मनुष्य जाति में एक भ्रम है कि इन जानवरों के अंगों को खाने से उसमें अथाह यौन शक्ति
आ जायेगी। यह एक बकवास धारणा है पर मनुष्य के ज्ञान को तो आसानी से मिटाया जा सकता
है पर उसकी बेवकूफियों को मिटाना लगभग एक असंभव सा काम है। चिर यौवन की प्यास और दीवारों
पर मारे गए जानवर की खाल के मूर्खतापूर्ण दिखावे के लिए जैगुआर, पूमा, लिंक्स, बॉब
कैट, जगुवरुंडी, मार्गे और ओसलॉट नामक बड़ी बिल्लियां हजारों की संख्या में बंदूक की
गोलियों का शिकार हुई। कोई नब्बे फीसदी जानवरों को मार देने के बाद सरकारें जागी और
तब जाकर इनके शिकार पर रोक लगी। परंतु लगता है कि सरकारों में जागृति काफी देर से आई।
शिकार पर तो रोक लगी पर जंगलों से सड़कें निकल गई, रेल लाइन बिछ गई। आज फ्लोरिडा पैंथर
जैसा विशाल और शानदार जीव वहां के जंगलों से गुजर रही सड़कों पर अकसर मृत पड़ा पाया
जाता है। तेज गति से दौड़ते विशाल ट्रक की टक्कर इस जानवर की अस्तित्व को सबसे बड़ा
खतरा है। कभी हजारों की संख्या में होने वाले फ्लोरिडा पैंथर अब मात्र 50 ही रह गए
हैं। वन्य जीव प्रेमी इन 50 पैंथर को बचाए रखने और इनकी संख्या की वृद्धि के लिए प्रयासरत
हैं परंतु इनका अस्तित्व तो अंधकार में जाता नजर आ रहा है। शायद हम उस स्थिति की तरफ
तेजी से बढ़ रहे हैं जब पूरी धरती पर पगलाए मनुष्यों के झुंड नारे लगाते घूमेंगे और
प्रकृति अपने विनाश पर मूक अश्रुधारा बहाएगी। पृथ्वी तो होगी पर असंख्य जीव अपना अस्तित्व
खो चुके होंगे। मनुष्य के लालच और अहंकार पर लगाम लगाना अब असंभव सा लगता है क्योंकि
सत्ता एवम् धन लोलुप लोगों ने विचारकों और मार्गदर्शकों को महत्वहीन कर बे-लगाम झुंडों
के हाथों धरती सौंप दी है। यह धरती होगी, मानव झुंड भी होंगे परंतु असंख्य जीव विलुप्ति
की अनंत गहराइयों में सदा सर्वदा के लिए खो जायेंगे।
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