कोटा ब्यूरो रिपोर्ट।
कोटा में लगातार सुसाइड से हर कोई हैरान है। लेकिन, इस बीच एक चौंकाने वाला एक और आंकड़ा आया है। इन आंकड़ों के मुताबिक शहर में सुसाइड केस में 6 गुना बढ़ोतरी हुई है।
दरअसल, एक्टिविस्ट एंड सायकायट्रिस्ट काउंसलर सुजीत स्वामी ने कोटा में बढ़ रहे सुसाइड केस को लेकर पुलिस डिपार्टमेंट में एक आरटीआई लगाई थी। इस आरटीआई में जो आंकड़े आए वे डराने वाले थे। इन आंकड़ों के मुताबिक बीते साढ़े 8 साल में कोटा जिले में 1 हजार 747 सुसाइड के मामले सामने आए। इनमें शहर में 1091 व ग्रामीण के 656 सुसाइड शामिल है।
12 से 30 वाले केस सबसे ज्यादा
सुजीत स्वामी ने बताया कि इन आंकड़ों में हैरान करने वाली बात ये ही है कि शहर में 795 सुसाइड के मामले 12 साल से 30 साल के बीच के हैं। इनमें 99 कोचिंग करने वाले व 31 स्कूल, कॉलेज में पढ़ने वाले है। यानी 130 युवा पढ़ने वाले थे, बाकी 12 से 30 साल के 665 युवा ऐसे है जो ना कोचिंग के थे और ना ही स्कूल कॉलेज में पढ़ाई करने वाले थे।
यानी कुल सुसाइड करने वालों में 12 प्रतिशत कोचिंग स्टूडेंट थे। जबकि साढ़े 3 प्रतिशत स्कूल कॉलेज में पढ़ने वाले युवा। बाकी 83 प्रतिशत अन्य युवा थे, जिन्होंने अलग अलग कारणों से मौत को गले लगाया।
कोटा में साढ़े 8 साल में सुसाइड के मामले
साल | पुरुष | महिला | टोटल |
2105 | 77 | 11 | 88 |
2016 | 70 | 29 | 99 |
2017 | 59 | 55 | 114 |
2018 | 47 | 45 | 92 |
2019 | 55 | 73 | 128 |
2020 | 82 | 87 | 169 |
2021 | 51 | 62 | 113 |
2022 | 61 | 65 | 126 |
जून 2023 | 50 | 13 | 63 |
552 | 440 | 992 |
सुसाइड पर अलग अलग मापदंड क्यो?
कोटा में स्टूडेंट सुसाइड की घटना ने देश का ध्यान आकर्षित किया। सीएम गहलोत ने सभी जिम्मेदार और जवाबदेह अधिकारी के साथ बैठक बुलाकर इस मामले की गहन जांच करने और रोकथाम के उपाय सुझाव के लिए एक समिति बनाई। जबकि 12 से 30 साल के अन्य युवाओं के सुसाइड के मामलों में ना तो कोई कमेटी बनी, ना ही सुसाइड के कारणों को तलाशने की कोशिश की गई।
14 से 21 साल के कोचिंग स्टूडेंट सुसाइड के मामले
साल | पुरुष | महिला | टोटल |
2015 | 12 | 5 | 17 |
2016 | 11 | 5 | 16 |
2017 | 4 | 3 | 7 |
2018 | 14 | 6 | 20 |
2019 | 5 | 3 | 8 |
2020 | 2 | 2 | 4 |
2021 | 0 | 0 | 0 |
2022 | 13 | 2 | 15 |
जून 2023 | 8 | 4 | 12 |
69 | 30 | 99 |
ये युवा भी देश के भविष्य थे, क्या इन युवाओं की जान की कीमत नहीं थी। सरकार व प्रशासन का सारा फोकस कोचिंग स्टूडेंट सुसाइड रोकथाम पर है। सरकार ने 12 से 30 साल के युवाओं के लिए मेंटल सेंटर पर काउंसलिंग की व्यवस्था क्यों नही की? युवाओं में सुसाइड की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है इसके ऊपर भी स्टडी की आवश्यकता है। क्योंकि एक एक युवा का जीवन कीमती है।
-साढ़े 8 साल में स्कूल, कॉलेज स्टूडेंट्स सुसाइड के कुल 31 मामले सामने सामने आए। इनमें 16 लड़कियां व 15 लड़के शामिल है।
12 से 30 साल के अन्य सुसाइड के मामले
साल | पुरुष | महिला | टोटल |
2015 | 48 | 8 | 56 |
2016 | 45 | 15 | 60 |
2017 | 39 | 47 | 85 |
2018 | 31 | 41 | 72 |
2019 | 34 | 49 | 83 |
2020 | 48 | 67 | 115 |
2021 | 32 | 46 | 78 |
2022 | 33 | 51 | 84 |
जून 2023 | 25 | 7 | 32 |
335 | 330 | 665 |
सुजीत ने 24 जुलाई को आरटीआई लगाई थी। और सूचना के अधिकार के तहत जनवरी 2015 से 12 जून 2023 तक हुई आत्महत्या की जानकारी मांगी थी। सुजीत ने बताया कि आईटीआई की जरिए पुलिस से मिली जानकारी में खुलासा हुआ आंकड़ों के हिसाब से युवाओं में सुसाइड की प्रवृत्ति लगातार बढ़ती जा रही है। इनमें में 12 से 30 साल का युवा ऐसा है जो मानसिक तनाव, आर्थिक परेशानी, बेरोजगारी, प्रेम प्रसंग या अन्य अवसाद के चलते मौत को गले लग रहा है।युवाओं में सुसाइड की बढ़ती प्रवृति गम्भीर चिंतन का विषय है। इस पर कंट्रोल करना बहुत जरूरी है।
30 साल से अधिक उम्र के सुसाइड के मामले
साल | पुरुष | महिला | टोटल |
2015 | 28 | 3 | 31 |
2016 | 24 | 13 | 37 |
2017 | 20 | 9 | 29 |
2018 | 16 | 3 | 19 |
2019 | 17 | 22 | 39 |
2020 | 33 | 17 | 50 |
2021 | 17 | 13 | 30 |
2022 | 23 | 9 | 32 |
जून 2023 | 24 | 5 | 29 |
202 | 94 | 296 |
सुजीत ने बताया कि साढ़े 8 सालों में 12 से 30 साल के बीच 795 युवाओं ने सुसाइड किया। जबकि 30 साल के ज्यादा उम्र के 296 मामले सामने आए। साढ़े 8 साल में कोटा में हुए सुसाइड के मामलों में पुरुषों की संख्या ज्यादा है। इससे ऐसा लगता है कि पुरूष तनाव नहीं झेल पा रहे। और आत्महत्या जैसा कदम उठा रहे है।
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