जयपुर के सेंट्रल पार्क में महात्मा गांधी की स्मृति में गांधी वाटिका बनाई गई है। इसका आज शाम 5 बजे सांसद राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने लोकार्पण किया। लगभग 85 करोड़ रुपए की लागत से बनी इस वाटिका में गांधी जी के जीवन जीने के तरीके, उनके आंदोलन और दक्षिण अफ्रीका की यात्रा को वॉल पेंटिंग और शब्दों के लिए दर्शाया गया है।
वाटिका के लिए सरकार ने गांधी-विचारकों की एक 11 सदस्यीय समिति का गठन किया था। उनकी गहरी शोध और मॉनिटरिंग में ये वाटिका तैयार करवाई गई है। इस वाटिका को तीन हिस्से में बनाया गया है। पहले हिस्से में अंग्रेजों के भारत आगमन से लेकर गांधी जी के दक्षिण अफ्रीका प्रवास तक को दिखाया गया है। इसमें सन् 1857 की बगावत और घबराए अंग्रेजों की कहानी। गांधी जी के दक्षिण अफ्रीका के अनुभव और उनका आंतरिक परिवर्तन को दर्शाया गया है।
दूसरे खंड में अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलनों को दिखाया गया
दूसरे खंड में गांधी जी के भारत में अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलनों और उनके दर्शन को समेटा गया है। साल 1942 में शुरू हुए अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन, भारत को चुनौती देती सांप्रदायिक ताकत का उल्लेख किया गया है। तीसरे खंड में एक बड़ी लाइब्रेरी, सेमीनार हॉल और एक कॉन्फ्रेंस बनाए गए हैं। इसमें बड़ी संख्या में गांधी जी की विचारधारा और उनकी जीवनी से जुड़ी किताबें रखी गई हैं। इसके साथ ही यहां कॉन्फ्रेंस हॉल को इस तरह डिजाइन किया गया है। मानो सच में गांधी वाटिका में बैठे हों।
इस भवन को बनाते समय खास तौर पर मिट्टी की दीवारें तैयार की गई हैं। इसके अलावा इस वाटिका दो प्रदर्शनरी हॉल, बीच में एक ग्रीन पार्क, कैफेटेरिया, ओपन थियेटर भी है।
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