पेपर लीक मामले में ईडी एक बार फिर से एक्टिव हो गई है। ईडी की राजस्थान और दिल्ली की टीम ने मंगलवार सुबह जयपुर, नागौर व भीलवाड़ा में 10 से ज्यादा ठिकानों पर सर्च शुरू किया है। इनमें कुछ कोचिंग संस्थान के मालिक और पेपर खरीदने वाले अभ्यर्थियों के ठिकानों पर जांच की जा रही है। इसमें करीब 150 से ज्यादा ईडी के अधिकारी शामिल हैं। ईडी के साथ केंद्रीय सुरक्षा बल भी हैं।
जयपुर में विद्याधर नगर में सेंट्रल स्पाइन स्थित सीए नरेंद्र कालेर के आवास और कलाम कोचिंग पर सर्च किया जा रहा है। नागौर के चकढाणी गांव और डीडवाना के खारिया गांव में ईडी की टीमें सर्च कर रही हैं।
चकढाणी गांव में यजवेंद्र जांगिड़ पुत्र खेताराम जांगिड़ के मकान पर ईडी सर्च कर रही है। सुबह 3:30 बजे दो गाड़ियों में सवार होकर ईडी के अफसर पहुंचे। यजवेंद्र पत्नी के नाम से कलाम कोचिंग में पार्टनर बताया जा रहा है। यह भी सामने आया है कि यजवेंद्र ने खजवाना (नागौर) में करीब 70 बीघा जमीन खरीदी है। ऐसे में इन सभी मामलों के तार आपस में जोड़ते हुए ईडी की टीम चकढाणी स्थित आवास पर पहुंची। बताया जा रहा है कि यजवेंद्र की पत्नी के नाम से जयपुर में भी कोचिंग एकेडमी है।
यजवेंद्र खुद ग्रेड थर्ड टीचर, अभी जयपुर शाला दर्पण में डेपुटेशन पर
यजवेंद्र खुद ग्रेड थर्ड टीचर है। उसकी चकढाणी के पास ही खिंयास गांव के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में पोस्टिंग है। यजवेंद्र पिछले 3 साल से जयपुर शाला दर्पण में डेपुटेशन पर लगा हुआ है। यजवेंद्र के पिता खेताराम जांगिड़ भी चकढाणी के नजदीक ही पुनास गांव के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में शिक्षक के पद पर सेवाएं दे रहे हैं।
दस्तावेजों की जांच के बाद ईडी ने लिया एक्शन
दरअसल, पेपर लीक मामले में RPSC के पूर्व सदस्य बाबूलाल कटारा और आरोपी भूपेंद्र सारण से रिमांड के दौरान हुई पूछताछ के बाद ED आक्रामक होकर जांच करने लगी है। ईडी ने दोनों से हुई पूछताछ के बाद दिनेश खोड़निया, अशोक जैन और सुरेश ढाका की मित्र प्रेरणा चौधरी के यहां सर्च किया था। इस सर्च के दौरान ईडी को इन लोगों के आवास और कार्यालयों से कई दस्तावेज मिले। इसमें आपत्तिजनक दस्तावेज भी शामिल हैं। साथ ही 24 लाख रुपए नकद भी मिले थे।
ईडी ये दस्तावेज जब्त कर जयपुर मुख्यालय लेकर आई थी। जब्त दस्तावेज की जांच के बाद आज दिल्ली और राजस्थान की ईडी की टीम ने सर्च ऑपरेशन किया। हालांकि इस सर्च को गोपनीय रखा गया है।
पेपर खरीदने वाले अभ्यर्थियों के ठिकानों पर सर्च की जा रही
जानकार सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पेपर खरीदने वाले अभ्यर्थियों के ठिकानों पर भी सर्च की जा रही है। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि 8 से 10 लाख रुपए में पेपर लेने वाले कुछ लोग कोचिंग संचालक भी थे। इन कोचिंग संचालकों ने बड़ी संख्या में छात्रों को पेपर दिया, जिसके लिए इन कोचिंग संचालकों ने पैसा लिया है।
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