जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
राजकाज ने पाठकों को पहले ही बता दिया था कि पूर्व CM वसुंधरा राजे को झोटवाड़ा से बागी ताल थोक रहे अपने समर्थक राजपाल शेखावत की मानाने की जिम्मेदारी दी गई है। राजे ने राजपाल से फोन पर बात की जिसके बाद राजपाल और भाजपा हाई कमांड के बीच बातचीत शुरू हुई नतीजतन भाजपा की पहली सूची से ही प्रदेश के बीजेपी नेताओं में विरोध का बिगुल बजाने वाले राजपाल सिंह के सुर बदल गए हैं। हुआ यूं कि अमित शाह ने अरुण सिंह को फोन करके राजपाल से बात करने के लिए कहा। अरुण सिंह ने राजपाल को फोन करके बुलाया और समझाया। गुरुवार शाम 6 बजे राजपाल ने कोर कार्यकर्ताओं को प्रताप सर्किल गोकुलपुरा स्थित आरके पैराडाइज मैरिज गार्डन में राजपाल ने एकत्रित किया।
उन्होंने कहा- अमित शाह ने जिस प्रकार से वादा किया है, भरोसा दिया है, उसे बारे में सोचना चाहिए।उन्होंने कार्यकर्ताओं से मन की बात देर रात तक बताने के लिए कहा। हालांकि मैसेज मान लिया गया है कि वह गुरुवार को नामांकन वापस लेंगे।
उधर, कांग्रेस भी बागी प्रत्याशियों को मनाने की कोशिश कर रही है, लेकिन कई प्रत्याशी चुनाव लड़ने पर अड़े हैं। कई प्रत्याशी फोन नहीं उठा रहे हैं या फोन बंद कर कहीं पर चले गए हैं।
मैंने फोन ही नहीं उठाया
जमवारामगढ़ विधासनभा से कांग्रेस की बागी सुमन मीणा ने कहा कि मेरा मानस तो पहले ही दिन से क्लियर था कि मुझे चुनाव लड़ना है। इसलिए मैंने किसी का फोन ही नहीं उठाया।
फोन दो दिन से आ रहे हैं
हवामहल विधासनभा से कांग्रेस के बागी गिरीश पारीक ने कहा- मेरे पास दो दिन से बड़े नेताओं के लगातार फोन आ रहे हैं। कह रहे हैं कि आप नाम वापस ले लो, लेकिन मैं कार्यकर्ताओं से चर्चा कर निर्णय लूंगा।
कांग्रेस में सीएम अशोक गहलोत, प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, दिल्ली से आए पूर्व प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक बागियों को मनाने में जुटे हैं, जबकि भाजपा में प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने रूठों को मनाने का मोर्चा संभाला है।
नामांकन की स्क्रूटनी से 35 प्रत्याशी चुनाव मैदान से बाहर
जयपुर जिले में 6 प्रत्याशियों ने बिना पार्टी सिंबल के नामांकन भर दिया। जांच में निर्वाचन आयोग ने इनके नामांकन खारिज कर दिए। 16 प्रत्याशियों ने पेन और आयकर विवरण की सही जानकारी नहीं भरी तो 9 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र गलत भर दिए। जिले में 19 विधानसभा सीटों पर चुनाव के लिए आए नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी में 35 प्रत्याशी चुनावी मैदान से बाहर हो गए।
निर्वाचन आयोग की जांच में पाया कि किसी उम्मीदवार ने नामांकन पत्रों में प्रस्तावकों के पूरे नाम पते ही नहीं भरे। किसी ने पेन नंबर और बैंक का विवरण गलत भर दिया। किसी ने तहसील, नगर निगम, नगर पालिका, बिजली विभाग का अनापत्ति प्रमाण पत्र ही नहीं लगाए। किसी ने ईसीआई के कॉलम में पूरी जानकारी नहीं दी। ऐसे भी उम्मीदवार के नामांकन पाए गए जो अपने बारे में पूछी गई जानकारी पूरी नहीं दे पाए और कॉलम खाली छोड़ दिया। 7 दिन चली इस नामांकन प्रक्रिया में जयपुर में 289 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र भरा था।
किस विधानसभा सीट से कितने नामांकन पत्र खारिज
-आदर्श नगर विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा 31 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र भरा था। 9 उम्मीदवारों के नामांकन खारिज होने के बाद 22 ही रह गए हैं।
-सांगानेर से 26 ने नामांकन पत्र भरा, 6 खारिज, अब 20 ही बचे।
-आमेर में 4, शाहपुरा, विराटनगर, बस्सी, जमवारामगढ़ में 2-2, चौमूं में 3 और फुलेरा व चाकसू में 1-1 नामांकन खारिज।
ऐसी 5 विधानसभाएं हैं, जहां एक भी उम्मीदवार का नामांकन पत्र खारिज नहीं हुआ है। इसमें झोटवाड़ा, बगरू, मालवीय नगर, दूदू और कोटपूतली है।
इन कारणों से खारिज हुए नामांकन
विराटनगर विधानसभा
1. हरिराम गुर्जर: कांग्रेस व निर्दलीय नामांकन भरा, कांग्रेस से सिंबल नहीं मिलने पर कांग्रेस से भरा नामांकन निरस्त।
2. दिनेश सिंह शेखावत: राष्ट्रीय लोक सेवक पार्टी प्रत्याशी का फॉर्म भरा, नामांकन पर प्रस्तावकों के हस्ताक्षर नहीं होने के कारण निरस्त कर दिया।
आमेर विधानसभा
1. रेणु तोमर: आम आदमी प्रत्याशी के रूप में दो नामांकन भरे, सिंबल नहीं मिलने से दोनों निरस्त।
2. कालूराम बावरिया: आरएलपी व निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन भरा, सिंबल नहीं मिलने पर एक निरस्त।
3. दुलीचंद: एनआर प्रत्याशी के रूप में नामांकन भरा, लेकिन पार्टी की मान्यता नहीं होने के कारण नामांकन निरस्त।
बस्सी विधानसभा
1. निलेश मीणा: कांग्रेस व निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन भरा, लेकिन सिंबल नहीं मिलने के कारण एक निरस्त कर दिया।
2. कृष्ण कुमार मीणा: आप प्रत्याशी के तौर पर नामांकन भरा, सिंबल नहीं मिला, फॉर्म निरस्त कर दिया।
शाहपुरा विधानसभा
1. प्रीति चौधरी: आरएलपी व निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर फॉर्म भरा लेकिन सिंबल नहीं मिलने व नामांकन पर प्रस्तावकों के हस्ताक्षर नहीं होने के कारण दोनों फॉर्म निरस्त।
2. वीरेंद्र रूंडला: निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर फॉर्म भरा लेकिन नामांकन पर प्रस्तावकों के हस्ताक्षर नहीं होने के कारण नामांकन निरस्त कर दिया।
जमवारामगढ़ विधानसभा
1. गोपीराम मीणा: बसपा प्रत्याशी के रूप में नामांकन किया, सिंबल नहीं मिलने के कारण निरस्त।
2. दीपक मीणा: राष्ट्रीय भक्ति दल से नामांकन भरा, लेकिन मतदाता सूची प्रमाणित नहीं होने से नामांकन निरस्त हो गया।
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