जयपुर में युवक की पीट-पीटकर हत्या के मामले को सांप्रदायिक रंग देने के विरोध में जयपुर बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले बड़ी चौपड़ पर सुबह 10 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक धरना दिया।
धरने में बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद सहित अन्य हिंदूवादी संगठनों के लोगों के साथ ही बड़ी संख्या में व्यापारी भी शामिल हुए। इस दौरान परकोटा के बाजार भी बंद रहे। धरने में मोदी-मोदी और जय श्रीराम के नारे लगे। सामूहिक हनुमान चालीसा के पाठ के साथ शांतिपूर्ण तरीके से धरना खत्म हो गया। इसके बाद सभी लोग अपने-अपने घरों की ओर निकल गए। दोपहर डेढ़ बजे बाजार खुल गए।
ये नेता पहुंचे थे धरने में
धरने में राजसमंद सांसद दीया कुमारी, जयपुर शहर सांसद रामचरण बोहरा, पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी, मालवीय नगर विधायक कालीचरण सराफ, पूर्व विधायक कैलाश वर्मा के साथ ही राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी भी शामिल हुए। धरने में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुईं।
तुष्टिकरण को बढ़ावा देने वाली कांग्रेस का पतन निश्चित
सांसद दीया कुमारी ने कहा- कांग्रेस ने सदैव तुष्टिकरण की नीतियों को अपनाकर समाज को बांटने का काम किया है। कांग्रेस सरकार वोट बैंक के लिए तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है। इस सनातन विरोधी कांग्रेस सरकार का राज्य में पतन अब सुनिश्चित हो गया है। उन्होंने कहा- जयपुर शहर पारम्परिक रूप से शांति, प्रेम और भाईचारे के लिए विख्यात रहा है। इस सद्भावना को बिगाड़कर अराजकता व उपद्रव करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
दीया कुमार ने कहा- दुनियाभर के पर्यटकों के आकर्षण के केंद्र गुलाबी नगरी में दहशत फैलाने वालों से सख्ती से निपटना आवश्यक है। पुरोहित जी का कटला सहित आसपास के क्षेत्रों में असामाजिक तत्वों द्वारा की गई लूटपाट से प्रभावित व्यापारियों को मुआवजा दिया जाए। सनातन विरोधी कांग्रेस सरकार भेदभाव करके एक समुदाय विशेष के प्रति ही हमेशा उदार रहती है, जबकि अन्य मामलों में यह उदारता नजर नहीं आती। राज्य सरकार समुदाय विशेष के खास दिनों में पानी और बिजली की आपूर्ति आदि व्यवस्थाओं के लिए खास निर्देश जारी करती है, जबकि अन्य अवसरों पर लापरवाह रहती है। इस सरकार की शह पर अराजक उपद्रवी तत्वों का हौसला बढ़ जाता है।
धरने को लेकर पुलिस ने किए थे सुरक्षा के इंतजाम
पुलिस कमिश्नर ने बताया- धरने को देखते हुए विशेष सुरक्षा इंतजाम किए थे। मौके पर क्यूआरटी, ईआरटी और आरएसी की तैनाती की गई थी। पुलिसकर्मी असामाजिक तत्वों पर नजर बनाए हुए थे। पुलिस दोनों समुदायों के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की थी। ने बताया कि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे।
इससे पहले मंगलवार को हिंदूवादी और व्यापारिक संगठनों की अलग-अलग जगह बैठकें हुई थीं।,जिसमें दुर्घटना को मॉब लिंचिंग का नाम देकर हिंदू परिवारों को प्रताड़ित करने का कड़ा विरोध किया था।
व्यापारियों का आरोप था कि समुदाय विशेष के लोगों ने घटना के अगले दिन भरे बाजार में जाकर लूटपाट, तोड़फोड़, महिलाओं से छेड़छाड़ की थी। इसको लेकर व्यापारियों की ओर से शिकायत देने के बाद भी पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया था।
उधर, पुलिस ने सभी धर्म के प्रमुख धर्मगुरुओं के साथ बैठक की थी, जिसमें शामिल लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की थी। पुलिस ने अपनी कार्रवाई को लेकर बताया कि अपराध करने वाले किसी भी व्यक्ति को छोड़ नहीं जाएगा। पुलिस धर्म, जाति देख कर काम नहीं करती।
व्यापारियों को सुरक्षा मुहैया कराई जाए
जयपुर बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक राजकुमार गुप्ता ने बताया कि सहकार मार्ग स्थित सेवा सदन में सर्व समाज की मंगलवार को बैठक हुई थी। जिसमें सभी समाज के सदस्यों ने हिस्सा लिया था। उन्होंने बताया- पुलिस से कई बार कार्रवाई की मांग की गई थी, लेकिन पुलिस अधिकारियों के कान में जूं तक नहीं रेंगी। हमारी मांग है कि घटना में शामिल असामाजिक तत्वों पर जल्द से जल्द कार्रवाई की जाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही व्यापारियों को सुरक्षा मुहैया कराई जाए।
बापर्दा गिरफ्तार आरोपियों को जेल भेजा
पुलिस ने इकबाल हत्याकांड में एक नाबालिग समेत 5 लोगों को पकड़ा था। नाबालिग को बाल सुधार गृह भेज दिया गया था। सोमवार को भी 2 की बापर्दा गिरफ्तारी की गई थी, जिनको मंगलवार को जेल भेज दिया गया। पहले पकड़े गए युवराज कश्यप और शुभम मेहरा से झगड़े के कारणों को लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है। इकबाल हत्याकांड में पुलिस अब तक 8 लोगों को नामजद कर चुकी है। 5 पकड़े जा चुके हैं, जबकि 3 की तलाश के लिए एसआईटी अपने स्तर पर काम कर रही है।
जानिए-व्यापारियों का विरोध क्यों?
व्यापारियों का कहना है कि रामगंज में गंगापोल क्षेत्र में 30 सितंबर को युवक की पीट-पीटकर हत्या की घटना के बाद कुछ उत्पाती लोग जौहरी बाजार होते हुए कटला बाजार में घुस गए थे। हिंसक भीड़ ने दुकानों में लूटपाट और तोड़फोड़, महिलाओं से छेड़छाड़ की थी। विशेष समुदाय के लोगों ने तोड़फोड़ कर जयपुर शहर के परकोटे में भय का माहौल बनाया था। इसको लेकर व्यापारियों की ओर से शिकायत देने के बाद भी पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया था।
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