प्रधान संपादक प्रवीण दत्ता की कलम से
ए स्टिच इन टाइम, सेव्स नाइन
माने - वक़्त पर उठाए कदम, बाद की मुश्किलात से बचाते हैं।
अंग्रेजी की यह कहावत भूल गई भाजपा
भाजपा के लिए कांग्रेस से बड़ा सिरदर्द बन गए हैं पार्टी के बागी प्रत्याक्षी !
बागियों के विद्रोह का डैमेज कंट्रोल करने के लिए केन्द्रीय मंत्री कैलाश चौधरी के नेतृत्व में कमेटी बनाई गई थी।
इसमें चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक नारायण पंचारिया और सांसद राजेन्द्र गहलोत भी हैं।
लेकिन यह कमेटी हुई फेल।
PM मोदी,राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और अमित शाह इस बात से हैं चिंतित।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह अपने एक दिवसीय दौरे में भी स्थानीय नेताओं से बागियों को मनाने की रणनीति पर किया विचार।
अजमेर के सांसद और किशनगढ़ के प्रत्याशी भागीरथ चौधरी से भी किशनगढ़ के एयरपोर्ट पर जिले के बागियों के बारे में बातचीत की।
अब केंद्रीय मंत्री और प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रहलाद जोशी ने भी नाराज नेताओं को मनाने का सिलसिला तेज कर दिया हैं।
प्रभारी जोशी ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को लिया 'कॉन्फिडेंस में'।
मंगलवार को प्रभारी जोशी ने पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी और डॉ.अरुण चतुर्वेदी से मंत्रणा की।
पार्टी ने दोनों पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अरुण चतुर्वेदी और अशोक परनामी का टिकट काट दिया था।
भाजपा ने बागियों को मनाने की रणनीति में किया है बदलाव।
अब इसमें कोर कमेटी के नेताओं के साथ प्रदेश के नेता भी जुट गए हैं।
चित्तौडगढ़ सीट से बागी भाजपा विधायक चन्द्रभान सिंह आक्या को मनाने की कोशिश तेज।
सांचौर से जीवाराम चौधरी, झोटवाड़ा से राजपाल सिंह शेखावत, कोटपुतली से मुकेश गोयल से खोले मनाने के 'सीक्रेट चैनल'
शिव से रविन्द्र सिंह भाटी, शाहपुरा से कैलाश मेघवाल, खंडेला से बंशीधर बाजिया सहित अन्य बागी की मान मनुहार हुई शुरू।
भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ को दी चित्तौडगढ़ सीट की जिम्मेदारी।
केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव तिजारा में बिगड़ी बनाएंगे !
पूर्व CM राजे को झोटवाड़़ा में अपने समर्थक राजपाल को मनाने का जिम्मा।
अब प्रहलाद जोशी, अरुण सिंह, संगठन महामंत्री चन्द्रशेखर मिश्रा, सांसद घनश्याम तिवाड़ी भी 'मिशन मान मनुहार' में हैं जुटे।
लेकिन भाजपा की रणनीति हो रही है फेल।
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