सादर प्रकाशनार्थ
जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
निर्दोष होने के बावजूद 10 साल से अपने आवंटित भूखंड के पट्टे के लिए परेशान नायला पत्रकार नगर के 571 आवंटी पत्रकारों के प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को महामहिम राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की और मामले में दखल देकर पीड़ित पत्रकारों को शीघ्र न्याय दिलाने की गुहार लगाई।
571 निर्दोष पत्रकार न्याय मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल ने महामहिम को बताया कि आवंटियों के संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकार का हनन किया जा रहा है। अनुच्छेद 14 के तहत नागरिकों को नीति के समक्ष समता का अधिकार प्राप्त है। जयपुर विकास प्राधिकरण ने पिंकसिटी प्रेस एनक्लेव के ब्रोशर में सरकार की पत्रकार आवास नीति के विरुद्ध अधिस्वीकरण की अतिरिक्त पात्रता के लिए आवंटियों को बाध्य किया है। इस अतिरिक्त पात्रता को जेडीए ने स्वयं उच्च न्यायालय में लिपिकीय त्रुटि करार दिया है। जबकि पत्रकार आवास नीति में अधिस्वीकरण से शिथिलता देकर ही वर्ष 2010 में नायला योजना का सृजन किया गया था। प्रदेश भर में इस नीति के तहत सभी जगह गैर अधिस्वीकृत पत्रकारों को भूखंड दिए गए हैं, लेकिन प्राधिकरण ने इस नीति के लाभ से वंचित कर आवंटियों के मौलिक अधिकार का हनन किया है। साथ ही प्राधिकरण ने सरकार के 20 अक्टूबर 2010 के आदेश और मामले में उच्च न्यायालय के निर्देशों की भी अवहेलना की है।
प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि मौलिक अधिकारों की रक्षा करना सरकार का भी दायित्व है और राज्यपाल महोदय से मामले में दखल देकर आवंटियों के मौलिक अधिकार के तहत प्रदेश में लागू पत्रकार आवास नीति का लाभ दिलाने की गुहार की। प्रतिनिधिमंडल में वरिष्ठ पत्रकार एवं जयपुर महानगर टाइम्स के संपादक गोपाल शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार रूपेश टिंकर, अनिल त्रिवेदी, पवन पारीक, दीपेंद्र सिंह ईसरदा और दिलीप दीक्षित शामिल थे।
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