जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
आम आदमी को फ्री की दो ही चीजें दीजिए- शिक्षा व स्वास्थ्य। मनरेगा पर भारी पैसा लग रहा है, इसका मॉडल बदलिए। चीन की तरह कीजिए। घरों में कच्चा माल, मशीनरी दिलाइए। इलेक्ट्रिक आइटम व अन्य प्रोडक्ट बनवाइए, सरकार उन्हें खरीदे और बाजार में बिकवाए।
राज्य की आय बढ़ेगी, बेरोजगार को साधन मिलेगा। दरअसल, सीएम अशोक गहलोत के विजन-2030 डॉक्यूमेंट के लिए अब तक 3 करोड़ 14 लाख 66 हजार 312 सुझाव आए हैं। ये सुझाव विषय विशेषज्ञों ने नहीं बल्कि प्रदेश के आमजन ने दिए हैं।
विपक्ष ने उठाए थे सवाल
विपक्ष भले ही इस तरहे डॉक्यूमेंट पर सवाल उठा रहा हो, लेकिन गहलोत का मानना है कि ऐसा ब्लू प्रिंट बनना ऐतिहासिक पहल है। हालांकि, प्रथम दृष्टया आंकड़ा अविश्वसनीय लगता है, लेकिन सरकार ने सभी विभाग, मल्टीपल टीमें, ऑनलाइन-ऑफलाइन सर्वे, हर पंचायत ग्राम सभाएं, हर सरकारी स्कूल में प्रतियोगिताएं सहित ऐसा कोई माध्यम नहीं छोड़ा, जिसके जरिए सुझाव न लिए हो।
एक आकलन के मुताबिक करीब 4.80 लाख लोग सर्वे करवाने में जुटे हैं। प्रदेश की जनता क्या सोचती है और क्या चाहती है, इसे समझने के लिए भास्कर ने इन पूरे सुझावों का अध्ययन किया। लोगों ने कहा, सरकार की योजनाएं अच्छी हैं, लेकिन देश में भी अच्छा काम हो रहा है। एक व्यक्ति ने लिखा, सरकार की योजनाएं मध्यम व गरीब वर्ग के लोगों के लिए उपयोगी हैं लेकिन सरकार को फ्री की दो ही स्कीम चलानी चाहिए- शिक्षा और चिकित्सा।
इसके बाद स्थाई रोजगार के अवसर बढ़ाने चाहिए। इसके लिए ब्लॉक स्तर पर औद्योगिक इकाइयां विकसित करनी चाहिए। एक अन्य सुझाव आया, महिलाओं को मोबाइल देना गलत नहीं है लेकिन सरकार कक्षा 10-12 के छात्रों के लिए हर स्कूल में डिजिटल बोर्ड उपलब्ध करवा कर ऑनलाइन क्लास की सुविधा दिलवा सकती है। शिक्षकों की भारी कमी है। ऐसे में कोर्स समय पर पूरा हो सकेगा।
सर्वे में ये लोग जुटे: करीब 3 लाख कार्मिकों ने मोबाइल एप से फील्ड में सर्वे किया। करीब 11 हजार ग्राम विकास अधिकारियों ने पंचायतों में सुझाव इकट्ठे किए। बीस हजार विद्यालयों के शिक्षकों ने निबंधों का अध्ययन किया। राज्य स्तर पर विभिन्न विभागों के दो से ढाई हजार अधिकारियों-कर्मचारियों ने विभिन्न माध्यमों से प्राप्त सुझावों में से उपयोगी सुझाव छांटे।
विजन-2030 डॉक्यूमेंट के लिए 4.80 लाख लोगों के जरिए सर्वे, लोगों ने सीएम गहलोत के काम को दी शाबासी, दर्द भी गिनाए
1. सबसे बड़ा दर्द भ्रष्टाचार
- पूरा सिस्टम कैशलेस हो, नौकरशाह-नेता घूस न ले पाएं।
- ठेकेदारों के काम व मटेरियल की न्यूनतम 5 साल गारंटी लें। शिकायत पर सदा के लिए ब्लैक लिस्ट करें।
- भ्रष्टाचार मामलों में अभियोजन स्वीकृति की बाध्यता खत्म हो। तय समय में केस चले। घूसखोर नौकरशाहों को केस चलने तक वेतन 25% ही मिले। भ्रष्ट नेता हटाए जाएं।
- खाद सब्सिडी सीधे किसान के खाते में आए, डिस्ट्रीब्यूटर मार्जिन खा जाते हैं।
2. नेताओं-अफसरों से त्रस्त
- आपकी योजनाएं अच्छी हैं लेकिन पुलिस का रवैया ठीक नहीं। पुलिस फरियादी की सुने, एमएलए के दबाव में न आए।
- नौकरशाहों को 3 वर्ष से अधिक एक जगह न रखें। बदलते रहें ताकि कार्यकुशलता बढ़े, पारदर्शिता आए।
3. रोजगार पर सर्वाधिक सुझाव
- संविदाकर्मियों को नियमित किया जाए।
- नकल माफिया पर नकेल लगे, परीक्षाओं में भ्रष्टाचार खत्म हो, वक्त पर रिजल्ट आएं, भर्तियां हों।
- आत्मनिर्भर बनाने की योजनाओं पर ध्यान दिया जाए।
- युवा बोर्ड में कॅरिअर, प्लेसमेंट सेल बनाएं।
- पांचवीं कक्षा से कृषि पढ़ाएं। व्यावसायिक शिक्षा दें।
4. प्रशासनिक काम में जवाबदेही, तेजी आए
- सरकारी विभागों-संस्थाओं का कंसोलिडेशन, रेशनलाइजेशन हो ताकि उपलब्ध संसाधनों का पूरा उपयोग हो सके।
- राजस्व कानूनों व नियमों का सरलीकरण हो।
- सुशासन के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग हो।
- गारंटीड सर्विस डिलीवरी एवं जवाबदेही और गारंटीशुदा सेवा प्रदायगी एवं जवाबदेही विधेयक पारित किया जाए।
5. दूसरे राज्यों के मॉडल गिनाए
- तमिलनाडु व कर्नाटक की तरह आईटी सेक्टर डेवलप करें। स्टार्ट अप्स को बढ़ावा दिया जाए।
- यूपी की तरह श्रमिकों को न्यूनतम ~5 हजार प्रतिमाह दें।
- शिक्षा व्यवस्था दिल्ली की तरह हो।
- वित्तीय प्रबंधन- गैस, डीजल, पेट्रोल की दरें कम की जाएं।
6. जिंदगी आसान करने वाले आइडिया
- सड़कें 30 वर्षों के ट्रैफिक दबाव के मद्देनजर बनें।
- ग्रीन बेल्ट योजना में 1400 किमी लंबी 20 किमी चौड़ी वृक्षों की दीवार बने, ताकि रेगिस्तान सीमित रहे, वर्षा अच्छी हो।
7. पुलिस के तौर तरीकों पर सवाल उठाए
- पुलिस गरीबों के साथ न्याय नहीं कर रही। ज्यादातर थानेदार जेब भरने में लगे हैं। इस पर लगाम लगाएं।
हमारा भरोसा जनसहभागिता आधारित विकास पर रहा है। जनता से सुझाव लेना इसी सोच का परिणाम है। 5 साल में प्रदेश अपूर्व प्रगति कर मजबूत बना है। 2030 तक सबसे प्रगतिशील राज्य बनाएंगे।
-अशोक गहलोत, सीएम
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