जोधपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दो दिन पहले अपने जोधपुर प्रवास के दौरान सर्किट हाउस में अधिकारियों की एक बैठक ली थी। उसमें विशेष तौर से नगर निगम और जेडीए के अधिकारियों को यह डायरेक्शन दिए कि जिन भी सरकारी विभागों को भवन बनाने के लिए जमीन आवंटन करना है उन प्रश्नों को जल से जल्द निपटाया जाए। इसका बड़ा कारण यह था कि लगातार मुख्यमंत्री की ओर से कई घोषणाएं हो रही है लेकिन उनको धरातल पर लागू करने के लिए जमीन ही नहीं मिल पा रही।
इस मीटिंग के बाद जेडीए हरकत में आया है और अब सभी डिपार्टमेंट के हेड से एक अपील जारी करते हुए उनको सरकारी जमीन आवंटन के लिए दस्तावेज लेकर बुलाया गया है। जेडीए परिसर में ही 8 सितंबर को इसके लिए स्पेशल कैंप भी लगाया गया है। नई घोषणा और सरकारी विभागों को जमीन आवंटन की प्रक्रिया राजस्थान सरकार आचार संहिता लगने से पहले पूरा करना चाहती है। इसीलिए जेडीए को स्पेशल टास्क भी दिया गया है।
कई अस्पतालो को अपग्रेड किया, मगर जमीन नहीं
सीएम ने अपनी घोषणा में कई अस्पतालों के साथ ही दूसरे सरकारी विभागों को अपग्रेड किया है जिनके विस्तार के लिए जमीन की जरूरत पड़ती है। लेकिन जेडीए की ढिलाई के कारण यह जमीन आवंटन ठंडे बस्ते में गया हुआ था। कई सरकारी विभागों ने इसके लिए प्रस्ताव बनाकर जेडीए को दे भी रखा है लेकिन फिर किसी न किसी दस्तावेज की कमी बता कर उसे रोक दिया गया।
पुलिस भी बैठक के बाद हुई एक्टिव
मुख्यमंत्री गहलोत ने इसी दिन पुलिस अधिकारियों की भी एक विशेष बैठक ली थी जिसमें उन्होंने रामदेवरा जा रहे छात्रों की सुरक्षा के लिए विशेष कदम उठाने के निर्देश दिए थे। जोधपुर पुलिस कमिश्नर, डीसीपी और आईजी के साथ ग्रामीण एसपी भी इस बैठक में शामिल हुए। इस बैठक में मिले डायरेक्शन का नतीजा यह हुआ कि अगले दिन से ही पुलिस यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उनको रिफ्लेक्टर लगाने के काम में जुट गई है। अलग-अलग थाना क्षेत्र में पुलिस अधिकारी रामदेवरा जाने वाले इन श्रद्धालुओं को रिफ्लेक्टर लग रहे हैं ताकि सड़क हादसों से बचा जा सके।
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