जयपुर चुनाव डेस्क
2014 और 2019 के चुनावों से अलग इस बार कांग्रेस हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक के चुनाव से ही भाजपा को सोशल मीडिया पर कड़ी टक्कर दे रही है और यह शायद उसके मुख्य धरा के मीडिया के प्रचार को फीका कर रहा है। ऐसे में राजस्थान भाजपा ने तय किया है कि वो प्रदेश में कांग्रेस को हर मुद्दे पर घेरेगी। यह बात और है कि ऐसा करने में भाजपा का शीर्ष नेतृत्व तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश कर रहा है।
इसकी एक बानगी आज ही सामने आई जब कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं को भाजपा ज्वाइन करवाने के वक़्त भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी और नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कांग्रेस और CM गहलोत को घेरने का प्रयास किया।
राजेंद्र राठौड़ ने कहा- मुख्यमंत्री आचार संहिता लगने के बावजूद भी गारंटियां देकर चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं। ईडी की कार्रवाई के बाद जिस तरह की भाषा बोल रहे हैं। उचित नहीं है। पेपर लीक में डीपी जारोली ने कहा था कि मेरा कसूर नहीं। ऊपर बैठे लोगों के कहने पर सब किया। बाबूलाल कटारा ने भी सब कबूल लिया है। पैसा देने की बात मानी है। नौजवानों के अरमानों को लूटने वालों पर जब ईडी की जांच हुई तो उसके लिए किस तरह के शब्दों का प्रयोग किया जा रहा है।
यहां तथ्य यह है कि कांग्रेस ने आचार संहिता लागू होने के बाद अपने प्रचार में उसकी सरकार बनने पर 7 गारंटियों का वादा किया है जो कि हर पार्टी करती है। इसे अचार संहिता का उल्लंघन बताना अजीब लगता है। वैसे भी भाजपा तो अभी 'आपके सुझाव, हमारा संकल्प' अभियान समाप्त करके हटी आने वाले दिनों में वो भोई ऐसी घोषणाएं करती दिख जाएगी बशर्ते उनके उनका पार्टी हाई कमांड 'ओके' करे। राठौड़ ने ED के लिए प्रयुक्त शब्दों को लेकर कही। यहां यह बात दीगर है कि CM गहलोत ने छत्तीसगढ़ CM बघेल के शब्दों को को कोट करते हुए कहा था कि इस पर उन्हें गुस्सा आ रहा है।
सीपी जोशी ने 'कुत्ते' शब्द को ED कर्मचारियों का अपमान बताया।
सीपी जोशी ने पत्रकारों से कहा- भ्रष्टाचार रोकने का काम करने वाली एजेंसी ईडी के लिए मुख्यमंत्री ने कहा- यह कुत्ते हैं, यह कर्मचारियों का अपमान है। राजस्थान के कितने सरकारी कर्मचारी होंगे। कितने लोग भ्रष्टाचारी खिलाफ होते हैं। कोई गरीब किसान का बेटा दलित का बेटा लाखों युवाओं को न्याय दिलाने के लिए काम कर रहे हैं उनके लिए ऐसे शब्दों का प्रयोग मुख्यमंत्री करते हैं मैं उसकी निंदा करता हूं।
यहां भी सिर्फ कांग्रेस को काउंटर करने के लिए सीपी जोशी तथ्यों को तोड़-मरोड़ गए। CM गहलोत ने कहा था कि एक चुने हुए CM (भूपेश बघेल) को यह कहना पड़ा कि छत्तीसगढ़ में कुत्तों से ज्यादा ED घूम रही है। जिसका सीधा मतलब यह था कि छत्तीसगढ़ में ED जगह जगह सूंघती फिर रही है। गहलोत ने बघेल की इस बात को पीसीसी अध्यक्ष डोटासरा के घर ED की रेड से जोड़ते हुई यह बात कही थी। उन्होने कहीं भी किसी भी सरकारी कर्मचारी को 'कुत्ता' नहीं कहा था। यदि ऐसा होता तो अब तक राज्य कर्मचारी उन पर टूट पड़ते।
बहरहाल शुक्र है अभी बात 'सूंघने' तक ही पहुंची है वर्ना 'बटन दबाकर करंट लगवाने' की तकनीक तो पहले से ही उपलब्ध है। यूं प्रदेश की जनता भी 'आवारा श्वानों' के गले में पट्टा बांधना और कहीं कहीं उनका 'बांधना' करने में एक्सपर्ट मानी जाती है।
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