एसएमएस, ट्रॉमा सेंटर में इन दिनों मरीजों को ब्लड के लिए परेशान होना पड़ रहा है। वजह है अस्पताल में ब्लड की कमी, डेंगू के चलते ब्लड और प्लेटलेट की अधिक डिमांड। साथ ही अस्पताल के बाहर (निजी ब्लड बैंक) से ब्लड नहीं लाने की वजह से भी परिजनों को मशक्कत करनी पड़ रही है। सबसे अधिक परेशानी जयपुर के बाहर और अन्य राज्यों के मरीजों को हो रही है। उनके साथ महज एक-दो डोनर होते हैं और अधिक ब्लड की डिमांड होने पर उन्हें ब्लड के लिए कई दिन इंतजार करना पड़ता है। सामने यह भी आया है कि कई मरीज ब्लड की कमी की वजह से अस्पताल से ही चले जाते हैं।
यूं समझें... बेबस मरीज कैसे होते रहे खून के लिए परेशान
केस एक ... पेशेंट गीता, वार्ड 2एबी में भर्ती। डॉक्टर्स ने चार यूनिट आरडीपी की जरूरत बताई, लेकिन महज एक डोनर था। कई लोगों से बात की तो भी कोई सामने नहीं आया। ब्लड बैंक ने एक अतिरिक्त यूनिट देने के लिए कहा, लेकिन अन्य दो यूनिट के लिए डोनर नहीं कर सके। इलाज के लिए कई दिन परेशान रहीं।
केस दो ... नायमा। आईपीडी नंबर 19269। दो यूनिट ब्लड की जरूरत, लेकिन राजस्थान के बाहर के थे तो एक ही डोनर था। ब्लड के लिए तीन दिन परेशान रहे।
केस तीन ... दयाल चंद। मेडिसिन विभाग में एडमिट रहा। डेंगू होने की वजह से दो यूनिट प्लेटलेट प्लाज्मा चाहिए था, लेकिन डोनर एक ही था। जब डोनर की इंतजाम नहीं हो सका तो निजी अस्पताल में चले गए।
रेजिडेंटस भी नाराज... ट्राॅमा में आने वाले केस में इमरजेंसी के चलते डॉक्टर्स इमरजेंसी में ब्लड लेकर ऑपरेशन तो कर देते हैं, लेकिन रेजिडेंट्स पर जिम्मेदारी होती है कि परिजनों से ब्लड डोनेट कराएं। अब जो रेजिडेंट्स ब्लड डोनेट नहीं करा पाते या परिजन ब्लड डोनेट करने की कहने के बाद भी नहीं करते तो रेजिडेंट्स को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा दिया जाता है। ऐसे में अब रेजिडेंट्स भी मरीजों के लिए ब्लड की उपलब्धता कराने से बच रहे हैं।
इसलिए फेक डोनर भी आ रहे .... उधर, ब्लड की कमी की वजह से अस्पताल के आसपास फेक डोनर का गिरोह पनपने लगा है, जो कि 1500 रुपए तक लेकर ब्लड डोनेट करने चले जाते हैं। ना केवल एसएमएस बल्कि ट्रॉमा सेंटर के आसपास ऐसे कई लोग सामने आ चुके हैं और पुलिस भी इन पर नजर रखे हैं। सवाल यह है कि मरीज को ब्लड नहीं मिलने की वजह से वह अन्य सभी विकल्प चुनने की रास्ता अपनाता है।
त्योहार की वजह से कम आ रहा है अस्पताल में खून
डेंगू की वजह से ब्लड और प्लेटलेट की अधिक जरूरत सामने आ रही है। वहीं त्योहार की वजह से कैंप से भी उतना ब्लड नहीं आ पा रहा जितनी जरूरत है। हम कोशिश कर रहे हैं कि अवेयरनेस के जरिए लोगों को अधिक से अधिक ब्लड डोनेट करा सकें। -डॉ. अचल शर्मा, अधीक्षक, एसएमएस अस्पताल।
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