जयपुर आकर अय्याशी करने के इच्छुक लोगों को चूना लगाने वाली एक एस्कॉर्ट सर्विस के नाम पर लोगों से लूट करने वाली गैंग का खुलासा जयपुर कमिश्नरेट पुलिस ने किया है। जवाहर सर्किल थाना पुलिस ने सरगना सहित 5 बदमाशों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से वारदात में प्रयुक्त गाड़ी और आधा दर्जन से अधिक मोबाइल-सिम कार्ड भी बरामद किए हैं। अब पुलिस अभी तक अय्याशी के नाम पर ठगे गए लोगों की जानकारी निकलने में लगी हुई है।
पुलिस कमिश्नर बीजू जॉज जोसफ ने बताया कि गैंग के सरगना जितेन्द्र यादव उर्फ जीतू (24) निवासी बोराज जोबनेर, दीपक (26) निवासी जैतपुरा फुलेरा, अनिल यादव (24) निवासी रेनवाल जयपुर, अजय मीणा (19) निवासी श्योसिंहपुरा फुलेरा और मुकेश यादव (26) निवासी बोराज जोबनेर को अरेस्ट किया है।
पुलिस को आए दिन एस्कॉर्ट सर्विस के नाम पर लूट की वारदात होने की सूचना मिल रही थी। CCTV फुटेज का बारीकी से अध्ययन करके कांस्टेबल शांति लाल, राजेश कुमार, लोकेन्द्र सिंह और हरिराम पंवार ने बदमाशों की तलाश शुरू की। पुलिस टीम ने दबिश देकर सरगना सहित पांचों बदमाशों को शुक्रवार रात पकड़ लिया। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से मिले आधा दर्जन से अधिक मोबाइल और सिम कार्ड्स को जब्त किया है। इन्हीं की जांच से इनके काम करने के तरीके और इनके शिकारों का पता चलेगा।
कैसे होती थी एस्कॉर्ट सर्विस के नाम पर लूट ?
सरगना जितेन्द्र यादव उर्फ जीतू ने सोशल मीडिया पर एस्कॉर्ट सर्विस उपलब्ध करवाने के लिए कई वेबसाइट बना रखी है। वेबसाइट के जरिए कॉन्टैक्ट करने पर कस्टमर को एस्कॉर्ट सर्विस उपलब्ध करवाने का झांसा देते। रात के अंधेरे में सुनसान जगह मिलने बुलाकर उसके साथ मारपीट कर लूट की वारदात को अंजाम देते।
21 सितम्बर को गैंग ने गुजरात से आए एक व्यक्ति से लूट की वारदात हुई थी। गुजरात से MBBS का एडिमिशन करवाने आए व्यक्ति जवाहर सर्किल के पास स्थित होटल सनीर में कमरा बुक कर रखा था। पार्किंग में गाड़ी खड़ी करते समय दो आरोपी गाड़ी में आए और एस्कॉर्ट सर्विस मांगने वाले लड़कों से मारपीट कर सोने की चेन, ब्रॉसलेट और 25 हजार रुपए लूट कर ले गए।
क्या होती है एस्कॉर्ट सर्विस ?
जब यह सेवा शुरू हुई थी तो यह बड़े बिजनेस मैन और अमीर टूरिस्ट को महिला/पुरुष असिस्टेंट की सेवाएं देने का काम था। यह अस्सिटेंट ना केवल स्थानीय भाषा बल्कि अंग्रेजी और सेवाएं लेने वाले की भाषा का भी जानकार होती/होता था। तय पैकेज के अनुसार यह महिला/पुरुष क्लाइंट को एयरपोर्ट या उसके होटल से सेवाएं देनीं शुरू करते थे। मिलने आने वालों के अपॉइंटमेंट, फोन कॉल अटेंड करना, स्थानीय प्रभावशाली लोगों से मिलवाना आदि इनके काम थे।
पिछले लगभग एक से ज्यादा दशक से एस्कॉर्ट सर्विस के नाम पर कॉल गर्ल सप्लाई का काम धड़ल्ले से चलाया जा रहा है। अब इस काम में ऐसे लोग भी आ गए हैं जो छोटे शहरों या दूर दराज इलाकों से आने वाले अनजान लोगों को एस्कॉर्ट सेवा देने के नाम पर सिर्फ लूटने का काम करते हैं।
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