राजस्थान में विधानसभा चुनाव की तारीख के ऐलान से पहले ही बहुजन समाज पार्टी ने अपने 5 प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर दी है। BSP की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती के निर्देश पर राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष भगवान सिंह बाबा ने करौली से रविंद्र मीणा, खेतड़ी से मनोज घुमरिया, धौलपुर शहर से रितेश शर्मा, भरतपुर के नगर से खुर्शीद अहमद और भरतपुर के नदबई से खेमकरण तौली को 2023 के चुनावी मैदान में उतारा है।
राजस्थान BSP के प्रदेशाध्यक्ष भगवान सिंह बाबा ने बताया- दूसरी लिस्ट के साथ ही पार्टी अब तक 5 प्रत्यशियों की घोषणा की जा चुकी है। इस बार हम सभी मापदंडों पर परखकर ही प्रत्याशियों का चुनाव करेंगे। जैसे-जैसे प्रत्याशियों के नाम फाइनल होते जाएंगे। हम उनकी उसी तरह घोषणा करते चले जाएंगे। ताकि उन्हें जनता के बीच रहने के साथ ही चुनावी तैयारी के लिए ज्यादा से ज्यादा वक्त मिल सके।
भगवान सिंह बाबा ने बताया- इस बार के विधानसभा चुनाव में BSP राजस्थान की 200 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी। हमारा फोकस लगभग 60 विधानसभा सीटों पर ही रहेगा। जहां हमारी पार्टी के कार्यकर्ता और वोटर्स है। बता दें कि 60 में से 39 सीटों पर बीएसपी कांग्रेस और बीजेपी को टक्कर दे सकती है।
राजस्थान में इस बार होने जा रहे विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस को BSP टक्कर देती नजर आ सकती है। 200 सीटों वाली राजस्थान विधानसभा में BSP 60 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। इनमें भी BSP का सबसे ज्यादा फोकस भरतपुर, धौलपुर, करौली अलवर, सवाई माधोपुर, दौसा, सीकर, झुंझुनू, चूरू, हनुमानगढ़, गंगानगर, बाड़मेर, जालोर और सिरोही जिलों की विधानसभा सीटों पर रहेगा।
राजस्थान में 39 सीटें अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए सुरक्षित हैं। जिनपर BSP का पूरा फोकस है। ये वो सीटें हैं जहां पर जो अब तक कांग्रेस मजबूत स्थिति में है। ऐसे में देखना होगा BSP की मौजूदगी इस चुनाव में किसको नुक्सान और फायदा पहुँचती है।
बता दें कि इससे पहले साल 2018 में राजस्थान में हुए विधानसभा चुनाव में BSP को 6 सीटों पर जीत मिली थी। इनमें उदयपुरवाटी से राजेंद्र गुड़ा, नदबई से जोगिंदर सिंह अवाना, भरतपुर के नगर से वाजिद अली, करौली से लाखन मीणा, तिजारा से संदीप यादव और अलवर के किशनगढ़ बास से दीपचंद खेरिया BSP के टिकट पर चुनाव जीत कर आए थे। हालांकि कुछ वक्त बाद इन सभी ने कांग्रेस के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का समर्थन दे दिया और कांग्रेस में शामिल हो गए थे। जिसके बाद से ही लगातार मायावती अशोक गहलोत और कांग्रेस पर हमलावर है।
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