जोधपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
खेतों में फसल के साथ अब बिजली उत्पादन की भी तैयारी है। इससे बिजली संकट से जूझ रहे राजस्थान को कुछ राहत मिलने के आसार हैं। प्रदेश की तीनों बिजली कंपनियों ने 33 केवी जीएसएस के आसपास खेतों में छोटे सोलर प्लांट लगाने की योजना लाॅन्च की है। किसानों को दिन में बिजली सप्लाई कर फसलों के लिए उनकी मांग पूरी की जाएगी। प्रदेश में सौर कृषि आजीविका योजना (एसकेएवाई) में 1 से 5 मेगवाट क्षमता के सोलर प्लांट लगाए जाने हैं।
जोधपुर में पहले फेज में 2073 जीएसएस के आसपास करीब 6000 मेगवाट क्षमता के प्लांट लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इनमें पैदा होने वाली सौर ऊर्जा की सप्लाई किसानों को ही की जाएगी, जिससे डिस्कॉम को अतिरिक्त बिजली की व्यवस्था नहीं करनी पड़ेगी। जोधपुर डिस्कॉम के एमडी प्रमोद टाक का कहना है कि खाली जमीन पर योजना लाॅन्च की है, इससे सस्ती बिजली मिलेगी।
खेत से सीधे ग्रिड को ट्रांसमिशन होगी, सस्ती बिजली मिलेगी
- जोधपुर डिस्कॉम ने पहले फेज में जैसलमेर, जालोर, बाड़मेर, जोधपुर, पाली, बालोतरा, सांचौर व फलौदी में योजना शुरू की है। इसके लिए सौर ऊर्जा आजीविका योजना के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन किए जा रहे हैं।
- रजिस्ट्रेशन करते समय नजदीक के 33 केवी जीएसएस की लोकेशन बतानी जरूरी है, ताकि छोटे-छोटे सोलर प्लांटों से जनरेट होने वाली बिजली को अब वहीं से सीधे ग्रिड में ट्रांसमिशन किया जा सके।
- जीएसएस के पास प्लांट के साथ डिस्कॉम 25 साल तक बिजली खरीदने का एग्रीमेंट करेगा। यहां निर्माण से अतिरिक्त इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत नहीं होगी। एक मेगावाट प्लांट की लागत करीब 5 करोड़ रुपए आएगी।
3.55 रु./यूनिट खरीदेगा डिस्कॉम, 1 साल में पूरा होगा प्रोजेक्ट
खेतों में जनरेट होने वाली सौर ऊर्जा की खरीद जोधपुर डिस्कॉम करेगा। दर अभी 3.55 रुपए प्रति यूनिट तय की है। इसके बाद राजस्थान विद्युत नियामक बोर्ड दर को मंजूरी देगा। निजी कंपनियां साइट पर प्लांट का काम जल्दी शुरू करने जा रही है, जो अगले साल के मध्य तक पूरा होने की संभावना है।
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