श्रीगंगानगर - राकेश शर्मा
भामाशाह सेठ सुशील कुमार बिहाणी की पुण्यतिथि पर श्रीगंगानगर में प्राइवेट स्कूल के अध्यापकों के लिए पहली बार ‘आदर्श शिक्षक सम्मान’ शुक्रवार को बिहाणी एसडी पीजी कॉलेज के ऑडिटोरियम में समारोहपूर्वक संपन्न हुआ। चौथे राउंड में पहुंचे 24 शिक्षकों के मंच पर साक्षात्कार के बाद फाइनल अंकों को जोडक़र चारों कैटेगरी में 12 विजेता शिक्षकों के नाम घोषित किये गये। आदर्श शिक्षक सम्मान के लिये 17 विद्यालयों के लगभग सौ शिक्षकों ने आवेदन किये थे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बीएसएफ के डी.आई.जी. सतेन्द्र गिरी थे। विशिष्ट अतिथि बीएसएफ के सी.ई.ओ. एस.आर. खान थे। अध्यक्षता सेठ जीएल बिहाणी सनातन धर्म शिक्षा ट्रस्ट के अध्यक्ष जयदीप बिहाणी ने की। समारोह की शुरूआत बीसीए की छात्राओं द्वारा मां सरस्वती वंदना से हुई।
मदर्स टीचर्स कैटेगरी में प्रथम आत्मवल्लभ जैन पब्लिक स्कूल की अध्यापिका पूजा रानी, द्वितीय बिहाणी चिल्ड्रन्स एकेडमी की प्रतिभा जुनेजा व तृतीय बिहाणी चिल्ड्रन्स एकेडमी की जसप्रीतकौर रहीं। सब जूनियर में बीडीआईएस स्कूल की नेहा डूमरा प्रथम, बीडीआईएस की राखी अरोड़ा द्वितीय व पाठशाला किड्स स्कूल की रश्मि सेठी तृतीय रही। जूनियर कैटेगरी में बिहाणी चिल्ड्रन्स एकेडमी की मोना अरोड़ा प्रथम, बिहाणी चिल्ड्रन्स एकेडमी की डॉ. रितु शर्मा द्वितीय व बीडीआईएस की मनीला अरोड़ा तीसरे स्थान पर रही। सीनियर कैटेगरी में सेक्रर्ड हार्ट पब्लिक स्कूल की अध्यापिका पारूल मुंजाल ने प्रथम, बीडीआईएस की जया तलवार द्वितीय व आत्मवल्लभ जैन पब्लिक स्कूल की अध्यापिका प्रियंका ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। चौथे और फाइनल राउंड के निर्णायकों के रूप में वरिष्ठ शिक्षाविद् श्री कैलाश भसीन, नोजगे पब्लिक स्कूल के एमडी डॉ. पी. सूदन व श्री गुरु हरिकृष्ण पब्लिक सीनियर सैकंडरी स्कूल के प्रिंसीपल एम.एस. विग थे। अतिथियों व निर्णायकों ने प्रथम पुरस्कार के रूप में 21000 रुपये, द्वितीय पुरस्कार 11 हजार रुपये व तृतीय पुरस्कार के रूप में पांच हजार रुपये नकद व प्रशस्ति पत्र विजेताओं को प्रदान किये। विजेता बनने से रहे शिक्षकों को भी प्रशस्ति पत्र प्रदान किये गये। कार्यक्रम आयोजन समिति के सदस्य सुमेश शर्मा व सिद्धार्थ बाघला को भी सम्मानित किया। चारों राउंड के निर्णायकों प्रो. कैलाश भसीन, डॉ. पी. सूदन, एम.एस. विग, बीएसएफ के सीईओ एस.आर. खान, डॉ. कविता चौधरी, डॉ. वरुण माहेश्वरी, नलिनी धींगड़ा, डॉ. महेश कटारिया, समाजसेवी कृष्ण बृहस्पति, ज्योति ढोढ़ी व जितेंद्रप्रीतकौर को स्मृति चिन्ह प्रदान किये गये। समारोह को संबोधित करते हुए डीआईजी सतेन्द्र गिरी ने कहा कि शिक्षक बच्चे के जीवन में मां से अधिक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। वह बच्चे को संस्कारित, शिक्षित बनाकर चरित्रवान बनाकर जिम्मेदार नागरिक बनाता है। श्री गिरी ने कहा कि इस आयोजन से शिक्षकों में नये जोश और उत्साह का संचार होगा और वे विद्यार्थियों के चारित्रिक उत्थान के लिये और भी जिम्मेदारी से अपना कार्य करेंगे।
----भारत की गुरु-शिष्य परंपरा पूरे विश्व में सर्वश्रेष्ठ---
वरिष्ठ शिक्षाविद् प्रो. भसीन ने कहा कि गुुरु-शिष्य परंपरा पूरी दुनिया में सर्वश्रेष्ठ है और यह संंबंध श्रद्धा से जुड़ा हुआ है। शिक्षकों को पहले स्वयं में नर से नारायण बनने का बोध कराना है और फिर विद्यार्थी में। यदि हम ऐसा करने में सफल हो गये तो यह बहुत बड़ी उपलब्धि होगी। डॉ. पी. सूदन ने कहा कि श्रीगंगानगर इस आयोजन के लिये बिहाणी ट्रस्ट का आभारी रहेगा। आज यह आयोजन श्रीगंगानगर ही नहीं, पूरे राजस्थान के लिये मिसाल बनने जा रहा है। एम.एस. विग ने शिक्षा को नोबेल प्रोफेशन बताते हुए कहा कि विद्यार्थी जीवन में प्रत्येक जीवन की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। शिक्षा नीतियों में बदलाव आ रहा है, इसलिये प्रत्येक शिक्षक को समय के साथ खुद को अपडेट करते रहना चाहिये। अतिथियों का धन्यवाद करते हुए जयदीप बिहाणी ने कहा कि यह आयोजन भामाशाह सेठ सुशील कुमार बिहाणी जी की स्मृति को चिरस्थायी बनाने के लिये उन शिक्षकों को समर्पित है जिन के मजबूत कंधों पर शिक्षा जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। श्री बिहाणी ने कहा कि शिक्षा चाहे कितनी भी आधुनिक हो जाए, लेकिन गुरु-शिष्य परंपरा के बिना समृद्ध भविष्य और समृद्ध राष्ट्र की कल्पना करना बेमानी है। आधुनिकता विद्यार्थी को लिखी हुई पाठ्य सामग्री उपलब्ध करवा सकती है, लेकिन संस्कार केवल गुरु ही प्रदान ही कर सकता है।
---समारोह में इनकी रही उपस्थिति---
कार्यक्रम में श्रीमती किरणदेवी बिहाणी, श्रीमती कुसुमलता बिहाणी, श्रीमती सविता बिहाणी, श्रीमती रंजना बिहाणी, विधि एवं पीजी कॉलेज के उपाध्यक्ष दीपक जैन, विधि महाविद्यालय के सचिव विमल बिहाणी, बीसीए के उपाध्यक्ष श्री हिमांशु बिहाणी, एसडी पीजी कॉलेज प्रबंध समिति के सचिव नीरज बिहाणी, फार्मेसी महाविद्यालय के सचिव डॉ. आदित्य पेड़ीवाल बीएड कॉलेज के सचिव महेश कुमार माहेश्वरी, एड. वीरेन्द्र सिहाग, ट्रस्ट के निदेशक राजेंद्र राठी, अकादमिक निदेशक डॉ. एम.एल. शर्मा, अकादमिक उप-निदेशक कमलजीत सिंह सूदन, शिक्षण संस्थाओं के प्राचार्य डॉ. वरुण माहेश्वरी, डॉ. कविता चौधरी, प्रो. संजीव ठक्कर, सिमरन भाटिया, अशोक ग्रोवर सहित बड़ी संख्या में शिक्षक उपस्थित रहे।
0 टिप्पणियाँ