जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
कांग्रेस सरकार में गृह राज्यमंत्री रह चुके लूणकरनसर के पूर्व विधायक वीरेंद्र बेनीवाल के खिलाफ जयपुर के एक थाने में पारिवारिक सम्पति के विवाद का मामला दर्ज हो गया है। जिसमें बेनीवाल सहित परिवार के अन्य सदस्यों को नामजद किया गया है।
बेनीवाल के भाई बृजेंद्र बेनीवाल के बेटे रमित बेनीवाल ने ये मामला दर्ज कराया है। जिसमें कहा है कि उनके दादा और पूर्व विधायक भीमसेन चौधरी और दादी सुनीता चौधरी के नाम से जयपुर के बजाज नगर हाउसिंग कॉपरेटिव सोसायटी, जवाहर नगर जयपुर में राजस्थान आवासन मंडल का एक भूखंड, बीकानेर के सार्दुलगंज के सी सेक्टर में एक भूखंड और बीकानेर के सार्दुल कॉलोनी में एक प्लॉट है। ये सभी संपत्तियां भीमसेन चौधरी ने अपनी स्वयं की आय से पत्नी सुनीता चौधरी के नाम से खरीदी गई थी।
रमित का दावा है कि इन संपत्तियों में उनके पिता का भी हिस्सा है। इन संपत्तियों का हिस्सा नहीं किया जा रहा है। रमित का आरोप है कि अब इन संपत्तियों को वीरेंद्र बेनीवाल और उनके परिवार के सदस्य कूट रचित दस्तावेजों से अपने नाम करने की कोशिश कर रहे हैं।
रमित ने एफआईआर में आरोप लगाया है कि उसके व पिता के साथ गाली गलौज और मारपीट भी की गई। ये भी बताया गया कि ये संपत्ति वीरेंद्र बेनीवाल की मां के नाम से थी, जो उन्होंने अपने व परिवार के नाम करवा ली। बेनीवाल के नाम हुई वसीयत को भी उनका भतीजा कूट रचित बता रहा है। रमित का आरोप है कि उसे और उसके पिता को जान से मारने की धमकी दी गई है। अदालत के माध्यम से इस्तगासा पेश करके ये एफआईआर जयपुर के शिप्रा पथ थाने में मामला दर्ज कराया है।
इधर, पूर्व गृह राज्य मंत्री वीरेंद्र बेनीवाल का कहना है कि उन्हें थाने में इस तरह के किसी मामले के दर्ज होने की जानकारी नहीं है। सिविल मामले अदालतों में चल रहे हैं, जिसमें कहीं पर इनके पक्ष को स्वीकार नहीं किया गया है।
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