जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
जल जीवन मिशन घोटालों के मामले में ईडी की टीम ने जलदाय विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी सुबोध अग्रवाल समेत कई अधिकारियों के आवास और कार्यालय पर देर रात तक सर्च किया। राजस्थान में 26 जगहों पर छापेमारी की गई थी। पिछले दो से तीन महीनों में जल जीवन मिशन घोटाले को लेकर हुई ईडी की कार्रवाई में अब तक कुल 11.03 करोड़ कैश और अन्य सामान जब्त किया गया है। इसमें 6.50 करोड़ का सोना भी शामिल है।
ईडी के अधिकारियों ने नगदी और जब्त दस्तावेजों को जयपुर ईडी मुख्यालय में जमा करवा दिया है। कुछ गैजेट्स और डायरी को लेकर टीम दिल्ली गई। 16 नवंबर से पहले ईडी सुबोध अग्रवाल और महेश जोशी के ओएसडी संजय अग्रवाल को पूछताछ के लिए दिल्ली बुलाएगी।
ईडी ने बताया- जल जीवन मिशन घोटाले मामले में 3 नवंबर को कुल 26 जगहों पर सर्च किया। इसमें पीएचईडी एसीएस सुबोध अग्रवाल समेत कई सीनियर अधिकारियों और निजी व्यक्तियों के आवास और ऑफिस में तलाशी ली गई। तलाशी अभियान के दौरान कुल 48 लाख रुपए कैश, 1.73 करोड़ का बैंक बैलेंस, 2.21 करोड़ की संपत्ति के दस्तावेज, डिजिटल उपकरण और आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए हैं।
जानकारी यह भी है कि सुबोध अग्रवाल के एक निजी सहायक से महेश नगर इलाके में हुई पूछताछ के बाद कई दस्तावेज भी मिले हैं। इसमें जल जीवन मिशन घोटाले से जुड़े दस्तावेज और डायरी हैं, इसलिए संभावना है कि अलग-अलग तारीख को कुछ अन्य लोगों को भी पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है।
18 घंटे की सर्च
जयपुर और दिल्ली के ईडी अधिकारियों ने शुक्रवार सुबह 6 बजे से छापेमारी करना शुरू किया था। छापेमारी के बाद सर्च रात करीब 12 बजे तक चली। इन 18 घंटों में ईडी को तीन डायरी, एक पेन ड्राइव, हार्ड डिस्क मिली है। वहीं, प्रॉपर्टी कारोबारी संजय बड़ाया के करीबी प्रॉपर्टी डीलर रामवतार शर्मा के आवास से 45 लाख रुपए कैश मिले हैं।
ईडी ने जगतपुरा में जमीनों पर हुए इन्वेस्टमेंट के दस्तावेज, प्रॉपर्टी डीलर आलोक खंडेलवाल के प्रॉपर्टी में किए गए निवेश के दस्तावेज जब्त किए हैं। ये लोग सुबोध अग्रवाल के करीबी बताए जा रहे हैं। साथ ही जानकारी सामने आई है कि जोधपुर के एक प्रॉपर्टी कारोबारी के घर से भी ईडी को दस्तावेज मिले हैं।
करीब 2 महीने पहले भी ईडी ने जयपुर में अलग-अलग जगह रेड की थी। सर्च के दौरान ढाई करोड़ रुपए कैश और सोने की ईंट मिली थी। ईडी को संजय बड़ाया और कल्याण सिंह कव्या के घर से कई दस्तावेज भी मिले थे। इसके बाद सीनियर आईएएस अधिकारी (जलदाय विभाग के ACS) सुबोध अग्रवाल का नाम सामने आया था।
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