चित्तौड़गढ़ - गोपाल चतुर्वेदी
चित्तौडग़ढ़ जिले के सबसे बड़े जिला राजकीय श्री सांवलिया जी चिकित्सालय में जिम्मेदार लोगों की लापरवाही के चलते यहां आने वाले मरीजों और उनके परिजनों में संक्रमण का खतरा निरंतर बना हुआ है। चिकित्सालय परिसर में मेडिकल वेस्ट कचरा का उचित निस्तारण नहीं किया जा रहा है। इतना ही नहीं लापरवाह जिम्मेदारो द्वारा इस कचरे को वहीं जलाया जा रहा है जिससे कचरे से निकलने वाले धुएं से चिकित्सालय में आने वाले मरीज और उनके मरीजों के साथ आसपास रहने वाले लोगों मे भी संक्रमण फेलने का खतरा निरंतर बना हुआ है।
जानकारी के अनुसार जिला चिकित्सालय की मोर्चरी के समीप कचरा संग्रहण के लिए एक स्थान सुनिश्चित किया हुआ है। जिसके पास तीन अलग-अलग कमरे भी बनाए गए हैं। लेकिन इन कमरों का किसी भी तरह का उपयोग नहीं किया जा रहा है और चिकित्सालय के अलग-अलग वार्डो से निकलने वाले मेडिकल वेस्ट को कचरा संग्रहण स्थल पर फेंक कर आग के हवाले किया जा रहा है। चिकित्सालय के जिम्मेदार लोगों का इसी तरफ से आना-जाना लगा रहता है लेकिन उनकी ओर से भी इस पर कभी भी आपत्ति नहीं की गई और तो और इस कचरा संग्रहण स्थल के आसपास मेडिकल वेस्ट फैला हुआ दिखाई देता है। साथ ही मवेशियों का भी जमावड़ा लगा रहता है l जो की आमजन के साथ उनको भी नुकसान पंहुचा रहा है।
मश्वास रोग विशेषज्ञ ने बताया कि इस तरह से खुले में बायो वेस्ट को जलने से इससे निकलने वाली दूषित गैस आमजन को नुकसान पहुंचा सकती है।
इसके बारे में राजस्थान राज्य राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल एक क्षेत्रीय अधिकारी आशीष कुमार ने बताया कि समय-समय पर हमारे अधिकारी इन क्षेत्रों का निरीक्षण करते हैं लेकिन अभी तक जिला चिकित्सालय में इस तरह से खुले में मेडिकल वेस्ट को जलाने की की कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई है। आज आपसे इसकी जानकारी मिली है तो इस पर अधिकारी को भेज कर आवश्यक कार्रवाई करवाई जाएगी।
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