झुंझुनू ब्यूरो रिपोर्ट। 

पेंशन उठाने के लिए जन आधार कार्ड में प्रदेश स्तर पर बड़ा फर्जीवाड़ा हो रहा है। झुंझुनूं में एक के बाद एक फर्जीवाड़ा सामने आ रहा है। अकेले झुंझुनूं में 10 दिन में तीन से चार ऐसे केस सामने आ चुके हैं, जिनमें पेंशन उठाने के लिए फर्जीवाड़ा कर एक दर्जन से अधिक नाम जोड़ दिए गए। यह सारा फर्जीवाड़ा एक ही जगह से किया जा रहा है। एक ही एसएसओ आईडी को काम में लिया गया है। वहीं इस मामले में झुंझुनूं के अधिकारियों से बात की गई तो वे एक दूसरे पर दोष देते नजर आए।

अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान

झुंझुनूं में दो जन आधार कार्ड ऐसे मिले जिनमें 16 फर्जी नाम जोड़े गए हैं। दोनों ही कार्ड को बिना जांचे दो स्तर से जारी कर दिया गया। जन आधार कार्ड में एडिटिंग के बाद तीन स्तर पर जांच होती है। अगर व्यक्ति शहरी क्षेत्र का है तो सबसे पहले नगर परिषद, उसके बाद एसडीएम कार्यालय में जांच की जाती है। इसके बाद जयपुर से जांच होकर जन आधार कार्ड जारी किया जाता है। सबसे बड़ा सवाल ये है कि संबंधित अधिकारियों ने बिना जांच किए ही दो लेवल पर जन आधार कार्ड को कैसे जारी कर दिया। जबकि जन आधार कार्ड में नाम जोड़ने की प्रक्रिया तीन स्तर पर होती है।

केस नंबर 1

झुंझुनूं के आनंदपुरा की कल्पना के जन आधार कार्ड में 16 नाम जोड़ दिए गए थे। जिसमें भालू, शेर, पांडा व फूल को सदस्य बनाया गया था। इसमें पेंशन उठाने के लिए उदयपुर व प्रतापगढ़ जिले के 15 पीपीओ नंबर जोडे़ गए थे। इस कार्ड में भी जिला स्तर पर अधिकारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई थी।

कार्ड में 16 मई 2023 को एक कल्पना नाम के साथ फूल की फोटो लगाकर फर्जी नाम जोड़ा गया था, जिसको तीनों लेवल बिना जांचे ही जारी कर दिया गया था। इसके बाद 8 अगस्त को शेर, भालू, फूल व पांडा की फोटो के साथ 15 नाम जोड़ने की कोशिश की गई। अगर पीड़ित फसल मुआवजे को लेकर ग्राम पंचायत नही पहुंचती तो ये भी जारी कर दिया जाता।

केस नंबर 2

24 अगस्त को झुंझुनूं के वार्ड नंबर 1 निवासी नूर बानो महंगाई राहत कैंप में रजिस्ट्रेशन कराने पहुंची थी। जैसे ही जन आधार कर्मचारी दिया तो वह दंग रह गया। जन आधार कार्ड में 16 फर्जी नाम जोड़े हुए थे। कार्ड मुस्लिम महिला का था, लेकिन नाम हिंदू व्यक्तियों के जुडे़ हुए थे। इन सब में पेंशन के पीपीओ नंबर जोडे़ हुए थे, जो सभी उदयपुर जिले के थे। इसमें नगरपरिषद व उपखण्ड़ कार्यालय से बिना जांचे जारी कर दिया गया।

सबमें एक ही कॉमन SSO ID से फर्जीवाड़ा

इन दोनों जन आधार कार्ड के अलावा एक दो और ऐसे केस सामने आए हैं, जिनमें एक ही जैसा फर्जीवाड़ा हुआ है। इन सभी में एक चीज कॉमन है की एक ही एसएसओ आईडी से फर्जीवाड़ा किया गया है। पीपीओ नंबर भी एक ही जगह उठाए गए हैं। ये तो झुंझुनूं में सामने आया फर्जीवाड़ा है । अगर प्रदेश स्तर की बात की जाए न जाने कितनों के नाम से पेंशन उठाई जा रही है। एक अधिकारी ने अन ऑफिशियली बताया कि इस फर्जीवाड़े को जयपुर के बस्सी से अंजाम दिया जा रहा है। एक्सपर्ट जांच में जुटे हुए हैं। जल्द ही इसका खुलासा होगा।

एक्सपर्ट व्यू- सरकारी योजनाओं के लाभ का लालच

घनश्याम गोयल ने बताया कि जन आधार कार्ड में फर्जी तरीके से नाम जोड़ने का एक ही उद्देश्य हो सकता है। राज्य सरकार जनकल्याण योजना का फायदा उठाने के लिए ये सब किया जा रहा है। दूसरे व्यक्ति के पीपीओ नंबर जोड़कर पेंशन उठाने के लिए ये फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। शायद बहुत बडे़ स्तर पर ये फर्जीवाड़ा चल रहा हो। तीन ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। यह सब एक ही आईडी से फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। इस मामले को लेकर जांच को जयपुर भेजा गया है, जैसे ही पता चलेगा तो कार्रवाई की जाएगी।

डॉक्यूमेंट शो नहीं करते

इस मामले झुंझुनू एसडीएम सुप्रिया से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि मामला संज्ञान आया है। एक कार्ड में इसी तरह की गलती हुई है या एडिटिंग की गई है, जो भी मामला है जांच की जा रही है। वहीं उन्होंने कहा कि हमारे पास नगर परिषद से अप्रूव होने के बाद आता है। हमें यहां डॉक्यूमेंट शो नहीं करते हैं। ये सिर्फ नगरपरिषद में ही दिखता है। नगर परिषद को हिदायत दी जाएगी कि आगे से सही से जांच की जाए।