आपने मध्य प्रदेश में भाजपा के विधायक को एक आदिवासी पर पेशाब करते देखा होगा। ये इनकी सोच है।
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