बीकानेर ब्यूरो रिपोर्ट।
श्रीडूंगरगढ़ में भाजपा ने सबसे पहले टिकट देकर उम्मीदवार काे जनाधार मजबूत करने के लिए माैका दिया लेकिन यहां भाजपा के भीतर ही चिंगारी सुलग रही है। दाे दिन पहले पूर्व विधायक किसनाराम नाई के फार्म हाउस पर मीटिंग हुई जिसमें एक पूर्व जिलाध्यक्ष और एक पूर्व प्रधान ने भी शिरकत की। बताया जा रहा इस मीटिंग में नाई अपने पाेते ताे चुनाव लड़ाने की रणनीति बना रहे थे। अब दाे दिन बाद नाई ने अपने समर्थकाें काे बुलाया है। इधर सारस्वत सभी नाराज नेताओ के घर जाकर मान मनाैव्वल करने में जुटे हैं।
ताराचंद सारस्वत का कहना है कि जाे जाे टिकट के दावेदार थे सबके पास गया। रामगाेपाल सुथार के पास गया। किशनाराम नाई के घर गया। छैलू सिंह के घर गया। किसन गाेदारा से फाेन पर लंबी बात हुई। सब आज-कल कह रहे हैं। खुलकर काेई जवाब नहीं दे रहा। अब मैं क्षेत्र में निकल गया। सुना है किसनाराम नाई के यहां मीटिंग हुई बताई। काैन गया काैन नहीं मैं इस पर काेई कमेंट नहीं करूंगा लेकिन मैं सबके पास गया। वैसे किसनाराम अभी कुछ समय पहले ही वे पार्टी में आए हैं। बिना शर्त शामिल हुए हैं।
दूसरी ओर किसनाराम नाई बोले कि हां टिकट ताे ताराचंद जी काे मिल गया। पाेते आशीष काे चुनाव लड़ाऊंगा या नहीं इसके लिए हमने दाे दिन बाद अपने समर्थकाें की मीटिंग बुलाई है। वे जाे कहेंगे वाे करूंगा। समर्थक कहेंगे ताे जरूर लड़ाऊंगा। उसके लिए ही हमने दो दिन बाद सभी को बुलाया है।
मेघवाल का अपने समर्थकाें काे इशारा, पार्टी उम्मीदवार के साथ लगें
श्रीडूंगरगढ़ में ताराचंद सारस्वत काे टिकट मिलने के बाद हाेने वाले घटनाक्रम काे केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल पहले ही भांप गए थे। इसलिए उन्हाेंने अपने समर्थकाें काे साफ इशारा कर दिया कि पार्टी सिंबल वाले उम्मीदवार के साथ लगें। इसलिए ही नाई की बुलाई बैठक में किसनलाल गाेदारा और विनाेद गिरि गुसाईं नहीं गए लेकिन पूर्व अध्यक्ष रामगाेपाल सुथार और पूर्व प्रधान छैलूसिंह का जाना चर्चे में हैं क्याेंकि ये दाेनाें भी मेघवाल खेमे से ही माने जाते हैं। इधर रामगोपाल सुथार का कहना है कि किशनाराम नाई अभी भाजपा के नेता हैं। उनके यहां जाना कोई गलत नहीं है।
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