बांसवाड़ा ब्यूरो रिपोर्ट।
बांसवाड़ा में नवरात्रि के पहले दिन पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अचानक दौरा कर सियासी गलियारों में चर्चा खड़ी कर दी है। राजे दोपहर 12 बजे त्रिपुरा सुंदरी मंदिर सड़क मार्ग से पहुंचीं। जहां मंदिर में दर्शन से पहले गेस्ट हाउस में सर्मथकों और राजे गुट के विधायकों से बंद कमरे में मुलाकात कर मंत्रणा की। बताया जा रहा है कि राजे वागड़ क्षेत्र में भाजपा की अंदरूनी स्थितियों और समर्थन का जायजा लेने पहुंची थीं। इस दौरान पार्टी की जिला कार्यकारिणी से जिलाध्यक्ष लाभचंद पटेल ही पहुंचे। इसके अलावा अन्य नेताओं में पूर्व मंत्री भवानी जोशी ही बड़ा चेहरा नजर आए।
राजे समर्थकों ने संभाला मोर्चा
आमतौर पर राजे के दौरे पर पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लगा रहता है। वहीं इस बार वसुंधरा के इर्द-गिर्द उनके समर्थक और उनके गुट के नेता ही नजर आए। इसमें प्रमुख रूप से पूर्व जिलाध्यक्ष मनोहर त्रिवेदी, अशोक सिंह मेतवाला, करणी सिंह प्रमुख चेहरे दिखाई दिए।
अपने गुट के दावेदारों को अंदर बुलाया
जहां जिले में 5 विधानसभा हैं लेकिन राजे से मुलाकात करने सिर्फ उनके ही समर्थक विधायक हरेंद्र निनामा और कैलाश मीणा पहुंचे। जो इस बार भी दावेदारी के लिए जोर आजमाइश् कर रहे हैं। इन दोनों विधायकों से भी राजे ने 10-10 मिनट तक बात की और कुछ भरोसा जरूर दिलाकर गई हैं। ये वहीं दो विधायक हैं जो विधायकों की खरीद-फरोख्त का जब मामला उठा तब विधानसभा से बाहर थे जबकि पार्टी ने व्हीप जारी किया था।
नहीं पहुंची प्रत्याशी कृष्णा और भीमा भाई
भाजपा ने जिले के बागीदौरा और कुशलगढ़ विधानसभा से कृष्णा कटारा और भीमा भाई के नामों की घोषणा कर दी है। ये दोनों प्रत्याशी भी राजे के स्वागत में नजर नहीं आए। ऐसे में स्थिति साफ नजर आती है कि वसुंधरा खेमे की छाप पड़ने पर टिकट पर खतरा बढ़ सकता है। इसके अलावा बांसवाड़ा विधानसभा से दावेदारी करने वाले एक भी भाजपा नेता दिखाई नहीं दिए। इसमें हकरु मईड़ा, राजेश कटारा, मुकेश रावत, परमेश्वर मईड़ा, धनसिंह रावत जो कि वसुंधरा के काफी करीबी माने जाते हैं उनका भी नहीं पहुंचना काफी चर्चा में रहा। राजे त्रिपुरा सुंदरी से बांसवाड़ा शहर स्थित जानामेड़ी में उत्तम स्वामी महामंडलेश्वर ईश्वरानंद महाराज के दर्शन के लिए पहुंची।
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