जयपुर में भी मध्य प्रदेश के सीधी जैसा पेशाब कांड सामने आया है। राजस्थान के जमवारामगढ़ इलाके में एक दलित ने आरोप लगाया कि उसका अपहरण करके उसे पीटा गया, डिप्टी एसपी शिवकुमार भारद्वाज ने उसके ऊपर पेशाब की। इसके बाद कांग्रेस विधायक गोपाल मीणा ने उनसे जूते चटवाए। विधायक और डिप्टी एसपी समेत चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।
विधायक गोपाल मीणा का कहना है कि इस मामले से मेरा कोई लेना-देना नहीं है। ये जमीन से जुड़ा विवाद है। आरोप तो कोई भी लगा सकता है। मामले की जांच में दूध का दूध पानी का पानी सामने आ जाएगा।
51 साल के पीड़ित ने बताया- गांव टोडालडी आंधी में वह जमीन की सार-संभाल करता है। 30 जून दोपहर करीब 1 बजे वह पत्नी और साथी के साथ खेत पर काम कर रहा था। अचानक पुलिस वाले आए और जबरदस्ती गाड़ी में पटककर किडनैप कर MLA गोपाल मीणा के घर ले जाकर एक कमरे में बंद कर दिया। थोड़ी देर बाद कमरे में आए पुलिसकर्मियों ने उसे नीचे पटक दिया और गालियां देते हुए मारपीट की।
छोड़ने के लिए गिड़गिड़ाने पर डिप्टी शिव कुमार भारद्वाज ने उसके मुंह पर पेशाब कर दिया। कहा- जमवारामगढ़ के राजा गोपाल मीणा को बिना नजराना दिए टोडालडी में तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई खेत में आने की। भारद्वाज ने मारपीट कर उसे धमकाया कि MLA की अवहेलना करने का परिणाम तूने देख लिया है। उसे फिर हॉल में ले गए।
आरोप- जूते जीभ से साफ करने के लिए कहा
आरोप है कि हॉल में MLA गोपाल मीणा अपनी चेयर पर बैठे थे। साथ में काम करने वाले शंकर ने वहां आकर MLA गोपाल मीणा के पैरों में गिड़गिड़ाकर छोड़ने के लिए कहा। MLA गोपाल मीणा ने कहा- जब तक ये मेरे जूते जीभ से साफ नहीं करेगा। तब तक नहीं जाने दूंगा। जान बचाने के लिए MLA के जूते जीभ से साफ कर वहां से निकला।
विधायक बोले- पूर्व डीजी की जमीन का मामला
विधायक गोपाल मीणा ने कहा- मामला पूर्व डीजी नवदीप सिंह और उनकी पत्नी परम नवदीप की जमीन से जुड़ा है। ये लोग मुझ पर दबाव बनवाकर जमीन पर कब्जा दिलवाना चाहते थे। मैं पीड़ित को नहीं जानता। इस मामले से मेरा कोई लेना-देना नहीं। विधायक पर आरोप होने के चलते मामले की जांच सीबी सीआईडी भी कर रही है।
भारद्वाज ने जाते-जाते धमकी दी कि जो बिगाड़ना है बिगाड़ लेना। सरकार हमारी है, MLA हमारा है। हमारी नियुक्ति MLA गोपाल मीणा के आदेश पर ही तो होती है। दोबारा टोडालडी वाले खेत पर दिख भी गया तो जान से मरवा देंगे और लाश का पता भी नहीं चलेगा।
पुलिस पर केस न दर्ज करने का आरोप
पीड़ित के मुताबिक कुछ दिनों के बाद जब वह थाने में मामला दर्ज करवाने पहुंचा तो पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया। इसके बाद पीड़ित ने एसपी ग्रामीण और डीजीपी तक से गुहार लगाई। मगर मामला दर्ज नहीं हुआ। परेशान होकर पीड़ित ने कोर्ट की शरण ली और कोर्ट के माध्यम से 27 जुलाई को पूरे मामले की FIR जमवारामगढ़ थाने में दर्ज करवाई गई।
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