जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
दुनियाभर में मशहूर जयपुर के झालाना लेपर्ड रिजर्व में वन विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों की मिलीभगत से प्राइवेट पार्टी का आयोजन किया गया। जयपुर के लग्जरी होटल लीला पैलेस की ओर से गुरुवार को आयोजित इस पार्टी में नियमों को ताक पर रख सफारी एरिया में बनी शिकार ओदी में अस्थाई किचन तैयार किया गया और खास मेहमानों को कई तरह के पकवान परोसे गए।
जैसे ही झालाना की शिकार ओदी का वीडियो वन्य जीव प्रेमियों के सामने आया तो उन्होंने इसका विरोध शुरू कर दिया। इसके बाद आनन-फानन में वन विभाग ने भी इस पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है।
खास मेहमानों के लिए तैयार किया किचन
झालाना कंजर्वेशन रिजर्व के सफारी एरिया में बनी शिकार ओदी में खास मेहमानों के लिए चाय, नाश्ते और फ्रूट्स के साथ ही लाइव (अस्थाई) किचन भी तैयार किया गया, जहां वेटर और स्टाफ खास मेहमानों की मेहमान नवाजी में व्यस्त नजर आए। वहीं वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी आंखें मूंद कर बैठे रहे।
अधिकारियों की मिलीभगत से हुई प्राइवेट पार्टी
स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड के सदस्य सुनील मेहता ने झालाना में हुई लापरवाही को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा- जिस जगह खाने-पीने का सामान तक ले जाने की अनुमति नहीं है, वहां पर एक होटल की ओर से बुफे सिस्टम डेवलप किया गया। किचन तैयार किया और वेटर लगाए गए। इस पूरे घटनाक्रम के दौरान वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी आंख मूंद बैठे रहे, क्योंकि उन लोगों की मिलीभगत से यह प्राइवेट पार्टी हुई है। इसकी शिकायत मैं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भी करूंगा।
मेहता ने बताया कि पिछले कुछ समय से वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ मिल कर कुछ बाहरी लोग झालाना को खत्म करने में लगे हैं। यहां पर न सिर्फ अवैध रूप से पार्टी का आयोजन किया जा रहा है, बल्कि नियमों के खिलाफ दर्जनों की संख्या में गाड़ियों का संचालन भी होता है। इन लोगों के खिलाफ कहीं कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। उन्होंने कहा- इससे पहले भी झालाना में कई तरह की अनियमितताएं सामने आ चुकी हैं। कई गंभीर घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन कभी कोई व्यापक कार्रवाई नहीं हुई। पूरा सिस्टम ही भ्रष्ट हो चुका है। नीचे से लेकर ऊपर तक भ्रष्टाचार का पैसा पहुंच रहा है, जिससे झालाना बर्बाद होने के कगार पर पहुंच चुका है। अगर सरकार समय पर नहीं जागी तो वन और वन्य जीव, दोनों के लिए हालात और खतरनाक हो सकते हैं।
अधिकारी की सिफारिश पर गाड़ियों को मिली एंट्री
सूत्रों के अनुसार शुरुआती जांच में पता चला है कि जयपुर के लग्जरी होटल लीला पैलेस के गेस्ट के लिए झालाना में स्पेशल अरेंजमेंट्स किया गया था। गुरुवार सुबह जैसे ही होटल की गाड़ियां झालाना लेपर्ड सफारी के मुख्य द्वार पर पहुंची तो गाड़ियों में रखे अतिरिक्त सामान को देख वहां मौजूद महिला गार्ड ने उनको गेट पर ही रोक दिया था। इसके बाद होटल स्टाफ ने वन विभाग के अधिकारी को फोन किया, जिसकी सिफारिश के बाद महिला गार्ड ने गाड़ियों को सफारी एरिया में जाने दिया।
जांच में दोषी मिलने पर होगी सख्त कार्रवाई
डीसीएफ (उप वन संरक्षक) केतन कुमार ने कहा- झालाना में हुआ यह पूरा घटनाक्रम निंदनीय है। इस पूरे मामले में वन विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत सामने आ रही है। इसको लेकर हमने जांच शुरू कर दी है। एसीएफ रघुवीर मीणा जांच कर रहे हैं, जो सोमवार तक जांच रिपोर्ट सौंप देंगे। जांच में जो भी व्यक्ति इस पूरे मामले में दोषी होगा। उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, ताकि भविष्य में इस तरह की लापरवाही नहीं हो। उधर, जब इस बारे में होटल मैनेजमेंट से बात की गई तो उन्होंने इस पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
चिप्स का पैकेट तक बैन, पर किचन का पूरा सामान ले गए अंदर
लेपर्ड रिजर्व एरिया में पानी की बोतल ले जाने की अनुमति है। आम आदमी चिप्स का पैकेट भी नहीं ले जा सकता है। झालाना लेपर्ड रिजर्व में एंट्री के वक्त ही पर्यटकों और उनकी गाड़ियों की चेकिंग भी की जाती है। इसके बावजूद अस्थाई किचन का सामान, कुशन, टेबल कवर, क्रॉकरी, फ्लाॅवर पॉट, टेबल, फ्रूट्स और खाने-पीने के पैकेट जैसे कई सामान नियमों के विपरीत लेपर्ड एरिया में ले जाए गए। जहां शेफ की ड्रेस में कुक बाकायदा खास मेहमानों के लिए डिश तैयार कर रहे थे। होटल स्टाफ उन्हें सर्व कर रहा था।
बता दें कि जयपुर में पिछले कुछ समय से लेपर्ड की संख्या लगातार बढ़ रही है। झालाना, आमागढ़ और नाहरगढ़ सफारी में लगभग 70 लेपर्ड हैं। इनमें 40 से ज्यादा लेपर्ड झालाना सफारी में हैं। इनको देखने के लिए हर साल बड़ी संख्या में सिर्फ राजस्थान ही नहीं बल्कि देश-दुनिया के टूरिस्ट जयपुर आते हैं।
अवैध रूप से गाड़ियों का हो रहा संचालन
झालाना लेपर्ड सफारी में पिछले दिनों पर्यटकों की गाड़ी पलट गई थी। वहीं उससे कुछ दिन पहले देर रात लेपर्ड एरिया में सफारी की शिकायत मिली थी, जिसकी जांच भी जारी है। इसके साथ ही अवैध रूप से गाड़ी (निर्धारित संख्या से ज्यादा) का संचालन भी झालाना की एक बड़ी समस्या बनती जा रही है। इसको लेकर स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड के मेंबर कई बार शिकायत कर चुके हैं।
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