जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह द्वारा किए गए मानहानि के केस में आज एक बार फिर सीएम अशोक गहलोत दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए। आज कोर्ट में गहलोत की ओर से प्रार्थना पत्र पेश करके कहा गया कि मामले में शिकायतकर्ता तीन पेशियों से उपस्थित नहीं हो रहे है। ऐसे में उन्हें इस मामले से बरी किया जाए।
इसे लेकर उनके वकीलों ने अन्य अदालतों के फैसले भी कोर्ट के सामने रखें। उन्होंने कहा- मानहानि के केस में शिकायकर्ता का भी उपस्थित रहना जरूरी है। गजेन्द्र सिंह ने कोर्ट में हाजिरी माफी भी नहीं लगा रखी हैं। वहीं, लगातार तीन पेशियों से वह कोर्ट में उपस्थित भी नहीं हो रहे हैं। गहलोत के पार्थना पत्र पर अदालत 6 सितम्बर को सुनवाई करेगी।
गजेन्द्र सिंह की ओर से दिए गए डॉक्यूमेंट्स व सीडी
दरअसल, केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने सीएम अशोक गहलोत द्वारा संजीवनी घोटाले में उन्हें और उनके परिवार को आरोपी बताने के मामले में मानहानि का दावा किया था। जिस पर राउज एवेन्यू कोर्ट ने 6 जुलाई को सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ समन जारी किया था।
इसके खिलाफ गहलोत ने सैशन कोर्ट में रिवीजन फाइल की थी। उन्हें वहां से राहत नहीं मिली थी। रिवीजन कोर्ट में सीएम गहलोत को केवल वीसी के जरिए पेश होने की छूट दी थी। इसके बाद से गहलोत तीन बार कोर्ट में वीसी के जरिए पेश हो चुके है। आज मामले में शिकायतर्ता गजेन्द्र सिंह की ओर से डॉक्यूमेंट्स व सीडी गहलोत पक्ष को दी गई। अब 6 सितम्बर को मामले की सुनवाई होगी
एसओजी ने जो बताया वो बोला
रिवीज़न कोर्ट में 1 अगस्त को सुनवाई के दौरान सीएम अशोक गहलोत की ओर से कहा गया था कि उनके पास गृह विभाग भी हैं। गृहमंत्री होने के नाते एसओजी उन्हें रिपोर्ट करती हैं। एसओजी ने केस को लेकर जो उन्हें जानकारी दी। उसे सीएम अशोक गहलोत ने मीडिया के साथ साझा किया। एसओजी को मिली शिकायत में गजेन्द्र सिंह के परिवार का नाम भी है।
वहीं, गजेन्द्र सिंह शेखावत के अधिवक्ताओं ने बहस करते हुए कहा था कि हमारा किसी भी शिकायत में नाम नहीं था। मानहानि का केस दर्ज होने के बाद एसओजी द्वारा इस मामलें में कथित तथ्य जुटाए गए।
करीब 6 माह पहले गहलोत ने दिया था बयान
करीब पांच माह पहले केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ मानहानि का दावा पेश किया था। गजेन्द्र सिंह ने संजीवनी घोटाले में उनके परिवार के बारे में दिए गए अशोक गहलोत के बयान को आधार बनाया था। दरअसल, गहलोत ने 21 फरवरी को सचिवालय में बजट की समीक्षा बैठक के बाद कहा था कि संजीवनी घोटाले में गजेंद्र सिंह के मां-बाप, पत्नी सहित पूरा परिवार शामिल है। इस घटना से पहले भी दोनों नेताओं के बीच लगातार बयानबाजी होती आई है।
केस को लेकर गहलोत ने कहा था, स्वागत है
मानहानि केस को लेकर सीएम अशोक गहलोत ने भी केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह पर हमला बोला था। गहलोत ने कहा था कि पूरा घोटाला कागजों पर है। गजेंद्र सिंह के मानहानि केस का स्वागत है। कम से कम इस बहाने केस आगे तो बढ़ेगा। उन्होंने पीएम मोदी को संबोधित करते हुए कहा था कि उन्हें गजेन्द्र सिंह को अपने मंत्रिमण्डल से हटाना चाहिए हैं।
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