विधानसभा चुनावों के नजदीक आने के साथ ही कांग्रेस-बीजेपी के नेताओं के बीच वार-पलटवार का दौर तेज हो गया है। खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल को अरब सागर में फेंकने वाले बयान पर पलटवार करते हुए चुनौती दी है। खाचरियावास ने धारीवाल का समर्थन करते हुए शेखावत को चुनौती दी है कि हिम्मत है तो गजेंद्र मुझे समुद्र में फेंके।
खाचरियावास ने कहा- केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह कैसी भाषा बोल रहे हैं। कह रहे हैं मंत्री को उठाकर अरब सागर में फेंक दो,क्यों आपके हाथ में ज्यादा ताकत है क्या? या गलतफहमी ज्यादा है। मैं राम का वंशज हूं, असली सनातन धर्म का रक्षक हूं, मुझे फेंको ना समुद्र में?
इतनी ज्यादा गलतफहमी बीजेपी के मंत्रियों को कैसे हो गई? केंद्रीय मंत्रियों की भाषा देखिए, 82 साल के शांति धारीवाल के लिए कह रहे कि अरब सागर में उठाकर फेंक देंगे। क्या उनके बच्चे और परिवार नहीं है क्या? आपको पाप नहीं लगेगा?
खाचरियावास ने कहा- कानून हाथ में ले लोगे क्या? कैसे फेंक दोगे आप। आपको यह अधिकार दिया है भारत सरकार ने। आप पूछ लो संविधान में यह अधिकार है क्या? केंद्रीय मंत्रियों को यह अधिकार मिल गया है कि राजस्थान के मंत्रियों को आप उठाकर अरब सागर में फेंक सकते हो तो बताओ हम वैसी तैयारी करें। हम भी ध्यान रखें। फिर यह नया काम चालू करवा दें। हम प्रधानमंत्री से रिक्वेस्ट करेंगे बॉक्सिंग भी सिखा दो ताकि किस में कितनी ताकत है पता लग जाए। यह कोई बात हुई।
बीजेपी को वाजपेयी-शेखावत के चेलों से नफरत
खाचरियावास बोले- भैरोंसिंह शेखावत, जिन्होंने बीजेपी को गांव-गांव पहुंचाया, कैलाश मेघवाल उन्हीं के चेले हैं। बीजेपी को अटल बिहारी वाजपेयी और भैरोंसिंह शेखावत के चेलों से नफरत है। कैलाश मेघवाल ने ऐसा क्या गुनाह कर दिया कि उन पर एक्शन ले लिया।
इससे जाहिर होता है कि आपकी सोच दलित विरोधी है। दलित वर्ग का जो नेतृत्व करते हैं, जो पॉपुलर हैं, ऐसे नेताओं को साइड लाइन किया जा रहा है। बीजेपी को खड़ा करने में कैलाश मेघवाल का भी योगदान है। कैलाश मेघवाल को मनाने भी गया क्या कोई बीजेपी नेता?
कैलाश मेघवाल गुरु आदमी हैं, कांग्रेस-बीजेपी नेताओं के काबू नहीं आएंगे
मंत्री ने कहा- कैलाश मेघवाल गुरु आदमी हैं, वो कांग्रेस-बीजेपी के नेताओं के काबू में आने वाले नहीं है। उन्होंने भैरोंसिंह शेखावत के साथ राजनीति की है।
कैलाश मेघवाल को कांग्रेस कैसे काबू में करने की कोशिश कर सकती है। कांग्रेस षड्यंत्र करने में विश्वास नहीं करती। जैसे ही कैलाश मेघवाल ने सच्चाई की बात उठाई तो उन्होंने उन पर कांग्रेस से मिले हुए होने का आरोप लगा दिया। बीजेपी की यह पुरानी आदत रही है।
पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में क्यों नहीं लाती केंद्र सरकार?
खाचरियावास ने कहा- पेट्रोल-डीजल, महंगाई की मार का नारा देकर बीजेपी वाले सरकार में आए, लेकिन इनमें आग लगा दी। गैस सिलेंडर में 650 रुपए बढ़ाकर 200 रुपए कम किए हैं। महंगाई, बेरोजगारी कम नहीं कर पाए, जो हालात पैदा हो गए हैं, उनकी बीजेपी जिम्मेदार है।
पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में क्यों नहीं लाते। अगर जीएसटी के दायरे में आ जाए तो आम लोगों को 40 रुपए लीटर में पेट्रोल मिल सकता है। केंद्र सरकार को पॉलिसी बनाने से कौन रोक रहा है? केंद्र सरकार हर मोर्चे पर फेल हो चुकी है।
0 टिप्पणियाँ