कांग्रेस ने राजस्थान में अपने चुनावी अभियान की आज से शुरुआत कर दी है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने चुनाव अभियान की शुरुआत बारां में ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ईआरसीपी) के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर हमला बोलकर की। उन्होंने कहा कि एक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जुबान दी, लेकिन उस पर चले नहीं। राजस्थान सरकार ने कई गारंटी दी और उसे पूरा किया।
खड़गे ने कहा कि माेदी चुनाव प्रचार के लिए दौड़ते रहते हैं, संसद में कम बैठते हैं। कर्नाटक में इतना दौड़े। गली-गली में घूमते हैं। गहलोत मोदी की तरह नहीं करते कि आए, बोले और चले गए। काम करके दिखाया है। यह काम वही कर सकता है, जो गरीबों की तकलीफें जानता है।
खड़गे के भाषण की बड़ी बातें...
1. लाल डायरी में लिखा है आने वाले चुनाव में कांग्रेस सरकार बनाएगी
बीजेपी वालों ने यहां इशू उठाया कि लाल डायरी मिली है। लाल डायरी में क्या-क्या है। लाल डायरी में क्या लिखा है, आपको मालूम है। लाल डायरी में लिखा है कि आने वाले चुनाव में राजस्थान में कांग्रेस सरकार बनाएगी। उस डायरी में यह लिखा है कि फिर से कांग्रेस आने वाली है। अगर आप चाहते हो तो यह डायरी लेकर जाओ।
2. क्या आपको झूठ बोलने वालों की सरकार चाहिए?
केंद्र सरकार गरीबों के लिए मनरेगा का पैसा भी राज्यों को नहीं दे रहा है। गहलोत सरकार ने 21 लाख किसानों का कर्ज माफ किया। आपको सोचना होगा क्या झूठ बोलने वालों की सरकार चाहिए या काम करने वालों की सरकार चाहिए।
3. राजस्थान के बीजेपी सांसदों ने भी जनता को धोखा दिया
राजस्थान से बीजेपी को 25 एमपी दिए, लेकिन वे राजस्थान के हितों के लिए क्यों नहीं बोले। उन्होंने ईआरसीपी के लिए क्यों आवाज नहीं उठाई। बीजेपी के 25 सांसदों ने भी राजस्थान की जनता के साथ धोखा किया।
4. मोदी करते हैं दिखावा, खाने और दिखाने के दांत अलग
मोदी श्रद्धा का दिखावा करते हैं। दिखावा करने के लिए पार्वती कुंड पर अलग भेष बनाकर गए। इनके खाने के दांत अलग हैं दिखाने के दांत अलग हैं। इससे ज्यादा नहीं बोलूंगा। मैं जनगणना चाहता हूं ताकि बैकवर्ड क्लास के लोग मजबूत हो जाएं, वहीं अन्य लोगों को भी मजबूत बनाना होगा। इसमें कांग्रेस पार्टी विश्वास करती है।
5. सरकार गिर जाती तो स्कीम कैसे आती
गहलोत और विधायकों ने गिरती हुई सरकार को बचाया। अगर यह सरकार नहीं बचती तो यह स्कीम कैसे आती। बीजेपी के लोगों ने कर्नाटक, गोवा और मणिपुर में सरकार गिराई। ये खुद तो चुन कर नहीं आते, लेकिन जो चुन कर आते हैं उनको खरीद कर अपनी सरकार बनाना इनकी आदत में शुमार है। आप मजबूत और लड़ाकू लोग हो। आपने सरकार बचाई, इसलिए इस तरह के कार्यक्रम और लोक कल्याणकारी योजनाएं दी जा रही हैं।
वसुंधरा पर गुस्सा, जनता से धोखा क्यों?
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ईआरसीपी के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि केंद्र सरकार का गुस्सा वसुंधरा राजे पर है, लेकिन वे राजस्थान की जनता से क्यों धोखा कर रहे हैं? उनकी वसुंधरा से नहीं बनती, इस पर हम कुछ नहीं कहना चाहते। ये उनका अंदरूनी मामला है, लेकिन राजस्थान ने उन्हें 25 सांसद दिए और किसी सांसद ने ईआरसीपी पर कुछ नहीं कहा। पीएम ने खुद 13 जिलों का नाम लेकर इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने का वादा किया था।
13 जिलों में सभा करेगी कांग्रेस
अभियान के तहत सप्ताह भर में 13 जिलों में सभाएं होंगी। इन सभाओं में सीएम अशोक गहलोत, प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे। कांग्रेस इस मुद्दे पर बीजेपी और केंद्र सरकार को घेरकर नया सियासी नरेटिव बनाने का प्रयास कर रही है।
13 जिलों में ईआरसीपी का असर
ईआरसीपी से 13 जिलों को पीने और सिंचाई का पानी मिलेगा। 40 हजार करोड़ से ज्यादा के इस प्रोजेक्ट में बांध बनने के अलावा नहरें और पेयजल प्रोजेक्ट बनेंगे। ईआरसीपी वाले जिलों में अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर, दौसा, जयपुर, अजमेर, टोंक, बूंदी, कोटा, बारां और झालावाड़ शामिल हैं। कांग्रेस ने ईआरसीपी को चुनावी मुद्दा बना लिया है। इसी रणनीति के तहत अब यात्रा निकाल रही है।
बीजेपी को बैकफुट पर लाने का प्रयास
सीएम अशोक गहलोत ने राज्य सरकार के खर्च पर ईआरसीपी को पूरा करवाने की घोषणा की है। बजट में पहले नौ हजार करोड़ की घोषणा के बाद पांच हजार करोड़ की और घोषणा की है। गहलोत अपने हर भाषण में ईआरसीपी का जिक्र करते हुए केंद्र सरकार और बीजेपी पर हमला करते हैं। अब ईआरसीपी पर यात्रा निकालकर कांग्रेस विधानसभा चुनावों में बीजेपी को बैकफुट पर लाने का प्रयास है।
ईआरसीपी के मुद्दे पर कांग्रेस को कितना फायदा होता है यह तो वोटिंग पैटर्न से पता लगेगा, लेकिन विधानसभा चुनावों के प्रचार के दौरान अब कांग्रेस केंद्र सरकार और बीजेपी पर तल्ख हमले की रणनीति पर काम कर रही है।
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