नागौर ब्यूरो रिपोर्ट
विधानसभा चुनाव से पहले नागौर में आरएलपी के हनुमान बेनीवाल और कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे मिर्धा परिवार के बीच जुबानी जंग बढ़ गई है। डेगाना में आरएलपी की सत्ता संकल्प यात्रा के दौरान हनुमान बेनीवाल ने डेगाना के विधायक विजयपाल मिर्धा और उनके पिता रिछपाल मिर्धा को भगोड़ा बता दिया।
इधर, रिछपाल मिर्धा ने भी जवाब देते हुए कहा RLP मुकदमे लगाने की फैक्ट्री है न की नेता बनाने वाली। बेनीवाल के आरोप पर जवाब देते हुए कहा- बेनीवाल के 302 के मामले को उन्होंने हटवाया, तब जाकर यह चुनाव लड़ने लायक हुआ।
हनुमान बेनीवाल बोले- भगोड़ों को शरण दी, धन्य है डेगाना की जनता
डेगाना में सोमवार को हुई एक जनसभा में सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि डेगाना में इस बार आरएलपी से एक ऐसा उम्मीदवार आएगा, जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते। वो आएगा और कांग्रेस को चुनाव में तीसरे नंबर पर लाएगा। डेगाना में मुकाबला आरएलपी और बीजेपी के बीच ही होगा, बाकी कांग्रेस तीसरे नंबर पर चली जाएगी। इस दौरान वे खींवसर विधानसभी सीट पर बोले कि किसी को भेज दो वहां तो जमानत जब्त ही होनी है। साल 2008 से अब तक कई आए लेकिन टिक नहीं पाए, वो खींवसर में पड़ रहे थे और वो भाग निकले। फिर इशारों ही इशारों में नाम लिए बिना रिछपाल मिर्धा और उनके बेटे विधायक विजय पाल मिर्धा पर कटाक्ष किया। बेनीवाल ने कहा- धन्यवाद देता हूं डेगाना की जनता को कि भगौड़ों को शरण दी, पहले कहते थे कि कोई शरण देता है वो बड़ा होता है। उनके आने से विकास तो खत्म हो गया, नए नेता आगे नहीं आ सके। इतना ही नहीं यहां के प्रधान को कान में जाकर पूछ लेना कि उनका क्या हाल है।
रिछपाल मिर्धा का जवाब- मामला नहीं हटता तो चुनाव लड़ने लायक नहीं बनता
एक दिन बाद यानी मंगलवार को कांग्रेस के नेता रिछपाल मिर्धा ने बेनीवाल का नाम लेकर कई तंज कसे। मिर्धा ने कहा- मुझे भगोड़ा कहा, मैं 35 साल से यहीं हूं और मेरा घर यहां है। मैं 1990 से चुनाव लड़ रहा हूं। भगोड़ा मैं नहीं तू है.....रहने वाला बरणगांव का और चुनाव खींवसर से लड़ता है। एमपी के चुनाव बीजेपी से गठबंधन करने के बाद पीसी की, तब बेनीवाल सीधा घर आया और मेरा और मेरी पत्नी का पैर पकड़कर बैठ गया। जब तक आशीर्वाद नहीं मिलेगा नहीं उठूंगा, मेरी मदद करो। 302 की बात तो नहीं करता बेनीवाल कि रिछपाल मिर्धा ने 302 के मुकदमे में बचाया था। तब सांवरलाल जी और मैं डीजीपी के पास गए थे, तब सीएम अशोक गहलोत थे और भैरुसिंह जी नेता प्रतिपक्ष थे। तब चुनाव लड़ने के लायक हुआ। आरएलपी नेता बनाने की फैक्ट्री नहीं बल्कि मुकदमा करवाने की फैक्ट्री है। नौजवानों से अनैतिक काम और अवैध कार्य करवाती है। जगदीश बिडियासर जो खास हुआ करता था उसको झूठे मुकदमे में फंसाया। जाट समाज से मिलूंगा हर जगह जाउंगा, उनको कहूंगा कि तू ऐसे काम करता है। डांगियावास का एक युवक मारा गया, कब तक ऐसा काम करेगा। मैं डरने वालों मैं से नहीं हूं। बेनीवाल ने जाट समाज के लिए क्या किया और मिर्धा परिवार ने क्या किया, आमने सामने बैठकर बता दूंगा।
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