उदयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
आखिर नगर विकास प्रन्यास (यूआईटी) उदयपुर अब प्रमोट होकर उदयपुर विकास प्राधिकरण (यूडीए) हो गया है। चुनाव आचार संहिता लगने से पहले सरकार ने इसके चेयरमैन के लिए जिम्मेदारी उदयपुर के संभागीय आयुक्त राजेन्द्र भट्ट को अतिरिक्त कार्यभार के रूप में दी।
वे इस प्राधिकरण के पहले अध्यक्ष होंगे। जब यूआईटी थी तब राजनीतिक चेयरमैन की नियुक्ति नहीं होने से यहां जिला कलेक्टर चेयरमैन का जिम्मा संभालते आए है। अब प्रमोशन के बाद इसका चेयरमैन संभागीय आयुक्त को बनाया गया है।
आचार संहिता लगने से पहले 9 अक्टूबर के निकले आदेश के साथ ही सोमवार को राजेन्द्र भट्ट को यह जिम्मेदारी दे दी गई। इसके साथ ही वहां लगे यूआईटी के बोर्ड की जगह उदयपुर विकास प्राधिकरण के नाम के बोर्ड लगा दिए।
राज्य सरकार ने उदयपुर यूआईटी को हाल ही विकास प्राधिकरण बनाया गया था। इसके बाद अब यहां जोन वाइज आयुक्त, सचिव, निदेशक वित्त से लेकर विभिन्न प्रशासनिक पदों पर होने वाली अन्य नियुक्तियां फिलहाल नहीं की गई हैं।
पिछले दिनों ही UDH ने उदयपुर विकास प्राधिकरण (यूडीए) के गठन की अधिसूचना जारी की थी। इससे यूडीए की शक्तियां बढ़ जाएगी इसके तहत अब उदयपुर से जयपुर कई फाइलें नगरीय विकास विभाग को नहीं जाएगी क्योंकि ये पावर यहीं मिल जाएंगे। इससे ऐसे फैसलों के लिए जयपुर के चक्कर कम होंगे।
जुलाई में विधानसभा में विधेयक पारित किया था
24 जुलाई को राजस्थान विधानसभा में उदयपुर विकास प्राधिकरण विधेयक-2023 को पारित किया गया। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने राज्य बजट में यूडीए का ऐलान किया था।
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