जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

सीएम अशोक गहलोत ने पीएम मोदी और केंद्र सरकार पर फिर सियासी हमला बोला है। गहलोत ने कहा- ऐसी स्थिति पहली बार आ रही है कि सरकार का विरोध कर दो तो आपको देशद्रोही करार दिया जाता है। वह अलग सब्जेक्ट है, लेकिन मन में मुझे इतना गुस्सा आता है कि देश में हो क्या रहा है? देश में तमाशा बना रखा है। हम नहीं बोलेंगे तो इतिहास हमें माफ नहीं करेगा। स्थिति बहुत गंभीर बनती जा रही है। गहलोत जयपुर में अस्पताल और मेडिकल संस्थानों से जुड़े भवनों के वर्चुअल लोकार्पण समारोह में बोल रहे थे।

गहलोत ने कहा- केंद्र से इस तरह की हरकतें होंगी तो देश किस दिशा में जाएगा। यही तो हम शिकायत कर रहे हैं। आज हम क्यों कह रहे हैं कि लोकतंत्र खतरे में है। संविधान की धज्जियां उड़ रही है। ईडी, इनकम टैक्स, सीबीआई आ रही है। इस तरह के हालात दुर्भाग्यपूर्ण हैं। आज छत्तीसगढ़ में छापे पड़ गए। आज छत्तीसगढ़ सीएम का बर्थडे है। उनको ईडी ने छापे डालकर गिफ्ट दे दिया। छह महीने से वहां पर छापे डाले जा रहे हैं। देश में ये जो तमाशे हो रहे हैं। वह उचित नहीं है।

सीएसएस फंड वाली स्कीम्स का उद्घाटन करने राज्यों में पीएम नहीं जाते थे

गहलोत ने कहा- सीएसएस वाली योजनाओं में फंड केंद्र देता है। राज्य को अपना हिस्सा मिलाता है। सीएसएस फंड वाले प्रोजेक्ट्स के उद्घाटनों में पहले के प्रधानमंत्री कभी नहीं जाते थे। सीएसएस फंडेड योजनाओं में पहले 80 से 90 फीसदी तक पैसा केंद्र देता था। अब तो घटाकर 60 फीसदी कर दिया है। सीकर में प्रधानमंत्री आए। मेरी प्रधानमंत्री से शिकायत यह है कि आप राजस्थान आए हो, मेडिकल कॉलेज हमारे यहां बन रही है। हमारे काम आएगी। स्कीम हमारी है। जमीन हमने दी है। पैसा हमने दिया है।

यह यूपीए सरकार के वक्त ही नीति बन गई थी कि हर जिले में मेडिकल कॉलेज बनेगा। राजस्थान सरकार वो है। इसने समय से सारी औपचारिकताएं पूरी की। इसलिए हमें मेडिकल कॉलेज मिल गए। राजसमंद, प्रतापगढ और जालोर में हमने खुद के खर्चे पर मेडिकल बनवाने का फैसला किया। यह हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता में है।

प्रधानमंत्री जांच कराएं किस कारण से मुख्यमंत्री का भाषण से नाम काटा

गहलोत ने कहा- इन सबके बावजूद भी प्रधानमंत्री राजस्थान आए तो हम उनका स्वागत करते हैं। पीएम ने स्वागत करने का मौका ही नहीं दिया। कमाल हो गया, आप हमारी धरती पर आ रहे हो। हमारे यहां आकर प्रोग्राम को लॉन्च कर रहे हो। उद्घाटन कर रहे हो। आपने किस कारण से उस प्रोग्राम में राजस्थान के मुख्यमंत्री को नहीं जोड़ा? कहां चूक हुई, प्रधानमंत्री को चाहिए कि इसकी जांच करवाए। कहां किस अफसर ने गलती की। इसकी वजह से मेरा नाम भाषण देने वालों की लिस्ट से हटाया गया। उस प्रोग्राम में पहले मुख्यमंत्री का नाम लिखा हुआ था। प्रोग्राम मेरे पास आ गया था, लेकिन बाद में काट दिया।

प्रधानमंत्री पद की गरिमा की रक्षा करने मैंने नाम नहीं होते हुए भी प्रोग्राम अटैंड किया

गहलोत ने कहा- यह कोई मेरी बात नहीं है। देश के संघीय ढांचे की बात है। उस पर पीएम को कहना चाहूंगा कि किस कारण से एक राज्य के मुख्यमंत्री जिसका संघीय ढांचे में अधिकार है। उसे वंचित किया। उसके इंवाल्वमेंट के बिना प्रोग्राम हो ही नहीं सकता था। उन्होंने बिना मुख्यमंत्री के प्रोग्राम भी कर लिया। आपने स्पीच से नाम काट दिया, तब भी हमने आपका मान-सम्मान रखने के लिए उस प्रोग्राम को अटैंड किया। हम जानते हैं कि प्रधानमंत्री पद की गरिमा क्या होती है? उस पद की गरिमा की रक्षा करना हमारी ड्यूटी है। इसलिए हमने उस प्रोग्राम को अटैंड किया। मुझे दुख इस बात का है आजकल हो क्या गया है?

प्रधानमंत्री राज्य में आकर मुख्यमंत्री को प्रोग्राम में नहीं जोड़े, यह हम कैसे बर्दाश्त कर सकते हैं?

गहलोत ने कहा- प्रधानमंत्री बीकानेर में नेशनल हाईवे का उद्घाटन करने आए। हालांकि जिस हाईवे का उद्घाटन किया, वह पूरा नहीं बना है। 80 किलोमीटर सड़क अभी नहीं बनी है। फिर भी प्रधानमंत्री ने उसका उद्घाटन कर दिया, कोई बात नहीं। आपने उस प्रोग्राम में शामिल होने के लिए मुझे वीसी का लिंक ही नहीं दिया। राजस्थान में आकर आप प्रोग्राम कर रहे हो और स्टेट के मुख्यमंत्री को प्रोग्राम में नहीं जोड़ रहे हो। यह नई स्टाइल आ गई है। मैं इसे इसलिए रिकॉर्ड पर ला रहा हूं ताकि अन्य राज्यों के अंदर भी चाहे किसी पार्टी की सरकार हो राज्यों के अधिकारों का हनन करने का हक किसी को नहीं है।

राज्यों के अधिकारों के हनन का अधिकार किसी को नहीं

गहलोत ने कहा- राज्यों के अधिकारों के हनन का न प्रधानमंत्री को अधिकार है और न केंद्र सरकार को अधिकार है। इसे लेकर मैं प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखूंगा कि आप राजस्थान आए लेकिन आपने कैसे मुख्यमंत्री को उस प्रोग्राम से डीलिंक कर दिया।