डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन आयुर्वेद यूनिवर्सिटी में पहली बार सिजेरियन डिलेवरी हुई। फलोदी के काली देवी पत्नी प्रकाश ने एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया, जिसका नाम आयुर्वेद पर 'आयुषी' रखा गया। इस शल्य क्रिया में एलोपैथी के डॉक्टर्स ने आयुष डॉक्टर्स का साथ दिया।
विवि के वाइस चांसलर डॉ. पीके प्रजापति ने बताया कि यहां सामान्य प्रसव तो करवाए जा रहे थे, लेकिन विवि की स्थापना के 20 साल बाद पहली बार ऑपरेशन से प्रसव करवाया गया। इसके लिए श्रीबालाजी हॉस्पिटल की गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. सीमा शर्मा, उनकी टीम व निश्चेतना विभाग में सीएमएचओ के अधीन कार्यरत डॉ.मोनीष शर्मा, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अजय कुमार हरित का सहयोग रहा। अब शल्य चिकित्सा का विस्तार गायनी विभाग के साथ दूसरे विभाग में भी किया जाएगा।
डॉ. सीमा शर्मा ने बताया कि काली देवी हमारे अस्पताल में इलाज ले रही थी। अचानक तबीयत बिगड़ने पर वह आयुर्वेद यूनिवर्सिटी आ गई। यहां उसे भर्ती कर लिया गया। फिर मंगलवार को गणेश चतुर्थी के अवसर पर डिलीवरी करवाई गई।
4 बार हो चुका गर्भपात
मरीज ने पांचवीं बार में शिशु को कंसीव किया था। इससे पहले चार बार गर्भपात हो चुका था। जिसमें बच्ची का जन्म हुआ। मां-बेटी दोनों स्वस्थ है। प्रसव के बाद आयुर्वेद सूतिका परिचर्या द्वारा मां का उपचार शरू किया गया।
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