सीएम अशोक गहलोत के नजदीकी और रीको डायरेक्टर सुनील परिहार का कांग्रेस सरकार को दिया 48 घंटों का अल्टीमेटम आज शुक्रवार को पूरा हो गया। उन्होंने कहा- लोगों की जनभावना और सिवाना के जनता के समर्थन से मैं चुनाव लड़ने की घोषणा करता हूं।
उन्होंने शुक्रवार शाम एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की। जिसमें उन्होंने कहा- 48 घंटे तक दिल्ली में कांग्रेस हाईकमान था। अब यहां सिवाना का कांग्रेस कार्यकर्ता हाईकमान है।
बता दें कि परिहार बाड़मेर जिले की सिवाना सीट से पूर्व सांसद कर्नल मानवेंद्र सिंह को टिकट मिलने के बाद से नाराज थे। परिहार ने शुक्रवार का सिणधरी सभा में निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी। उन्होंने जनता के निर्णय को अंतिम निर्णय बताते हुए 6 नवंबर को नामांकन-पत्र दाखिल करने की बात कही।
मैंने कार्यकर्ताओं की मांग को स्वीकार किया: परिहार
सुनील परिहार ने कहा कि 1 नवंबर को कार्यकर्ताओं व समर्थकों के साथ मीटिंग की। सिवाना सीट पर उतारे उम्मीदवार पर दुबारा विचार करने की अपील हाईकमान से की थी। साथ ही 48 घंटों का समय दिया था। इसी कड़ी में 2 नवम्बर को भी समदड़ी में कार्यकर्ताओं और जनता के साथ मीटिंग की।
आज शुक्रवार तक हाईकमान की तरफ से कोई रिस्पांस नहीं आया तो सर्वसम्मति से चुनाव लड़ने का फैसला किया है। मेरे साथ जुड़े कार्यकर्ताओं और जनता ने चुनाव लड़ने की अपील की है। सिवाना, समदड़ी और सिणधरी में कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की मांग की थी। सिणधरी में मैंने आज कार्यकर्ताओ व समर्थकों की मांग को स्वीकार कर लिया है और निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। 6 नवंबर को कार्यकर्ताओं व समर्थकों के साथ सिवाना सीट से नामांकन पत्र दाखिल करूंगा।
शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान परिहार ने कहा- मेरी किसी प्रत्याशी से कोई नाराजगी नहीं है। मेरी तैयारी बूथ लेवल पर है और हमने काम किया है। जब मैंने अल्टीमेटम दिया तब तक दिल्ली में कांग्रेस हाईकमान था। अब मेरे क्षेत्र के कार्यकर्ता हाईकमान है। उन्होंने फैसला लिया है कि चुनाव लड़ना है।
परिहार को बनाया था जोनल इंचार्ज
कांग्रेस पार्टी ने टिकट कटने से नाराज सुनील परिहार को मनाने के लिए डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश भी की थी। एक दिन पहले गुरुवार को सुनील परिहार को राजस्थान चुनाव में कांग्रेस का जोनल इंचार्ज बनाया। हालांकि परिहार इससे संतुष्ट नहीं थे और उन्होंने शुक्रवार को सिणधरी में सभा करने के साथ चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया।
ये था पूरा मामला
कांग्रेस ने 31 अक्टूबर की रात चौथी-पांचवीं लिस्ट में 61 प्रत्याशियों के नाम घोषित किए। जैसे ही घोषणा हुई बाड़मेर जिले में बगावत के सुर तेज हो गए। इस लिस्ट में पार्टी ने सिवाना (बाड़मेर) से पूर्व सांसद कर्नल मानवेंद्र सिंह को टिकट दिया है। पार्टी के इस निर्णय के खिलाफ रीको डायरेक्टर और सीएम अशोक गहलोत के नजदीकी सुनील परिहार ने मोर्चा खोल दिया।
पिछले चुनाव में भी हुई थी बगावत
2018 के चुनाव में भी ठीक इसी तरह के समीकरण बैठे थे। कांग्रेस के उम्मीदवार ने सिवाना सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी थी। दरअसल, साल 2018 के चुनाव में बीजेपी ने दूसरी बार हमीर सिंह भायल को टिकट दिया था। कांग्रेस ने पंकज प्रताप सिंह को टिकट देकर चौंकाया था। इसके बाद सिवाना के स्थानीय कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने बगावत कर बालाराम चौधरी को निर्दलीय चुनाव लड़ाया।
इधर, आरएलपी ने सताराम को मैदान में उतारा था। इस तरह चार उम्मीदवार होने से मुकाबला रोचक हो गया। यहां से हमीर सिंह भायल 957 वोटों से जीते थे। हमीर सिंह भायल की टक्कर निर्दलीय बालाराम के साथ हुई थी। बालाराम को 49,700 वोट मिले थे। हमीर सिंह भायल को 50,657 वोट मिले थे।
6 नवंबर को कांग्रेस-बीजेपी और निर्दलीय प्रत्याशी करेंगे नामांकन
सिवाना सीट पर सुनील परिहार के निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद अब एक ही दिन 6 नवंबर को कांग्रेस के प्रत्याशी मानवेंद्र सिंह, बीजेपी के प्रत्याशी हमीर सिंह भायल और सुनील परिहार नामांकन-पत्र दाखिल करेंगे।
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