मोती डूंगरी मंदिर से गणेश जी की शोभायात्रा निकाली गई। राज्यपाल कलराज मिश्र ने शोभायात्रा में शामिल मुख्य रथ की पूजा अर्चना कर रवाना किया। इस दौरान महंत कैलाश शर्मा भी मौजूद रहे।यह यात्रा मोती डूंगरी गणेश जी मंदिर से शुरू होकर मोती डूंगरी रोड, सांगानेरी गेट, जौहरी बाजार, बड़ी चौपड़, त्रिपोलिया बाजार, गणगौरी बाजार, ब्रह्मपुरी होते हुए गढ़ गणेश मंदिर पहुंचकर विसर्जित होती है।शोभायात्रा में शामिल हुए भक्तों के लिए मोती डूंगरी रोड, जौहरी बाजार, चांदपोल बाजार, छोटी चौपड़, गणगौरी बाजार सहित गढ़ गणेश मंदिर तक रास्ते में 500 से ज्यादा खाने-पीने के स्टॉल लगाए गए।
14 फीट के रथ में स्वर्ण मंडित चित्र विराजमानमहंत कैलाश शर्मा के बताया- ऋषि पंचमी पर मोती डूंगरी गणेश जी से 36वीं शोभायात्रा निकली। इसमें गणेश जी शोभायात्रा के रूप में नगर भ्रमण पर निकले। शोभायात्रा में करीब 86 झांकियां शामिल हुई, इनमें से 28 झांकियां इलेक्ट्रॉनिक थी। इन झांकियों को कोलकाता के कारीगरों ने तैयार किया। शोभायात्रा में सबसे पीछे मुख्य रथ में गणेश जी का स्वर्ण मंडित चित्र विराजमान हुए।
चंद्रयान-3 की झांकी मुख्य आकर्षण का केंद्र
इस शोभा यात्रा के मुख्य आकर्षण का केंद्र चंद्रयान-3 की झांकी रही। इस झांकी को कर्तव्य युवा संगठन ने तैयार किया। इसे बनाने में 30 लोगों की टीम ने 20 दिन में तैयार किया। इस चंद्रयान में चंद्रमा के चक्कर लगाते हुए रोवर को दिखाया गया। वहीं इसरो से लॉन्चिंग पैड के जरिए चंद्रयान-3 की झांकी सजाई गई। इसमें अलग-अलग तरीके के कई प्लेनेट्स को दिखाकर एक ब्रह्मांड का स्वरूप देने की कोशिश की गई।
चांद के दक्षिण भाग पर जिस जगह चंद्रयान-3 ने लैंडिंग की है, उसे शिव शक्ति पॉइंट नाम दिया गया था। इस झांकी में उस जगह को दिखाते हुए वहां भगवान शिव की प्रतिमा को लगाया गया। इसके साथ ही चंद्रयान-3 की उड़ान को भगवान हनुमान के साथ जोड़कर दिखाया गया। इसमें हनुमान जी की 12 फीट की प्रतिमा आशीर्वाद देते हुए दिखाई दी। चंद्रयान-3 की इस झांकी में चंद्रमा पर उतरे प्रज्ञान और रोवर को उसके काम करते हुए भी दिखाया गया। इसमें रोवर से प्रज्ञान निकलकर चांद पर अपने मूवमेंट करता दिखा। साथ ही साथ इसमें सोलर पैनल भी लगाए गए, जिस पर यह सिस्टम काम कर रहा था।
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