राज्यमंत्री और पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह जाड़ावत ने कहा है कि चित्तौड़गढ़ मेडिकल कॉलेज मेरा एक सपना था। 2013 में ही मेरा विजन राज्य सरकार के समक्ष स्पष्ट कर दिया था। यह मेडिकल कॉलेज बहुत पहले बनकर तैयार हो जाता। प्रदेश की गहलोत सरकार इस मेडिकल कॉलेज के लिए वचनबद्ध थी। उन्होंने कहा कि सिर्फ अपने सियासी या निजी हितों के लिए किसी को भी तत्कालीन समय विरोध नहीं करना चाहिए बल्कि चित्तौड़गढ़ वासियों के बच्चों के भविष्य के बारे में सोचना चाहिए था। उन्होंने कहा चित्तौड़गढ़ के नौजवान मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए यूक्रेन जैसे देशों में जा रहे थे इसलिए मेडिकल कॉलेज बनने से यहां के नौजवानों को अपने इलाके में मेडिकल शिक्षा मिलने का रास्ता तैयार हुआ। पूरे चित्तौड़गढ़ जिले को सेहत के क्षेत्र मे उच्च स्तरीय सुविधाएं मिलेंगी।
राज्यमंत्री ने मेडीकल कॉलेज के स्वीकृति से लेकर निर्माण तक के अपने अनुभव साझा किए। उन्होने छात्र छात्राओं से यहाँ की व्यवस्था के बारे में जानकारी दी जिस पर स्टुडेंट ने अपने अपने विचार प्रकट कर इंफ्रास्ट्रक्चर एवं अन्य सुविधाओं की तारीफ की तथा यहा से आवगमन की साधन के अनुपलब्धता के बारे में बताया। जिस पर राज्यमंत्री ने आश्वाशन दिया की रोडवेज बसों का यहा शीघ्र ठहराव होगा एवं ऑटो रिक्शा समय पर उपलब्ध हो इसके लिए यूनियन के पदाधिकारियों से चर्चा कर समस्या का समाधान करेंगे।
उन्होंने कहा सरकार ने सत्ता संभालने के बाद ही एलान किया था कि राजस्थान नए मेडिकल कॉलेज शुरू किए जाएंगे जिस पर शीघ्र स्वीकृति कराई गई। आज यह भव्य बिल्डिंग आपके सामने है जिससे सेहत व शिक्षा क्षेत्र में क्रांति आई है। कोरोना काल में राज्यमंत्री ने अनुभव साझा करते हुए कहा की महामारी के उस दौर में मेडिकल कॉलेज की उपलब्धता और बढ़ गई थी। जिसको ध्यान में रखते हुए जल्दी इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ाकर मेडिकल कॉलेज की शीघ्र बेंच शुरू हो इसके प्रयास करते रहे। मुझे खुशी है की चित्तौड़गढ़ जिले के बच्चे भी यहां डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहे है। आप सभी विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं। मेडिकल कॉलेज के सह प्राचार्य अनिश जैन ने अतिथियों का स्वागत किया।
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