जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
पेपरलीक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारियों को अहम सबूत और कैश मिला है। इनमें कई आपत्तिजनक दस्तावेज, संपत्तियों को बेचने के डॉक्युमेंट और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण हैं। फिलहाल ईडी ने इसका खुलासा नहीं किया है कि कैश और दस्तावेज किसके घर से कितना मिला है।
ईडी ने 13 अक्टूबर को तीन जिलों में सुबह 5 बजे से कांग्रेस नेता दिनेश खोड़निया सहित अशोक जैन, प्रेरणा चौधरी और सुरेश ढाका के 9 आवासों पर सर्च किया था। अधिकारियों का कहना है कि रिकवरी के बाद भी उनकी जांच जारी रहेगी।
ईडी ने बताया- पेपर लीक में आरोपी बाबूलाल कटारा और भूपेंद्र सारण के खिलाफ दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू हुई थी। इससे पता चला कि इन लोगों के तार कई अन्य लोगों के साथ जुड़े हुए हैं। इस पर दोनों को ईडी ने पहले रिमांड पर लिया। दोनों से पूछताछ में खुलासा हुआ की दिनेश खोड़निया, अशोक जैन, प्रेरणा चौधरी से संपर्क था। इन लोगों के पास भी पेपरलीक के संबंध में कई जानकारी हो सकती हैं। इस पर टीम ने सर्च किया।
ईडी ने बताया- सर्च के दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज मिले हैं। इसका ईडी ने अभी खुलासा करने से इनकार कर दिया है। दस्तावेजों के संबंध में आरोपियों से पूछताछ होगा। इसके बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।
8 से 10 लाख में अभ्यर्थियों को बेचा था पेपर
ईडी की जांच में पता चला कि बाबूलाल कटारा, भूपेंद्र सारण, सुरेश ढाका ने एक-दूसरे की मिलीभगत से सीनियर टीचर भर्ती 2022 के सामान्य ज्ञान का प्रश्न पत्र लीक किया था। जो आरपीएससी द्वारा 21 दिसंबर 2022 को आयोजित किया जाना था। इन लोगों ने प्रति अभ्यर्थी से पेपर देने के लिए 8 से 10 लाख रुपए लिए थे।
पेपरलीक का पैसा कहां गया, इसकी जांच करेगी ईडी
पेपरलीक में सारण और ढाका ने बड़ी रकम लेकर उस पैसों की बंदरबांट की थी। अभी तक किसी भी जांच एजेंसी की पकड़ में नहीं आया है कि पैसा कहां गया। इस पर निरंतर ईडी की जांच चल रही हैं। अब ईडी दिनेश खोड़निया, अशोक जैन, प्रेरणा चौधरी को नोटिस देकर जल्द पूछताछ के लिए बुलाएगी।
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