सचिन पायलट के 46वें जन्मदिन पर उनके समर्थक अपने स्तर पर कार्यक्रम कर रहे हैं। इस बार पायलट इन कार्यक्रमों में हिस्सा नहीं ले रहे हैं। पायलट पारिवारिक काम से विदेश गए हैं। वे 9 सितंबर को लौट सकते हैं। पायलट के बाहर होने के कारण जयपुर में कोई बड़ा सियासी जमावड़ा नहीं किया गया है।
साल 2014 में प्रदेशाध्यक्ष बनने के बाद हर साल पायलट के जन्मदिन पर राजधानी में उनके जन्मदिन पर समर्थकों, कार्यकर्ताओं का जमावड़ा होता रहा है। पायलट के जन्मदिन पर जुटने वाली भीड़ की सियासी चर्चाएं होती रही हैं।
समर्थक अपने स्तर पर कर रहे कार्यक्रम
सचिन के जन्मदिन के मौके पर उनका बंगला सियासी गहमागहमी का सेंटर बन जाता है। पायलट के यहां नहीं हाेने पर उनके समर्थकों ने राजधानी सहित जिलों में अपने स्तर पर ब्लड डोनेशन और जन्मदिन के कार्यक्रम रखे हैं। उन कार्यक्रमों में लोकल लेवल पर कार्यकर्ता शामिल हो रहे हैं।
ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है पायलट का जन्मदिन
सीएम अशोक गहलोत, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा,जलदाय मंत्री महेश जोशी, परिवहन मंत्री बृजेंद्र ओला, वरिष्ठ नेता रघु शर्मा, जितेंद्र सिंह, हरीश चौधरी सहित सरकार के कई मंत्रियों,विधायकों और कांग्रेस नेताओं ने पायलट को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी हैं। पायलट का जन्मदिन ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है। ट्विटर पर #राजस्थान कांग्रेस कमेटी, #हैप्पी बर्थडे सचिन पायलट और सचिन पायलट ट्रेंड कर रहे हैं।
चुनावी साल में जन्मदिन पर सियासी शक्ति-प्रदर्शन से दूरी के क्या है मायने
पायलट के जन्मदिन पर राजस्थान से बाहर होने की सियासी हलकों में कई तरह की चर्चाएं भी चल रही हैं। पायलट को हाल ही में कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) का मेंबर बनाया गया है।
पायलट जुलाई 2020 से बिना पद के थे। उन्हें तीन साल बाद पद देकर मुख्यधारा में लाया गया है। ऐसे में सियासी हलकों में पहले यह संभावना थी कि उनके समर्थक और ज्यादा ताकत दिखाएंगे। पायलट के बाहर जाने की वजह से वह मौका आया ही नहीं।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि हो सकता है कि चुनावी साल में जानबूझकर सियासी शक्ति-प्रदर्शन टाला गया हो।
पायलट का पारिवारिक काम से बाहर होना अलग मुद्दा है, लेकिन उनके समर्थक विधायक भी इकट्ठे होकर राजधानी में जन्मदिन पर सियासी जमावड़ा कर सकते थे, लेकिन इस बार उससे परहेज किया गया है। जानकारों का मानना है कि चुनावी साल में किसी तरह की गुटबाजी के नरेटिव को रोकने के लिए भी जमावड़ा नहीं करने का कारण हो सकता है।
पिछले साल कार्यकर्ताओं से मिलने का कार्यक्रम रखा था
पिछले साल पायलट ने 7 की जगह 6 सितंबर को जयपुर में जन्मदिन पर समर्थकों से मुलाकात का कार्यक्रम रखा था। अच्छी तादाद में समर्थक विधायक और कार्यकर्ता जुटे थे। पिछले साल 7 सितंबर को भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत के मौके पर कन्याकुमारी जाने के कारण पायलट ने 6 सितंबर को जन्मदिन पर कार्यकर्ताओं से मिलने का कार्यक्रम रखा था।
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