सीएम अशोक गहलोत ने कहा है कि सचिन पायलट अब खुद हाईकमान हो गए हैं। उन्हें क्या कह सकता हूं। जोधपुर की सरदारपुरा सीट से वसुंधरा राजे को बीजेपी टिकट देने के सवाल पर गहलोत ने कहा- वे अगर सरदारशहर से चुनाव लड़ती हैं तो इससे बड़ा हमारा सौभाग्य क्या होगा? पूरे देश के अंदर राजस्थान की चर्चा होगी। मेरा मानना है कि वह अगर सामने खड़ी होती हैं तो हम दोनों पूरी कंट्री में चर्चा में आएंगे। इसी बहाने राजस्थान चर्चा में आ जाएगा। जो मैं कहता हूं कि राजस्थान पर देशभर में डिबेट होनी चाहिए। गहलोत एक वेबसाइट के चुनाव कार्यक्रम में बोल रहे थे।
पायलट के सक्रिय होने के सवाल पर गहलोत ने कहा- सचिन पायलट हमारी पार्टी के नेता हैं। अब तो वो खुद हाईकमान हो गए हैं। हाईकमान को कहने की जरूरत नहीं होती है। हाईकमान खुद टिकट बांटते हैं तो टिकट बांटने में पायलट की भी भूमिका होगी। उनको मैं क्यों कहूं? उनको कहने की जरूरत ही नहीं है। मैं उन्हें कहने वाला कौन होता हूं? उन्हें तो कांग्रेस प्रेसिडेंट ही कह सकते हैं।
गहलोत ने कहा- पायलट पहली बार कांग्रेस वर्किंग कमेटी में आए हैं। कांग्रेस वर्किंग कमेटी मेंबर होना बड़ी बात है। उनके टिकट हाईकमान तय करेंगे। हमारे एआईसीसी के महासचिव, सचिव हैं। उनके टिकटों का फैसला हाईकमान ही करते हैं। मैं इस पर विश्वास करता हूं। जो एआईसीसी के पदाधिकारी हैं, वो हाईकमान से संबंधित हो जाते हैं। उन सबको जो कुछ कहना है, हाईकमान को ही कहना है।
गहलोत से वैर नहीं, कांग्रेस विधायक की खैर नहीं... इसमें कोई दो राय नहीं यह फीडबैक मिल रहा है
'गहलोत से वैर नहीं, कांग्रेस विधायक की खैर नहीं' को लेकर फीडबैक के सवाल पर उन्होंने कहा- यह फीडबैक तो काफी दिनों से आ रहा है। इसमें कोई दो राय नहीं है। हम विधायकों से बातचीत भी करते हैं। कोशिश करते हैं कि जो कोई समस्या होती है। उसे दूर करें। कई बार अच्छा काम करने के बावजूद भी राजनीति में परसेप्शन गलत बन जाता है। यह तो पार्टी में हम बातचीत करते हैं। हमारी मीटिंग में भी बात करते हैं। यह फीडबैक काफी लोगों ने दिया है। विपक्ष के लोगों का काम भी यही है। वो इस तरह की चर्चाओं को ज्यादा फैलाते हैं।
हाईकमान के खिलाफ नहीं थी विधायकों की बगावत
पिछले साल 25 सितंबर को पायलट को सीएम बनाने के खिलाफ गहलोत खेमे के विधायकों की बगावत को लेकर उन्होंने कहा- सोनिया गांधी का मेरे प्रति आशीर्वाद रहा है, लेकिन यह गलत परसेप्शन बनाया गया कि मैं सीएम बना रहना चाहता था, इसलिए अध्यक्ष नहीं बना। विधायकों ने जो बगावत की थी, वो हाईकमान के खिलाफ नहीं थी। किसके खिलाफ थी, उसका मैं नाम नहीं लेना चाहता। कोई मुख्यमंत्री हट रहा होता है तो विधायक उसका साथ छोड़ जाते हैं। नए बनने वाले के साथ हो जाते हैं। उस वक्त ऐसा माहौल बन गया, किन कारणों से बन गया, रिवोल्ट (बगावत) हो गया। वो सोनिया गांधी के बारे में कोई रिवोल्ट नहीं था। सोनिया गांधी के प्रति राजस्थान के कार्यकर्ताओं और नेताओं का हाईएस्ट रेस्पेक्ट है। हम लोग तो हमेशा देखते हैं कि डिसिप्लिन रहना चाहिए।
ज्यूडिशियरी को लेकर दिए बयान पर मैंने बिना शर्त माफी मांगी है
गहलोत ने कहा- ज्यूडिशियरी का मैं सम्मान करता हूं। मेरे बयान को लेकर मेरे खिलाफ कंटेंप्ट लगाया। मैंने कहा कि अगर आपको लगता है कि मैंने गलत कमेंट कर दिया तो मैं माफी मांग लेता हूं। माफी मांगने में शर्म नहीं होनी चाहिए। मेरा मानना है कि डेमोक्रेसी तभी बचेगी. जब ज्यूडिशियरी मजबूत होगी। ज्यूडिशियरी किसी कीमत पर कमजोर नहीं होनी चाहिए। उसकी क्रेडिबिलिटी, उसका सम्मान, उसके प्रति आस्था रहनी चाहिए। कुछ जज ने कमेंट कर दिए थे। मेरे मुंह से भी कुछ बात निकल गई। यह करप्शन की बात हो रही है। चिंता की बात है। उसको लेकर कंटेंप्ट लगा दिया। मैं उसे आगे बढ़ाऊंगा क्या करना चाहिए। मैंने बिना शर्त माफी मांग ली। इसका मुझे गर्व है। आम लोगों को लगे कि ज्यूडिशियरी का सम्मान करना कितना जरूरी है।
मोदी मेरी मौजूदगी में तारीफ करते हैं, बाद में 'ऐसी की तैसी' करते हैं
पीएम नरेंद्र मोदी से दोस्ती के सवाल पर गहलोत ने कहा- मोदी पब्लिक को इंप्रेस करने के लिए कहते हैं कि गहलोत हमारे मित्र हैं। बाद में ऐसी की तैसी करते हैं। जब भी मैं किसी कार्यक्रम में मौजूद रहता हूं तो बड़ी तारीफ करते हैं। मानगढ़ धाम में मीटिंग हुई थी तब मोदीजी ने तारीफ की। मेरे बारे में कहा कि सबसे सीनियर मुख्यमंत्री हैं। कोई न कोई बहाने तारीफ करने का मैसेज देते हैं कि मैं इनका मित्र हूं, लेकिन कोई कसर नहीं छोड़ते।
उपराष्ट्रपति ने हेलिकॉप्टर से एक दिन में 5 मीटिंग की, इतनी तो सीएम भी नहीं कर सकता
गहलोत ने कहा- किसी जमाने में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को राज्यों में आना होता था तो पूरी छानबीन होती थी। उनके लेवल का प्रोग्राम हो तो ही आते थे। अब तो प्रधानमंत्री और उपराष्ट्रपति आ रहे हैं। मुझे उसमें ऐतराज नहीं है, जैसा देश वैसा भेष। हालात देश के यही हैं। आज तो ईडी, इनकम टैक्स और सीबीआई राज कर रहे हैं, राज कौन कर रहा है? एजेंसियों पर दबाव है।
मैंने उपराष्ट्रपति के दौरों के लिए कहा था। उस दिन तो कमाल ही हो गया। उपराष्ट्रपति एक दिन में हेलिकॉप्टर से पांच मीटिंग में गए। पांच जगह हेलिकॉप्टर उतरा तो पब्लिक में क्या मैसेज जाएगा? चुनाव चल रहे हैं। आप 15 दिन में आ रहे हो और एक दिन में पांच-पांच मीटिंग कर रहे हैं। पांच मीटिंग तो मुख्यमंत्री भी नहीं कर सकता। मुख्यमंत्री भी जाएगा तो दो-तीन मीटिंग कर सकता है। पांच जगह आप जाकर क्या करोगे, एक साथ एक ही दिन के अंदर, तो मैसेज जाता है कि बीजेपी का कैंपेन चल रहा है। उपराष्ट्रपति बार-बार आ रहे हैं। थोड़ा संशय होना लाजिमी है।
गजेंद्र सिंह के सरदारपुरा से लड़ने पर कहा- यह उनकी पार्टी का मामला
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के सरदारपुरा से चुनाव लड़ने की चर्चा को लेकर गहलोत ने कहा- यह तो उनकी पार्टी का मामला है। मोदी जी किसे उम्मीदवार बनाते हैं। यह तो बीजेपी प्रेसिडेंट पर है। गजेंद्र सिंह ने मेरे खिलाफ मुकदमा किया है। मैंने संजीवनी घोटाले में उनके शामिल होने के आरोप लगाए थे। उनके परिवार का नाम आया, मैंने आरोप लगाया तो उन्होंने मुकदमा किया है। मैंने कहा- चलो मुकदमे के बहाने जो गरीबों का पैसा है, उसमें केंद्रीय मंत्री को आगे आना चाहिए। पैसा कैसे वापस मिल सके। अब तक मैं मुकदमे की पांच पेशी वीसी से अटेंड कर चुका हूं। मेरा ज्यूडिशियरी पर पूरा विश्वास है।
0 टिप्पणियाँ