अलवर ब्यूरो रिपोर्ट।
पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार में मंत्री रहे डॉ. रोहिताश्व शर्मा ने कहा है कि अगर भारतीय जनता पार्टी ने वसुंधरा राजे को फेस घोषित नहीं किया तो निश्चित नुकसान होगा।
साथ ही शर्मा ने मोदी के चेहरे पर राजस्थान में चुनाव लड़ने की बात पर तंज किया। कहा- हैंडपंप खराब होगा तो गांव का आदमी दिल्ली जाएगा क्या।
हाल ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुंबई में मुलाकात कर अलवर लौटे शर्मा ने कहा- भाजपा मेरी मां है तो शिव सेना मौसी है।
बता दें कि बानसूर विधानसभा क्षेत्र से दावेदारी जता रहे और जीत का दावा कर रहे रोहिताश शर्मा भाजपा से 6 साल के लिए निलंबित चल रहे हैं। वे वसुंधरा गुट के नेता माने जाते हैं। राेहिताश्व शर्मा शिव सेना (शिंदे) में जाने की तैयारी में हैं। इससे पहले कांग्रेस से बर्खास्त पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा भी 9 सितंबर को शिव सेना (शिंदे) जॉइन कर चुके हैं।
डॉ रोहिताश्व शर्मा ने दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा- भारतीय जनता पार्टी से मुझे धक्के मार कर बाहर किया था। अब शिवसेना में जाने के लिए महाराष्ट्र के सीएम से मुलाकात की है।
अगर शिदें की पार्टी को गठबंधन में राजस्थान में सीट मिलती हैं तो मैं जल्दी ही शिव सैनिक हो जाऊंगा। वैसे भी बीजेपी मेरे लिए मां की तरह है तो शिव सेना मौसी है। बीजेपी ने निकाल रखा है तो मौसी के पास रोटी खा लेंगे।
डॉ. रोहिताश्व शर्मा ने कहा- मैं अपने माता-पिता के घर पैदा हुआ। लेकिन बानसूर का राजनीतिक बेटा हूं। बानसूर की जनता ही माई-बाप है। मैं बानसूर से दूर नहीं रह सकता। इसलिए चुनाव को किसी भी परिस्थिति में लडूंगा।
वसुंधरा राजे को बीजेपी का सीएम चेहरा न बनाए जाने को लेकर शर्मा ने कहा- यह दुर्भाग्य है। वसुंधरा राजे भाजपा की समर्पित कार्यकर्ता हैं। वे अच्छी लीडर रहीं। किसान-मजदूर को लेकर योजनाएं और राजस्थान का विकास करने में उन्होंने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी।
चंबल के पानी को लेकर उन्होंने ही योजना बनाई थी। डीपीआर भी तैयार थी। केंद्र सरकार और राज्य सरकार की राजनीति में योजना अटक गई। वैसे मोदीजी ने भी इसके लिए वादा किया था। वसुंधरा राजे को सीएम फेस न बनाए जाने का भाजपा को निश्चित रूप से नुकसान होगा।
हैंडपंप की समस्या के लिए दिल्ली जाएंगे क्या
पूर्व मंत्री ने कहा- इंदिरा गांधी ने कांग्रेस के नेताओं को मारा इसीलिए आज कांग्रेस हाशिए पर खड़ी है। नरेंद्र मोदी देश के नेता हैं, लेकिन वे ढाणी के भी नेता बन रहे हैं, गांव के भी नेता बन रहे हैं, सरपंची में भी नेता बन रहे हैं। प्रधानमंत्री के पास इतना वक्त नहीं होता। हैंडपंप की समस्या के लिए गांव का आदमी दिल्ली जाएगा क्या?
उन्होंने कहा- संघीय ढांचे को बनाए रखना चाहिए, स्टेट में स्टेट का ही लीडर होना चाहिए।
एंटी इन्कम्बैंसी गहलोत के खिलाफ नहीं
रोहिताश्व शर्मा ने कांग्रेस के सरकार रिपीट के दावे को लेकर कहा- एंटी इन्कम्बैंसी अशोक गहलोत के खिलाफ तो नहीं है, हां कांग्रेस के मंत्रियों-विधायकों के खिलाफ एंटी इन्कम्बैंसी है। इसलिए वसुंधरा राजे को लीडर घोषित करना जरूरी है। ऐसा नहीं किया तो भारतीय जनता पार्टी को तगड़ा नुकसान होगा।
उन्होंने कहा कि राजस्थान में भाजपा बिन दूल्हे की बारात है। शर्मा ने अलवर जिले की 9 विधानसभा सीटों को लेकर भी अपनी राय जाहिर की। शिवसेना से रिश्ते को लेकर पूर्व मंत्री रोहिताश्व शर्मा ने कहा- बाला साहब ठाकरे के समय भैरोसिंह शेखावतजी के साथ कई बार एकनाथ शिंदे के साथ मुलाकात हुई थी। वे मुझे अच्छे से जानते हैं।
शेखावतजी ने मेरा बाला साहेब से परिचय कराया था। कहा था कि बाला साहब मेरे हनुमान हैं। अब जरूरत के समय मुझे एकनाथ शिंदे की याद आई। गणेश चतुर्थी के दिन मैं मुंबई पहुंचा। एकनाथ शिंदे ने गणेशजी के दर्शन कराए। पूरे परिवार से मुलाकात कराई, खाना खिलाया।
इसके बाद घर से सचिवालय लेकर गए। वहां मैंने बताया- मैं बानसूर से चुनाव लड़ना चाहता हूं। बीजेपी ने मुझे 6 साल से निकाला हुआ है, लेकिन बीजेपी मेरी आत्मा में बसी हुई है। मैं लगातार काम करता रहा हूं। बानसूर में विपक्ष की भूमिका भी मैंने अब तक निभाई है। सर्वे में भी मेरा नाम आया था।
उन्होंने कहा- शिंदेजी ने मेरा बायोडाटा ले लिया। कहा कि दिल्ली में बात करेंगे। राजस्थान में हमें (शिव सेना शिंदे को) अलायंस में कितनी सीट मिलती हैं उसी पर निर्भर करता है। शिंदे ने पार्टी जॉइन करने के बारे में पूछा तो मेरा जवाब था कि मैं उसी दिन जॉइन करूंगा, जब अलायंस की सीट सुनिश्चित हो जाएंगी।
बीजेपी मां है और शिवसेना मौसी है। कोई फर्क नहीं है। बीजेपी ने मुझे धक्के मार कर बाहर किया है तो मौसी के घर रोटी खा लेंगे। दोनों एक विचारधारा के संगठन हैं। देखो क्या होता है।
हिंदुत्व पसंद, लेकिन कट्टर नहीं
पूर्व मंत्री ने कहा- मैं मॉर्डन विचारधारा का हूं। दोनों पार्टियों में मेरे दोस्त हैं। हिंदुत्व को पसंद करता हूं। लेकिन बहुत अधिक कट्टर नहीं हूं। सब हिंदू ही हैं। सब भाई-भाई हैं। इसलिए कट्टरवाद के झगड़े में कम पड़ता हूं। कुछ लोगों को मैं पच नहीं पा रहा हूं, इसलिए अपनी संभावनाओं को तलाश रहा हूं।
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