सीएम अशोक गहलोत के बेटे और आरसीए अध्यक्ष वैभव गहलोत को प्रवर्तन निदेशालय( ईडी) ने फॉरेन एक्सचेंज रेगुलेटरी एक्ट (फेमा) के उल्लंघन के मामले में समन देकर पूछताछ के लिए बुलाया। वैभव गहलोत ने पेश होने का और समय मांगा है।
उन्होंने कहा- आज से 12-13 साल पहले भी यही आरोप लगाए गए थे। उनका उसी समय जवाब दे दिया था। अब 12-13 साल बाद फिर उन्हीं बातों को लेकर नोटिस आया है। प्रदेश की जनता समझती है कि चुनाव से पहले यह मामला क्यों लाया गया है? वैभव गहलोत गुरुवार को फतेहपुर (सीकर) में एक कार्यक्रम के दौरान बोल रहे थे।
आरसीए अध्यक्ष ने कहा- जनता इन सब चीजों को समझ रही है। क्यों चुनाव आचार संहिता लगने के बाद ही इन्हें इतने साल पुराना मामला याद आया है। हम डरने वाले नहीं है और भागने वाले नहीं हैं। हर सवाल का जवाब देंगे। आज जब मैं जयपुर से रवाना हो रहा था तो मालूम पड़ा कि प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के निवास पर ईडी के छापे पड़े हैं। कांग्रेस की सरकार को टारगेट किया जा रहा है, इसी कड़ी में प्रदेश अध्यक्ष पर छापे डाले गए हैं।
मुझे दोपहर 3 बजे समन देकर सुबह 11:30 बजे तलब किया
वैभव ने कहा- मुझे कल (25अक्टूबर) दोपहर में 3 बजे ईडी का समन मिला। गुरुवार सुबह 11:30 बजे तलब किया जाता है। 24 घंटे से कम समय दिया।मैंने वकीलों से बात की और समय मांगा है। ईडी के जो भी सवाल होंगे उनका जवाब दूंगा।
सोची समझी रणनीति के तहत सब किया जा रहा, हम भागने वाले नहीं हैं
आरसीए अध्यक्ष ने कहा- एक सोची समझी रणनीति के तहत यह सब किया जा रहा है। इस पूरे मसले में कोई नई बात नहीं है। आज मुख्यमंत्री ने भी पूरे मसले पर अपनी बात रखी है। हम भागने वाले नहीं है, सब जवाब देंगे। यह मामला 12 साल पहले का है।
साल 2011-12 में भी यही आरोप लगाए गए थे। जो अब लगाए जा रहे हैं। जब चुनाव आ गए हैं तो आरोप याद आ गए। हर चुनाव में यही आरोप लगाते हैं। चुनाव की घोषणा हो गई, आचार संहिता लग गई। अब 12 साल पहले जिन बातों का जवाब दे चुका। उन बातों को वापस पूछने के लिए समन मिला है। लोगों का आशीर्वाद हमारे साथ है। हम जल्द इन सब आरोपों से बाहर आ जाएंगे।
वैभव गहलोत की कंपनी पर हवाला से पैसा विदेश पहुंचाने के आरोप
वैभव गहलोत की कंपनी पर शैल कंपनी के जरिए 100 करोड़ रुपए मॉरीशस भेजने के आरोप हैं। जून में राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने ईडी में इसकी शिकायत की थी। सांसद मीणा ने वैभव गहलोत पर होटल फेयरमाउंट में मॉरीशस की शैल कंपनी की ओर से करीब 100 करोड़ के निवेश के आरोप लगाए थे।
सांसद किरोड़ीलाल ने शिकायत में कहा था कि गहलोत और उनके परिवार के सदस्यों के पैसे को पहले हवाला के जरिए मॉरीशस पहुंचाया गया। मामले में फेमा के उल्लंघन की जांच करने की मांग की गई थी। अब ईडी ने फेमा के उल्लंघन में पूछताछ के लिए समन जारी किया है।
ट्राइटन होटल से जुड़े मामले में आठ साल पहले ईडी ने जांच शुरू की थी
वैभव गहलोत की कंपनी के खिलाफ साल 2012 में भी बीजेपी ने आरोप लगाए थे। उस वक्त भी शिकायत की गई थी। बाद में साल 2015-16 में ईडी ने जांच शुरू की थी। वैभव के बिजनेस पार्टनर रतन कांत शर्मा ने मार्च 2007 में ट्राइटन होटल्स एंड रिसोर्ट प्रा. लि. कंपनी रजिस्टर कराई थी।
अप्रैल 2007 में इस कंपनी के 100 रुपए कीमत वाले 2 लाख 27 हजार शेयर रतन और उसकी पत्नी जूही के नाम थे। इसके अलावा 14 हजार 500 शेयर भी जूही के नाम थे। जुलाई 2011 में ट्राइटन होटल्स के 2500 शेयर मॉरीशस की कंपनी शिवनार होल्डिंग्स को 39 हजार 900 प्रीमियम पर दिए गए।
साल 2012-13 में ट्राइटन होटल्स के शेयर की कीमत घटकर 1150 रुपए रह गई। जनवरी 2013 में ट्राइटन होटल्स के 10 हजार शेयर फिर से शिवनार होल्डिंग्स को आवंटित किए गए। आरोप है कि शिवनार होल्डिंग्स कंपनी ने ब्लैक मनी को व्हाइट करने का काम किया।
वैभव और रतन शर्मा बिजनस पार्टनर
वैभव और रतन बिजनेस पार्टनर हैं। ईडी में की गई शिकायत के अनुसार वैभव की कंपनी सनलाइट कार रेंटल सर्विसेज के दस्तावेजों में रतनकांत शर्मा निदेशक रहे हैं। रतन की कंपनी ट्राइटन होटल्स में वैभव गहलोत लीगल एडवाइजर रहे हैं।
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