प्रदेश में भाजपा-कांग्रेस ने अपनी चुनावी बिसात बिछा दी है हालांकि दोनों पार्टियों के ऊंट और घोड़ों को कुछ बागी हाथियों का सामना करना पद रहा है। के सभी प्रत्याशी सामने आ चुके हैं। टिकट बांटने से पहले सभा पार्टियों ने लम्बे चौड़े दावे किए थे लेकिन अब हकीकत सभी के सामने है। सदन में महिला आरक्षण विधेयक पारित होने के बाद भी दोनों में से कोई भी दल महिला प्रत्याशियों को 33 प्रतिशत के आंकड़े के इर्द-गिर्द नहीं पहुंचा पाया है। कांग्रेस ने 14 प्रतिशत और भाजपा ने 10 प्रतिशत महिलाओं को टिकट दिया है। यही नहीं, पिछले चुनाव की तुलना करें तो दोनों ही दलों के प्रत्याशियों की औसत उम्र या तो स्थिर रही है या एक से दो प्रतिशत तक बढ़ी ही है, घटी नहीं।
लंबी जद्दोजहद चलने के बावजूद दोनों दलों के कुल 400 प्रत्याशियों में से केवल 80 नए चेहरे सामने आए हैं। इनमें कांग्रेस ने अपने 199 में से 34 नए चेहरे मैदान में उतारे हैं जबकि भाजपा से 46 नए चेहरों पर दांव खेला है। वहीं, कांग्रेस ने इस बार 28 महिलाओं को जबकि भाजपा ने 20 महिलाओं को चुनाव लड़ने का मौका दिया है।
कांग्रेस से दो निर्दलीय को टिकट नहीं : कांग्रेस ने अपनी सरकार का साथ देने वाले निर्दलीयों में से दो को टिकट नहीं दिया है। इनमें आलोक बेनीवाल ने फिर से पर्चा भरा है जबकि सुरेश टाक चुनाव नहीं लड़ेंगे।
दोनों दलों में तवज्जो के दावे और सच
- कांग्रेस : 50% टिकट महिलाओं व 50 वर्ष से कम आयु वालों को देने का दावा था। अब 200 में से 11 ही इस उम्र के। यानी 44% से कम। इनमें 36 की उम्र 65 से अधिक।
- भाजपा : युवाओं-महिलाओं की संख्या बढ़ाने की बात की लेकिन आंकड़ा तय नहीं किया था। पार्टी ने जो प्रत्याशित घोषित किए, उनकी औसत उम्र पिछली बार के बराबर ही है।
भाजपा : 10 विधायकों के टिकट काटे
कैलाश मेघवाल-शाहपुरा, ललित ओस्तवाल-बड़ी सादड़ी, चंद्रभान आक्या-चित्तौड़गढ़, शोभारानी कुशवाहा-धौलपुर, अशोक लाहोटी-सांगानेर, सुभाष पूनिया-सूरजगढ़, सूर्यकांता व्यास-सूरसागर, माेहनराम चाैधरी-नागौर, धर्मनारायण जोशी-मावली, हरेंद्र निनामा-घाटोल।
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