चुनाव डेस्क।
चुनाव आयोग द्वारा राजस्थान की चुनाव तिथियां घोषित करने के पहले से कांग्रेस और भाजपा में प्रदेश की 200 सीटों के लिए चल रहा मंथन अब ठोस रूप लेने लगा है। इसी क्रम में भाजपा ने आत्मविश्वाश दिखते हुए दो सूचियां जारी करते हुए चुनावी मैदान में अब तक 124 योद्धाओं को घोषणा कर दी है। यानि अगर भाजपा प्रदेश भर में लगभग डेढ़ दर्जन सीटों पर हो रहे विरोध को दरकिनार करते हुए अपने उम्मीदवार यथावत रखती है तो अब उसे 76 उम्मीदवार और घोषित करने हैं। हालांकि भाजपा की पहली (माइनस वसुंधरा) और दूसरी सूची (राजे का राज) के तेवर बहुत अलग रहे हैं और तीसरी सूची या संभवतः चौथी सूची के साथ पहले से घोषित सीटों के नाम बदलने से इंकार नहीं किया जा सकता।
वहीं गहलोत और पायलट के बड़ी मुश्किल से हुए चुनावी तालमेल (समझौता नहीं) के कारण कांग्रेस ने सिर्फ 33 उम्मीदवारों की पहली सूची घोषित की है यानि उसे अभी 167 उम्मीदवार और घोषित करने हैं। इन 33 उम्मीदवारों का कोई विरोध समाने नहीं आया है और ऐसा ना हो इसीलिए कांग्रेस आलाकमान ने यह सूची छोटी रखी। आने वाली सूचियों के बाद कांग्रेस के टिकट ना पाने वाले भी अगर सड़क पर विरोध करते नजर आएं तो कोई बड़ी बात नहीं होगी क्योंकि जब मोदी-शाह का जलाल भाजपा के आंतरिक विरोध को उबलने से नहीं रोक पाया तो राहुल गाँधी तो आतंरिक विरोध को हमेशा ही साथ लेकर चलते रहें है।
वैसे तो बसपा ने अपने कुछ उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं और उनमें से 3-4 जीत भी सकते हैं, AAP, RLP और AIMIM भी अपनी सियासी कसरत में लगे हुए हैं पर फिलहाल हम राजस्थान की पारम्परिक दो पार्टियों के संघर्ष के मद्दे नजर अब तक 18 सीटों पर जो मुकाबला संभावित है उसकी एक स्पष्ट तस्वीर राजकाज के पाठकों के लिए पेश कर रहें हैं।
1. अलवर ग्रामीण एस.सी.
2. बागीदौरा एस.टी.3. बायतु
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