नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को 'अहंकारी रावण' बताने पर सियासी विवाद शुरू हो गया है। राठौड़ के बयान पर डोटासरा ने कहा- रावण विद्वान तो था ही। यह तो मानते हो। विद्वान ब्राह्मण था। ये राठौड़ चूकते नहीं हैं। कभी ब्राह्मणों के खिलाफ टिप्पणी करते हैं। कभी जाटों के खिलाफ टिप्पणी करते हैं। कभी किसी और OBC की जाति के विरोध में टिप्पणी करते हैं।
सोमवार को डोटासरा प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा- कभी ये OBC के अध्यक्ष को हटा देते हैं, कभी कुछ कर देते हैं। ये बौखलाए हुए हैं। कुछ भी कह सकते हैं। प्रतिपक्ष का नेता केवल लक्ष्मणगढ़ में मीटिंग करे और उसमें भी 3000 लोग हों। उस सभा में भी केवल गोविंद डोटासरा पर बोले। व्यक्तिगत कमेंट करें तो समझ सकते हैं इनकी हालत कितनी पतली है। यात्रा में कम से कम अपनी सरकार का विजन पेश करते। हमारी योजनाओं की कमी-खामी बताते। मोदी की योजना की कोई खासियत बताते, लेकिन ये केवल मेरे खिलाफ अनर्गल आरोप लगाते रहे।
राजेंद्र राठौड़ चूरू से 100% हारेंगे
डोटासरा ने कहा- मैं फिर कह रहा हूं। राजेंद्र राठौड़ इस बार चूरू से चुनाव नहीं लड़ेंगे। लड़ेंगे तो 100% हारेंगे। इसीलिए बौखलाहट में व्यक्तिगत आरोप लगाते हैं। वो सीनियर हैं। इसलिए मैं व्यक्तिगत आरोप नहीं लगाता। नहीं तो सुबह से शाम हो जाए। ओछे आरोप उनको मुबारक हो।
आरएएस बनने वाले मेरे रिश्तेदारों ने चूरू की चक्की का आटा खाया है
डोटासरा ने कहा- मुझसे बार-बार पूछते हैं कि उनके रिश्तेदार ने कौन सी चक्की का आटा खाया है कि 4-4 आरएएस बन गए। उन्होंने चूरू जिले की चक्की का आटा खाया है, जिसके पिता अधिकारी हों, मां टीचर हों, दो बहनें आरएएस, बेटा आरएएस हो, जब राजेंद्र राठौड़ की सरकार थी वह तब वो आरएएस बने। मेरा बेटा भी तभी आरएएस बना था, जब बीजेपी सरकार थी। उनको चूरू की चक्की का इसलिए नहीं पता क्योंकि वह चूरू के है ही नहीं। वो हनुमानगढ़ के हैं। चूरू की जनता ने उनको मान-सम्मान दिया और वह चूरू को छोड़कर भागना चाहते हैं।
बीजेपी नेतृत्व विहीन पार्टी
डोटासरा ने कहा- उनके जिला अध्यक्ष का वीडियो देखा होगा। वह कह रहे हैं कि यह जाएगा पकड़ो। अगर 500 व्यक्ति इकट्ठे करके कह रहे हैं कि राजेंद्र राठौड़ को रोक लो। रोककर क्या कर लोगे? चूरू तो कांग्रेस जीतेगी। इनमें सामंजस्य नहीं है। ये बौखलाहट में हैं। बीजेपी नेतृत्व विहीन पार्टी है। भाजपा मोदी के चेहरे और संवैधानिक संस्थाओं को आगे करके चुनाव लड़ना चाहती है, लेकिन वह सफल नहीं होगी। मोदी के चेहरे पर अब चुनाव में पार नहीं पड़ेगी। हमने पंजाब में देखा, हिमाचल में देखा और चार-पांच स्टेट में हम देख चुके हैं।
मन की बातें निकल जाती हैं
डोटासरा ने कहा- राजेंद्र राठौड़ की उम्र हो गई है। चिंता भी सता रही है कि कैसे जीतूंगा तो उनके मुंह से निकल गया कि यह चुनाव भारतीय जनता पार्टी वर्सेस जनता होने वाला है। तो जनता ही जीतती है। अर्जुन मेघवाल कह रहे हैं कि कांग्रेस की सरकार आएगी। फिर किसी ने पीछे से चुटकी ली कि आप मंत्री और संयोजक हो, ऐसे क्या बोल रहे हो तो सुधार किया लेकिन मन की बातें निकल जाती हैं, यह सब डिप्रेशन है।
बौखलाहट में बयानबाजी कर रहे
डोटासरा ने गजेंद्र सिंह शेखावत के सूर्यकांता व्यास पर दिए बयान पर कहा- सूर्यकांता व्यास वरिष्ठ विधायक हैं। 85 साल उम्र है। भगवान उनको लंबी उम्र दे। उनको फील हुआ होगा, लेकिन गजेंद्र सिंह को उन्हें माफ कर देना चाहिए। वह नेतृत्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। बौखलाहट में बयानबाजी कर रहे हैं। चाहे राजेंद्र राठौड़ हों, चाहे गजेंद्र सिंह हों या कोई अन्य नेता। ये बोलना कुछ चाहते हैं, निकल कुछ रहा है।
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