चित्तौड़गढ़ - गोपाल चतुर्वेदी
विगत कई महीनो से जिला रसद विभाग की कार्यशैली पर सवालिया निशान लग रहे हैं जिसका प्रमाण बुधवार को देखने को मिला।चित्तौड़गढ़ जिले के करीब 873 राशन डीलरों का कमीशन 9 माह से नहीं मिला है। 3 महीने का कमीशन रसद विभाग के अधिकारी और कर्मचारी की लापरवाही के चलते लेप्स हो गया लेकिन जिला रसद अधिकारी अपनी गलती को स्वीकार करने को तैयार नहीं हो रहे हैं और मामले को गोलमाल करने में लगे हैं। इसी के विरोध में जिले के समस्त राशन डीलरों ने केंद्र और राज्य सरकारों की समस्त योजनाओं का लाभ देने से इनकार करने के साथ कार्य बहिष्कार कर दिया। उनका कहना था कि जब तक कमीशन नहीं तब तक काम नहीं किया जाएगा।
इसके बारे में जानकारी देते हुए राशन डीलर संघ के संभाग अधिकारी विक्रम सिंह ने बताया कि रसद विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों की लापरवाही के चलते जिले के करीब 873 राशन डीलरों को विगत 9 माह से कमीशन नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक राशन डीलर का महीने का करीब 10 से 15 हजार रुपए का कमीशन बनता है जो की 9 महीने से नहीं मिला है।
उन्होंने बताया कि जिला रसद अधिकारी सुनील घोड़ेला और अधीनस्थ कर्मचारियों की लापरवाही के चलते सरकार से आई हुई उनके तीन महीने की कमीशन राशि भी लेप्स हो गई और विभाग के अधिकारियों की ओर से उन्हें किसी प्रकार का ठोस आश्वासन नहीं दिया जा रहा है कि उनका कमीशन उन्हें कब मिलेगा। उन्होंने बताया कि जून से लेकर सितंबर 23 तक का राशन डीलरों का कमीशन डीएसओ ऑफिस के खाते में आ गया है लेकिन उनकी ओर से अभी तक यह राशि हमारे खाते में स्थानांतरित नहीं किया गया। उन्होंने बताया कि इसके विरोध में जिला कलेक्टर को एक ज्ञापन भी सौंपा गया है। उन्होंने बताया कि जब तक उनकी कमीशन राशि का भुगतान होने नहीं किया जाता है तब तक सभी राशन डीलर सरकारी योजनाओं के काम का बहिष्कार करेंगे।
इसके बारे में जब जिला रसद अधिकारी सुनील घोड़ेला से बात की गई तो उन्होंने बताया कि राशन डीलरों की सिर्फ चार महीने का कमीशन बकाया है जो की आगामी 5-6 दिनों में उनके खातों में ट्रांसफर कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस वर्ष के पहले 3 महीनो की कमीशन राशि लेप्स हो गई थी जिसे वापस मंगवाने के लिए पत्राचार किया गया है।
गौरतलब है कि जिला रसद विभाग विगत कई महीनो से चर्चा का विषय बना रहा है जिसमें स्थानीय विधायक चंद्रभान सिंह आक्या भी जिला रसद अधिकारी और कर्मचारियों पर कई गंभीर आरोप लगा चुके हैं।
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