पाली की फैक्ट्रियों से निकलने वाला रंगीन पानी रोहट क्षेत्र में नस्ल और फसल दोनों को बर्बाद कर रहा है। 35 साल पुरानी इस समस्या के लिए करोड़ों रुपए ZLD सहित अन्य समाधानों को लेकर खर्च किए गए लेकिन हकीकत यह है कि आज भी नेहड़ा बांध रंगीन पानी से भरा पड़ा है। पास जाते हैं तो बांध से बदबू आती है। बांध का यह पानी न तो खेतों में सिंचाई के काम आ रहा है और न इंसानों और जानवरों के पीने के लिए काम आ रहा है। जो कहीं न कहीं जिम्मेदारों की अनदेखी की और इशारा कर रहा है। इसलिए मजबूर होकर अब पैदल यात्रा के बाद बांध किनारे अनशन पर बैठा हूं ताकि जिम्मेदार जागें और नेहड़ा बांध को बचाया जा सके।
हम बात कर रहे हैं रोहट के दिंवादी गांव में रहने वाले 36 साल के दीपक बामणिया की जो राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन से बहुत प्रभावित हैं और उनके गेटअप में 2 अक्टूबर को नेहड़ा बांध को बचाने की मांग को लेकर अमृतिया धाम कुलथाना से नेहड़ा बांध की पैदल यात्रा पर निकले। रास्ते में लोगों से मिलते हुए वे नेहड़ा बांध पहुंचे।
नेहड़ा बांध बचाने के लिए छोड़ा अन्न
नेहड़ा बांध को प्रदूषण से बचाने के लिए स्थाई समाधान के प्रयास करने की मांग को लेकर गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता दीपक बामणिया बांध के पास अनशन पर बैठे हैं। उन्होंने अन्न का त्याग कर रखा है और सिर्फ पानी, छाछ औ दूध ले रहे हैं। उनका कहना है कि बांडी नदी में चोरी छीपे रंगीन पानी अब भी छो्ड़ा जा रहा है। कइयों ने जमीन के नीचे पाइप लाइन बिछा रखी है। जिससे सीधे फैक्ट्रियों का रंगीन पानी बांडी नदी में छोड़ रहे है जिससे नदी और नेहड़ा बांध दोनों बर्बाद हो रहे है।
100 करोड़ का ZLD फिर भी नेहड़ा बांध हो रहा दूषित
बामणिया बोले कि 100 करोड़ खर्च कर ZLD प्लांट लगाया गया। उस समय दावा किया गया था ZLD लगने के बाद एक बूंद रंगीन पानी भी बांडी नदी में नजर नहीं आएगा लेकिन हकीकत यह है कि चोरी छिपे नदी में रंगीन पानी छोड़ जा रहा है। जो नेहड़ा बांध तक पहुंचता है। जिससे बांध बर्बाद हो रहा है। करीब 35 साल पुरानी इस समस्या के समाधान के लिए कई प्रयास किए जाने के दावे किए गए लेकिन हकीकत क्या है यह नेहड़ा बांध आकर देखा जा सकता है।
ये है प्रमुख मांगें
- पाली की फैक्ट्रियों से जो रंगीन पानी नेहड़ा बांध तक पहुंच रहा है। उसका स्थाई समाधान किया जाए
- बांडी नदी में एक बूंद भी रंगीन पानी नहीं छोड़ा जाए इसकी पुख्ता व्यवस्था की जाए
- नेहड़ा बांध पूर्ण रूप से साफ किया जाए
- राजस्थान में सम्पूर्ण केसीसी और किसानों के को ऑपरेटिव बैंक से लिए लोन माफ किए जाएं
- बांडी नदी में रंगीन पानी छोड़ने के लिए जिन्होंने चोरी-छीपे जो भूमिगत पाइप लाइन बिछाई है। उनकी तलाश कर उन्हें निकाला जाए
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