बीकानेर ब्यूरो रिपोर्ट।
भारतीय जनता पार्टी की दूसरी सूची की उलटी गिनती शुरू हो गई है। किसी भी वक्त ये जारी हो सकती है। मौजूदा सूची में करीब 72 में से 10 से 12 सिटिंग विधायकाें के कटने की बात सामने आ रही है लेकिन बीकानेर के तीनों ही सिटिंग विधायकों को टिकट मिल सकता है। अचानक कोई बदलाव ना हुआ तो तीनों ही सिटिंग विधायक फिर से उम्मीदवार बनेंगे।
उधर कांग्रेस ने भी अपने तीनाें सिटिंग विधायक जाे मंत्री भी हैं उनके टिकट लगभग तय हैं। कांग्रेस की सूची देर रात तक जारी हाेने की उम्मीद है। दूसरी ओर कुछ अहम राजनीतिक मुलाकातें भी हुई हैं जो टिकट बंटवारे और जीत हार के समीकरणों को प्रभावित कर सकती हैं।
भाजपा की दूसरी सूची में ज्यादातर निर्णय मौजूदा विधायकों पर होगा। बीकानेर में भाजपा के तीन विधायक हैं। पूर्व से सिद्धि कुमारी, लूणकरणसर से सुमित गाेदारा और नाेखा से बिहारीलाल बिश्नाेई। सूत्र बताते हैं कि नोखा को लेकर पार्टी में ज्यादा चर्चा हुई। अशोक धारणिया का नाम ऊपर तक पहुंच गया। लेकिन आखिरी वक्त में मौजूदा विधायक बिहारी पर सहमति बनी। क्योंकि बिहारी बिश्नोई पश्चिमी राजस्थान में इस समाज के इकलौते विधायक हैं।
उन्होंने विधानसभा में मुद्दे उठाने से लेकर समाज में भी पैठ बढाई है ऐसे में भाजपा बिश्नोई समाज से बैर नहीं लेना चाहती। खबर ये भी है कि कोलायत से देवी सिंह भाटी का भी टिकट तय है लेकिन उसका एलान तीसरी सूची में जा सकता है। खाजूवाला में अब डॉ.विश्वनाथ मेघवाल और केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल के नाम पर ही चर्चा हाे रही। भाजपा कानून मंत्री को चुनाव लड़ाना चाहती है मगर वे लगातार इनकार कर रहे हैं। फिर भी अर्जुन मेघवाल को सोचने का मौका देने के कारण होल्ड पर रखा गया।
उधर कांग्रेस ने सूची तैयार कर ली है। इसमें पश्चिम से डाॅ.बी.डी.कल्ला, काेलायत से भंवर सिंह भाटी और खाजूवाला से गाेविंदराम मेघवाल का नाम तय है। नाेखा से रामेश्वर डूडी की पत्नी सुशीला डूडी का टिकट तय माना जा रहा है। श्रीडूंगरगढ़ में समझाैते की चर्चा है। लूणकरणसर, बीकानेर पूर्व के टिकट अगली कड़ी में जारी हाेंगे।
बिहारी-मेघवाल के बीच दिल्ली में हुई मुलाकात
नोखा विधायक बिहारी लाल बिश्नोई और कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल के बीच दिल्ली में एक गोपनीय मुलाकात हुई। दोनों के बीच लंबे समय से खटास थी इसलिए ये मुलाकात अहम मानी जा रही है। बताते हैं कि दोनों के बीच करीब पौन घंटे बातचीत हुई। दोनों ने एक दूसरे से अपनी-अपनी बात कही।
गिले शिकवे भी कहे और सुने गए। सामने आया कि दोनों की ही आपसी व्यक्तिगत कोई बात नहीं निकली लेकिन दोनों के समर्थकों को लेकर देर तक बात हुई। इस बातचीत के दौरान दूसरे पार्टी नेताओं के नाम भी खूब गूंजे। जिनकाे लेकर इन दोनों के बीच खटास का कारण था। अब देखना ये है कि इस मुलाकात का आगे इन दोनों नेताओं के बीच संबंधों पर क्या असर होता है। राजनीतिक हलकों में खासी चर्चा हो रही है।
भाटी की झंवर के बाद इस मुलाकात के मायने :
भाजपा ज्वाइन करने से पहले पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी की नाेखा के पूर्व विधायक कन्हैयालाल झंवर से मुलाकात हुई थी। भाजपा ज्वाइन करने के बाद भाटी फिर एक मूर्ति अनावरण में शामिल होने पहुंचे तो वहां झंवर भी थे। इस पर बिहारी को एतराज इस बात का हुआ कि झंवर कांग्रेस के सदस्य हैं। वहां भाटी को नहीं जाना चाहिए था। हालांकि वो बात आई गई हो गई लेकिन मामला प्रदेश तक पहुंचा था। इधर अचानक से बिहारी का अर्जुनराम मेघवाल से मुलाकात को उसी से जाेड़कर देखा जा रहा है।
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