जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
हाईकोर्ट ने शनिवार को सीएम अशोक गहलोत को नोटिस जारी किया है। इसमें 3 अक्टूबर तक जवाब मांगा है। पूछा है कि क्या ज्यूडिशियरी में करप्शन व वकील समुदाय के संबंध में बयानबाजी की है? क्यों न स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लिया जाए? जस्टिस एमएम श्रीवास्तव व आशुतोष कुमार ने यह निर्देश एडवोकेट शिवचरण गुप्ता की पीआईएल पर दिया। खंडपीठ के समक्ष प्रार्थी ने कहा कि सीएम गहलोत ने व्यक्ति विशेष की बजाय न्यायपालिका पर करप्शन का आरोप लगाया है। उनका बयान पूरी न्यायपालिका को कठघरे में खड़े करने जैसा है। सीएम ने अदालत की आपराधिक अवमानना की है, इसलिए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लिया जाए।
पीआईएल में यह कहा
सीएम गहलोत ने जान-बूझकर न्यायपालिका पर करप्शन का आरोप लगाया है। बयान देकर छवि को नुकसान पहुंचाया है। इधर, विधायक मदन दिलावर ने भी शनिवार को बीसीआर सदस्य व अधिवक्ता डॉ. महेश शर्मा के जरिए अवमानना याचिका दायर की। वहीं, बीसीआर के को-चेयरमैन भुवनेश शर्मा, अधिवक्ता मनु भार्गव व सौरभ सारस्वत ने भी गहलोत के खिलाफ हाईकोर्ट में आपराधिक अवमानना याचिका दायर की।
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