जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

नए ​जिलों के उद्घाटन समारोह में सचिन पायलट समर्थक विधायक वेद प्रकाश सोलंकी को मंच पर नहीं जाने दिया गया। सोलंकी बिड़ला ऑडिटोरियम में उद्घाटन समारोह में शामिल होने पहुंचे थे। सोलंकी मंच पर जाने लगे तो सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक दिया, इस पर सोलंकी ने नाराजगी जाहिर की। मंच पर नहीं जाने देने से नाराज सोलंकी ऑडिटोरियम से बाहर चले गए।

ऑडिटोरियम के बाहर मौजूद पुलिस अफसरों से भी सोलंकी बहस करते दिखे। पुलिस अफसर बाहर भी आए और सोलंकी से कहा कि कुछ कंफ‌्यूजन हो गया, आप हमारे साथ चल सकते हैं। बाद में नाराज सोलंकी अंदर कार्यक्रम में नहीं गए। पुलिस अफसरों ने तर्क दिया कि कुछ गलतफहमी की वजह से ऐसा हो गया।

मंच पर जाने से रोकने के मामले में सोलंकी ने गहरी नाराजगी जताई है। वेद प्रकाश सोलंकी ने कहा- मैं अंदर गया था, हम मंच पर जाना चाह रहे थे लेकिन पुलिस वालों ने हमें मंच पर नहीं जाने दिया। मैंने उनसे कहा कि हमारे जनप्रतिनिधियों के बैठने की जगह है वहां पर बैठा दीजिए। पुलिस अफसरों ने वहां भी नहीं बैठाया। पुलिस वाले टरकाते रहे। अब पुलिस वालों ने क्यों रोका,किसके कहने से रोका,यह तो वे ही बता सकते हैं? लगता है कोई मुख्यमंत्री के कामों पर पानी फेरना चाहता है।

हम तो सीएम को धन्यवाद देने आए थे, फिर भी क्यों रोका?
सोलंकी ने कहा-हम तो मुख्यमंत्री और राजस्व मंत्री को धन्यवाद देने आए थे कि हमारी आशा के अनुसार नया जिला जयपुर ग्रामीण बनाया है। सीएम ने हमारे चाकसू विधानसभा क्षेत्र के माधोराजपुरा को दूदू में जाने से रोक दिया, इस बात का हम धन्यावाद देने आए थे। ऐतिहासिक पल था जब जयपुर ग्रामीण जिले की स्थापना हो रही थी, हम उसके गवाह बनने के लिए आए थे, लेकिन जब मैं मंच पर जाने लगा तो कुछ पुलिसकर्मियों ने रोका। क्यों रोका, क्या उनके पास कोई रोकने वालों की लिस्ट थी, या मुझे रोकने के आदेश दिए गए थे।

न मंच पर जाने दिया न सीएम से मिलने दिया

सोलंकी ने कहा-हम शिकायत किससे करें, इस बात पर तो मुख्यमंत्री ध्यान दें कि हमारी सरकार इतना अच्छा काम कर रही है लेकिन कुछ अफसर इस पर पानी फेरने में लगे हुए हैं। मुख्यमंत्री ने इतने जिले बनाए हैं, राहत कैंप लगाए हैं। अच्छा माहौन बन रहा है,लेकिन कुछ अधिकारी कर्मचारी ऐसे हैं जो सब बिगाड़ रहे हैं। सब शांति से चल रहा है उसके बाद इस तरह की परिस्थितियां बना रहे हैं। कुछ पुलिस अफसर माहौल बिगाड़ रहे हैं। इनको एक जनप्रतिनिधि को जिला उद्घाटन समारोह के मंच पर जाने से रोकने का अधिकार किसने दिया। जयपुर ग्रामीण के बाकी विधायक भी वहां थे, मुझे न मंच पर जगह दी गई न सम्मानजनक बैठने की दूसरी जगह दी गई। कार्यक्रम खत्म होने के बाद मैं मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी बात कहना चाहता था लेकिन उनसे भी नहीं मिलने दिया, मुख्यमंत्री ने ध्यान ही नहीं दिया। विधायक का इस तरह अपमान होता रहे तो क्या तुक है?