राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के प्रमुख और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर हमला बोला। उन्होंने रैली की परमिशन रद्द करने का आरोप सीएम पर लगा दिया। उन्होंने कहा- गहलोत के इशारे पर ये सब कुछ हुआ। सीएम साहब क्यों मुझे छेड़ रहे हो, बेटे की चिंता नहीं है क्या? इस बार बेटे को लोकसभा या विधानसभा चुनाव में फिर से हराना चाहते हो क्या? हमसे टकराओगे तो कैसे जीतोगे? बेनीवाल शुक्रवार को जोधपुर के जयनारायण व्यास यूनिवर्सिटी (JNVU) के न्यू कैंपस में छात्र अधिकार युवा हुंकार रैली में पहुंचे थे।
रैली की पहले यूनिवर्सिटी प्रशासन ने परमिशन दे दी थी, लेकिन गुरुवार को परमिशन को रद्द कर दिया गया। इसके बावजूद बेनीवाल ने रैली की। बेनीवाल ने पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को लेकर कहा- गहलोत पूर्व मुख्यमंत्री राजे का नाम लेते हैं और कहते हैं कि उन्होंने सरकार बचाई, इसका मतलब साफ है कि दोनों आपस में मिले हुए हैं।
बेनीवाल बोले- गहलोत की पीड़ा है कि वे कभी यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष नहीं बने
राजस्थान में छात्र संघ चुनाव बंद करने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि यह सीएम गहलोत की पीड़ा है कि वह खुद कभी किसी विश्वविद्यालय के अध्यक्ष नहीं बन पाए। इसीलिए छात्र संघ चुनाव बंद किए हैं। 14 सितंबर को जयपुर में एक बड़ी रैली करने जा रहे हैं, जिसका निमंत्रण देने के लिए हर बड़े विश्वविद्यालय में इस प्रकार की रैली कर लोगों को जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि छात्रों की चिंता है, नहीं तो वह भी कांग्रेस और बीजेपी की तरह कोई यात्रा निकाल सकते थे।
जिसका पीछा करता हूं, उसे दिन में तारे दिखाता हूं
बेनीवाल ने कहा- मैं हमेशा किसानों और छात्रों के हक की लड़ाई लड़ता रहूंगा। जिस किसी भी नेता ने रातों-रात यह परमिशन कैंसिल करवाई है, उसकी नींद हराम कर देंगे। वह राजस्थान में किसी भी प्रकार का चुनाव नहीं लड़ पाएगा। मैं जिसका भी पीछा करता हूं, उसको दिन में तारे दिखा देता हूं।
उन्होंने कहा- भाजपा नेता कभी नड्डा को लाते हैं तो कभी दूसरे नेता को। लेकिन 5000 की भी भीड़ इकट्ठा नहीं कर पा रहे तो कैसे सरकार बनाएंगे। कांग्रेस को तो आरएलपी का एहसान मानना चाहिए कि भाजपा की आंधी को रालोपा ने ही रोक रखा है।
जब पहले चुनाव रोके थे तो मैंने ही आंदोलन किया था
बेनीवाल ने कहा कि इससे पहले जब साल 2004 से 2010 तक छात्र संघ चुनाव पर रोक लगी थी, तब सबसे पहले विधानसभा में उन्होंने ही आवाज उठाई थी और धरने पर बैठ गए थे। इसके बाद कुछ कांग्रेस और भाजपा के विधायकों ने भी साथ दिया और सरकार को चुनाव फिर से बहाल करने पड़े।
उन्होंने कहा- अब 14 सितंबर को फिर से छात्र शक्ति की ताकत दिखाएंगे और ऐसा इलाज करेंगे कि चुनाव वापस हों और उन पर कभी रोक नहीं लगे।
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