श्रीगंगानगर में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आरोप प्रत्यारोपण का दौर शुरू हो गया है । पार्टियों की टिकट हासिल करने वाले उम्मीदवारों को लेकर पुराने मामले जिंदा किए जा रहे है और अपना विरोध जाहिर किया जा रहा है। ऐसे ही एक मामले को लेकर पदमपुर क्षेत्र के गांव 4जेजे की श्री श्याम कुटिया के महंत स्वामी हंस देव ने भाजपा प्रत्याशी जयदीप बिहानी को लेकर 2006 के मामले में आधार बनाते हुए भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से टिकट वितरण पर दुबारा विचार करने का आग्रह किया है
स्थानीय खुराना होटल में आयोजित एक पत्रकार में स्वामी हंसदेव ने कहा की भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी जयदीप बिहानी पर 2006 में एक गौशाला में लापरवाही को लेकर गायों के मरने को लेकर एक मामला हाई कोर्ट में विचाराधीन है, अभी इस मामले में न्यायालय का कोई फैसला आया नहीं है फिर भी भाजपा ने इस पर विचार किए बिना ही जयदीप बिहानी को पार्टी का उम्मीदवार बनाया है । जबकि भाजपा गौसेवी व राष्ट्र भक्त होने का दावा करती है वहीं राष्ट्र को हिंदू राष्ट्र बनाने का भी विचार रखती है।स्वामी हंस देव के इन आरोपों को लेकर भाजपा प्रत्याशी जयदीप बिहानी का कहना है कि कोई भी पशु गौशाला के अंदर नहीं मरा, पूरा मामला बताते हुए बिहानी ने कहा कि नगर परिषद ने उस समय गौशाला निराश्रित तथा घायल गोवंश के लिए खोली थी ,शहर के जिम्मेदार नागरिक होने के नाते उन्होंने अपने व साथियों के साथ चंदा करके काफी समय तक गौशाला का संचालन किया तथा तमाम संसाधन जुटाया, बाद में नगर परिषद ने अपना अंशदान देना बंद कर दिया, इसके बाद भी 2 महीने तक उन्होंने अपने आर्थिक संसाधनों से गौशाला को चलाया ,मगर बाद में नगर परिषद द्वारा पूरी तरह से हाथ खड़े कर देने के बाद स्वस्थ हो चुके गौ वंशों को छोड़ना पड़ा ।
बिहाणी ने कहा की उनका पूरा परिवार लगातार गांव अन्य गौशालाओं की हर तरह से सेवा करता रहा । बिहानी ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि कुछ लोगों ने षडयंत्र पूर्वक उन पर गौशाला के बाहर पड़े दो-तीन मृत गौ वंशों को लेकर के मामला दर्ज करवाया था। 2006के इस मामले में नगर परिषद के कई अधिकारी गण भी आरोपी थे। बिहानी ने कहा कि इस प्रकरण में न्यायालय अपना काम कर रहा है और वे लगातार गायों की सेवा का अपना संकल्प पूरे मन वचन और कर्म से पूरा कर रहे हैं। इधर स्वामी हंस देव का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी जब गौ भक्त होने का दावा करती है तो गोवंश के लापरवाही से मृत होने के मामले में आरोपी को उम्मीदवार बनाना बनने पर भाजपा को फिर से विचार करना चाहिए ।
कुल मिलाकर विभिन्न पार्टियों द्वारा अपने-अपने फायदे के लिए आरोप प्रत्यारोपण का दौर लगातार जारी है। ऐसे में साम दाम दंड भेद लगातार अपनाए जा रहे हैं। आने वाले समय में और भी इस प्रकार के मामले नजर आ सकते हैं ।
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